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Corona Update: मेरठ जोन में रोजाना होगी पुलिसकर्मियों की पल्स और ऑक्सीजन की जांच Meerut News

Corona Update कोरोना से खाकी की जंग जारी है। एक कदम आगे बढ़ाते हुए मेरठ पुलिस ने कर्मचारियों के ऑक्सीजन और पल्स की जांच भी शुरू की। यह जांच रोजाना होगी।

By Prem BhattEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 12:30 PM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 12:30 PM (IST)
Corona Update: मेरठ जोन में रोजाना होगी पुलिसकर्मियों की पल्स और ऑक्सीजन की जांच Meerut News
Corona Update: मेरठ जोन में रोजाना होगी पुलिसकर्मियों की पल्स और ऑक्सीजन की जांच Meerut News

मेरठ, जेएनएन। Corona Update कोरोना से खाकी की जंग जारी है। दूसरों को बचाने के साथ ही खुद को भी सुरक्षित रखने की जद्दोजहद है। पिछले माह थानों में कोविड डेस्क का गठन हुआ। सभी की थर्मोस्क्रीनिंग शुरू हुई। एक कदम आगे बढ़ाते हुए मेरठ पुलिस ने कर्मचारियों के ऑक्सीजन और पल्स की जांच भी शुरू की। इसकी निगरानी की जिम्मेदारी थाना प्रभारी को दी। बेहतर व्यवस्था को एडीजी ने जोन में भी लागू करा दिया है।

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कोविड डेस्क का गठन

पुलिसकर्मियों को कोरोना से बचाने के लिए प्रदेश के सभी थानों में कोविड डेस्क का गठन किया गया। डेस्क पर तैनात पुलिसकर्मी सभी की थर्मोस्क्रीनिंग से जांच करता है। विवरण को रजिस्टर में नोट करता है। इसके बाद भी कर्मचारियों के पॉजिटिव आने पर मेरठ पुलिस ने नया प्रयोग किया। कोविड डेस्क पर ऑक्सीजन और पल्स मीटर से कर्मचारियों की जांच की जा रही है। एक सप्ताह के आंकड़ों का मिलान होता है। इसकी निगरानी की जिम्मेदारी थाना प्रभारी के साथ ही सीओ की है। किसी भी कर्मचारी के तापमान, ऑक्सीजन लेवल और पल्स के आंकड़े में गड़बड़ आने पर उसे तुरंत चिकित्सक के पास भेज दिया जाता है।

एडीजी रख रहे नजर

पुलिसकर्मियों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बाद मेरठ की व्यवस्था जोन के अन्य जनपदों गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर में भी लागू की गई है। यहां भी पुलिसकर्मियों के तापमान, ऑक्सीजन के साथ ही पल्स के लेवल पर नजर रखी जाती है। इसकी निगरानी एडीजी राजीव सभरवाल करते हैं।

इन्होंने कहना है

थाने में कोविड डेस्क पर पुलिसकर्मियों की थर्मो थर्मोस्क्रीनिंग के बाद उनके ऑक्सीजन लेवल और पल्स रेट की जांच की जाती है। इसकी मॉनिटरिंग थाना प्रभारी और सीओ करते हैं। तापमान, ऑक्सीजन और पल्स के लेवल में गड़बड़ी सामने आने पर तुरंत पकड़ में आ जाती है। इस व्यवस्था से लाभ मिला है, इसलिए इसे जोन में भी लागू किया है। वह खुद भी इस पर नजर रखते हैं।

- राजीव सभरवाल, एडीजी जोन


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