एलेक्जेंडर क्लब ने नए सदस्य बनाने का प्रस्ताव किया निरस्त
एलेक्जेंडर क्लब में नए सदस्य बनाने का प्रस्ताव निरस्त कर दिया गया है। बनाए गए नए मेंबर्स का शुल्क भी वापस करने का आदेश दिया गया है।
By Ashu SinghEdited By: Published: Thu, 01 Nov 2018 03:44 PM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 03:44 PM (IST)
मेरठ (जेएनएन)। डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स सोसायटीज एवं चिट्स ने प्रतिष्ठित एलेक्जेंडर क्लब में नए सदस्य बनाए जाने के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया है। साथ ही बनाए गए सभी सदस्यों का शुल्क भी वापस करने का आदेश दिया है।
सदस्यों काे करारा झटका
रजिस्ट्रार के आदेश से क्लब के पदाधिकारियों को करारा झटका लगा है। सूत्रों के अनुसार गत 28 जुलाई-2018 को कार्यकारिणी के कई सदस्यों ने डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स सोसाइटीज एवं चिट्स से शिकायत की थी। इनमें उपाध्यक्ष हरीश चंद जैन, सदस्य शुभेंद्र मित्तल, गौरव रस्तोगी, कमल भार्गव, अजय अग्रवाल व अजय राजपाल आदि शामिल रहे। उन्होंने शिकायत में कहा कि मौजूदा सदस्यों के वार्डों को नियम विरुद्ध सदस्य बना दिया गया। जबकि गत 29 मई-18 की बैठक में दो सदस्यों ने विरोध किया था। नियम यह है कि यदि दो सदस्य विरोध करें तो सदस्यता नहीं दी जा सकती।
नियम विरुद्ध नए सदस्य बनाए
वहीं, पूर्व डीएम व क्लब के अध्यक्ष पंकज यादव ने अपने एक आदेश में भी यह स्पष्ट कहा था कि क्लब के संसाधन व सदस्यों के अनुपात को देखकर भी नए सदस्य नहीं बनाए जा सकते। इसके बावजूद नियम विरूद्ध नए सदस्य बना दिए गए। सदस्य बनाने की एवज में उनसे एक लाख व 18 हजार जीएसटी की धनराशि भी लेकर खाते में जमा करा ली गई। सदस्यों की शिकायत पर डिप्टी रजिस्ट्रार ने दोनों पक्षों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया था।
सदस्यता शुल्क वापस करें
डिप्टी रजिस्ट्रार ने कहा कि जो नए सदस्य बनाए हैं, उनके 29 मई-18 के प्रस्ताव को निरस्त किया जाता है। सचिव को यह आदेश दिया है कि जिसका भी सदस्यता शुल्क लिया है वापस किया जाए। भविष्य में भी यदि सदस्य बनाएं जाते हैं तो उसमें पूरी तरह से पारदर्शिता होगी।
सदस्यों काे करारा झटका
रजिस्ट्रार के आदेश से क्लब के पदाधिकारियों को करारा झटका लगा है। सूत्रों के अनुसार गत 28 जुलाई-2018 को कार्यकारिणी के कई सदस्यों ने डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स सोसाइटीज एवं चिट्स से शिकायत की थी। इनमें उपाध्यक्ष हरीश चंद जैन, सदस्य शुभेंद्र मित्तल, गौरव रस्तोगी, कमल भार्गव, अजय अग्रवाल व अजय राजपाल आदि शामिल रहे। उन्होंने शिकायत में कहा कि मौजूदा सदस्यों के वार्डों को नियम विरुद्ध सदस्य बना दिया गया। जबकि गत 29 मई-18 की बैठक में दो सदस्यों ने विरोध किया था। नियम यह है कि यदि दो सदस्य विरोध करें तो सदस्यता नहीं दी जा सकती।
नियम विरुद्ध नए सदस्य बनाए
वहीं, पूर्व डीएम व क्लब के अध्यक्ष पंकज यादव ने अपने एक आदेश में भी यह स्पष्ट कहा था कि क्लब के संसाधन व सदस्यों के अनुपात को देखकर भी नए सदस्य नहीं बनाए जा सकते। इसके बावजूद नियम विरूद्ध नए सदस्य बना दिए गए। सदस्य बनाने की एवज में उनसे एक लाख व 18 हजार जीएसटी की धनराशि भी लेकर खाते में जमा करा ली गई। सदस्यों की शिकायत पर डिप्टी रजिस्ट्रार ने दोनों पक्षों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया था।
सदस्यता शुल्क वापस करें
डिप्टी रजिस्ट्रार ने कहा कि जो नए सदस्य बनाए हैं, उनके 29 मई-18 के प्रस्ताव को निरस्त किया जाता है। सचिव को यह आदेश दिया है कि जिसका भी सदस्यता शुल्क लिया है वापस किया जाए। भविष्य में भी यदि सदस्य बनाएं जाते हैं तो उसमें पूरी तरह से पारदर्शिता होगी।
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