बिजली न बिस्तर, रैन बसेरों में कैसे कटेगी रात
जागरण संवाददाता,मेरठ : हाड़ कंपाने वाली ठंड से शहरवासी बेहाल हैं। बंद कमरे में रजाई औ
जागरण संवाददाता,मेरठ : हाड़ कंपाने वाली ठंड से शहरवासी बेहाल हैं। बंद कमरे में रजाई और कंबल में भी ठंड पीछा नहीं छोड़ रही है ऐसे में सड़क पर रात गुजारने और फुटपाथ पर सोने वालों की कल्पना सहज ही की जा सकती है। दैनिक जागरण ने नगर निगम द्वारा ऐसे लोगों के लिए बनाए गए रैन बसेरों का बुधवार को जायजा लिया तो गंदगी से अटे पड़े रैन बसेरों में कई में फटे पुराने बिस्तर थे कहीं लाइट ही नहीं लगी थी।
नगर निगम क्षेत्र में गरीबों के लिए अलग अलग जगहों पर 12 रैनबसेरे निगम प्रशासन संचालित हैं। बुधवार को अचानक ठंड बढ़ने के बाद नगर निगम प्रशासन जागा है। गुरुवार को जब दैनिक जागरण ने रैनबसेरों की स्थिति देखी तो पता लगा कि बच्चा पार्क, सूरजकुंड टंकी के पास और मेडिकल कालेज में सुबह के समय ही जलापूर्ति बहाल हुई। सूरजकुंड श्मशान घाट के पास बने रैनबसेरे में शाम तक जलापूर्ति बहाल नहीं हो पाई थी।
खिड़कियों शीशे टूटे, लाइट नदारद
बच्चा पार्क स्थित रैनबसेरे में खिड़कियों में शीशे नहीं है। यही नहीं यहां पर लाइट की व्यवस्था भी नहीं है। अंधेरे में ठंडी हवा के थपेड़ों में असहाय और जरूरत मंद कैसे रात गुजारेंगे इसका अहसास किया जा सकता है। इसी तरह सूरजकुंड टंकी के पास बने रैनबसेरे में गद्दे ही नहीं है यहां पर केवल दस कंबल दिए गए हैं। अधिकांश रैन बसेरों में कंबल पुराने हैं राजाई कुछ ही रैन बसेरों में मौजूद मिली।
टूटे दरवाजों से कैसे रुकेगी सर्दी
पल्लवपुरम फेज टू में रैनबसेरे में चार ही तख्त थे जिनमें एक टूटा हुआ है। वहीं कासमपुर में दरवाजे टूटे हुए थे। एक बार अंदर जाने के बाद दरवाजे को उठा कर बंद रखना पड़ता है। हापुड़ रोड के पास तिरंगा गेट में तो अभी पुताई ही चल रही है। मेडिकल स्थित रैनबसेरे के दरवाजे भी जगह जगह से क्षतिग्रस्त थे।
शहर में इन स्थानों पर हैं रैन बसेरे
1- सूरजकुंड रोड़ पानी की टंकी के पास
2 - सूरजकुंड श्मशान घाट वाली सड़क पर
3 - शेरगढ़ी
4 - मेडिकल कालेज
5 - नौचंदी तिरंगा गेट
6 - भोला रोड
7 - बागपत रोड के पास
8 - पल्लवपुरम
9 - बच्चा पार्क
10 - डिस्टिलरी रोड, कासमपुर
11 - घंटाघर, टाउन हाल
12 - परतापुर गगोल रोड दयाल हास्पिटल के पास
अभी नहीं जले अलाव
सर्दी ने दस्तक दे दी है। लेकिन नगर निगम ने चौराहों पर अलाव जाने की व्यवस्था अभी तक आरंभ नहीं की है। शहर के अस्सी से 110 चौराहों पर अलाव जलाए जाते हैं। अलाव नहीं जलने से चौराहों पर लोग कूड़ा जला कर तापते हुए देखे जा सकते हैं।
इन्होंने कहा--
15 दिन पूर्व रैन बसेरों की व्यवस्था दुरुस्त करने के आदेश जारी कर दिए गए थे। कुछ जगहों पर छोटी मोटी कमियों का दुरस्त कराया जा रहा है। अलाव भी जल्द जलवाए जाएंगे।
-अलीहसन कर्नी, अपर नगर आयुक्त, नगर निगम मेरठ