'शागिर्द' के जाल में फंसा 'उस्ताद'
आरोपित का राजफाश करने और पुलिस से पकड़वाने के लिए मैनेजर को खुद ही शागिर्द बनना पड़ा। छात्र बनकर तीन बार में करीब दस हजार रुपये आरोपितों के खाते में जमा कराए।
मेरठ, जेएनएन। आरोपित का राजफाश करने और पुलिस से पकड़वाने के लिए मैनेजर को खुद ही 'शागिर्द' बनना पड़ा। छात्र बनकर तीन बार में करीब दस हजार रुपये आरोपितों के खाते में जमा कराए। इसके बाद ही टेलीग्राम पर कोर्स बिकने की पुष्टि हुई और गिरोह के सदस्यों से संपर्क साधा। जब सारे पुख्ता साक्ष्य एकत्र कर लिए तो पुलिस में शिकायत की।
आइएएस-पीसीएस परीक्षा की तैयारी कराने में दृष्टि कोचिंग संस्थान एक प्रतिष्ठित नाम है। कोरोना काल में संस्थान ने आनलाइन कोर्स शुरू किया तो हिसार (हरियाणा)निवासी मुरारीलाल ने आपदा में अवसर तलाश लिया। उसने आइटी सेक्टर के कुछ लोगों के साथ मिलकर संस्थान का डाटा हैक कर लिया। इसी डाटा के माध्यम से उसने टेलीग्राम पर कक्षाएं चलानी शुरू कर दीं। संस्थान के 1.90 लाख रुपये के कोर्स को 10 से 15 हजार रुपये में बेचना शुरू कर दिया। यही नहीं उसने युवाओं को विषयवार कोर्स भी उपलब्ध करा दिया। आनलाइन क्लास में अभ्यर्थियों की संख्या कम हुई तो संस्थान के अधिकारियों का माथा ठनका। छात्रों से बातचीत की तो पता चला कि टेलीग्राम पर कक्षाएं चल रही हैं। लिक भेजकर पढ़ाया जा रहा है। कोर्स भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके बाद संस्थान के मैनेजर विकास ने ठगों से संपर्क साधा और कोर्स की डिटेल मांगी। वहां से मिली फर्जी यूपीआइ (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) आइडी को उन्होंने सर्विलांस की टीम को उपलब्ध करा दिया। टीम जांच करते हुए हिसार पहुंची। मुरारीलाल के घर पर छापा मारा तो वह फरार हो गया। इसके बाद पुलिस ने झांसी निवासी अनुपम को पकड़ लिया। वह सरकारी गवाह बन गया है। सर्विलांस प्रभारी मनीष बिष्ट संस्थान का कहना है कि मैनेजर की शिकायत पर रोहटा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच में पता चला कि आइटी से जुड़े लोगों ने यह डाटा मुख्य आरोपित को उपलब्ध कराया है। उसके खातों से लाखों रुपये के लेनदेन की जानकारी भी मिली है।
चार राज्यों के दो दर्जन शहरों में नेटवर्क
मुख्य आरोपित मुरारीलाल का दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश (गोंडा, बस्ती, झांसी, बरेली, बुंदेलखंड आदि) के दो दर्जन शहरों पर विशेष फोकस था। यहां के कई राज्यों में उसने अपने 'चेले' छोड़ रखे थे। ये ग्राहकों की तलाश कर उन्हें कोर्स बेचते थे। हजार रुपये में विषयवार कोर्स भी देते थे। वह देश के अन्य शहरों में भी नेटवर्क बनाने की फिराक में था। हालांकि आनलाइन वह पूरे देश में कोर्स बेच रहा था। देश के सभी हिस्सों से उसके खातों में रुपये भेजने की जानकारी मिली है। उसके बैंक खातों का विवरण जुटाया जा रहा है।