पूरे शहर की प्रॉपर्टी का होगा जीआइएस सर्वे, जानिए क्यों हो रही यह कवायद Meerut News
पूरे शहर की प्रॉपर्टी का जीआइएस (ज्योग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम) सर्वे कराने की कवायद की जा रही है। यह कार्य आइटीआइ लिमिटेड को सौंपा गया है।
By Ashu SinghEdited By: Published: Thu, 20 Jun 2019 02:28 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jun 2019 03:30 PM (IST)
मेरठ,जेएनएन। शासन पूरे शहर की प्रॉपर्टी का जीआइएस (ज्योग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम) सर्वे कराने जा रहा है। यह कार्य आइटीआइ लिमिटेड को सौंपा गया है,जो एक अन्य एजेंसी के सहयोग से सर्वे करेगी।
अधिकारियों से मांगा फीडबैक
बुधवार को एजेंसी के जीआइएस कोआर्डिनेटर आशीष कुमार की टीम लखनऊ से नगर निगम पहुंची। टाउन हाल में कर निर्धारण विभाग से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ बैठक की। निगम अधिकारियों से फीडबैक मांगा है। पहले तीनों जोन में एक-एक वार्ड का सर्वे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर करने पर सहमति बनी है।
137 कर्मी लगेंगे इस काम में
करीब एक माह बाद एजेंसी प्रॉपर्टी सर्वे शुरू करेगी। एजेंसी के जीआइएस कोआर्डिनेटर ने बताया कि नई और पुरानी प्रॉपर्टी का सर्वे किया जाएगा। सड़क, स्ट्रीट लाइट, वाटर लाइन, वाटर कनेक्शन की स्थिति नक्शे पर दर्ज होगी। एजेंसी इस कार्य के लिए 137 कर्मचारियों को लगाएगी। पांच साल का अनुबंध है, जिसमें एजेंसी को दो साल में सर्वे पूरा करना है। तीसरे साल रिपोर्टिग का होगा और अगले दो साल मेंटीनेंस का जिम्मा होगा।
छूटी प्रॉपर्टी आएगी टैक्स के दायरे में
निगम का मानना है कि प्लॉट में मकान बन चुके हैं। कुछ लोगों ने मकान में अतिरिक्त निर्माण कर लिया है। किस पर टैक्स लगा है,या नहीं। सर्वे के बाद नगर निगम के पास हरेक प्रॉपर्टी का रिकार्ड ऑनलाइन होगा और नए सिरे से टैक्स तय किया जा सकेगा। इससे नगर निगम की आय में वृद्धि होगी। वर्तमान में नगर निगम सीमा में 2,78,380 प्रॉपर्टी हैं। कामर्शियल प्रॉपर्टी 43081 हैं। लगभग 10 प्रतिशत प्रॉपर्टी टैक्स के दायरे से बाहर हैं।
नए सिरे से जारी होंगे मकान नंबर
सर्वे के दौरान ही नए सिरे से मकानों के नंबर जारी होंगे। एजेंसी के कर्मचारी सर्वे के दौरान एक नंबर प्लेट हरेक मकान पर चस्पा करेंगे। दरअसल,अभी मकान नंबर सीरियल से नहीं है। इससे जीआइएस मै¨पग में परेशानी होगी। इसे देखते हुए एक क्रम से शहर में मकान नंबर तय किए जाएंगे।
कई प्रॉपर्टी की लीज खत्म
छावनी में कई प्रॉपर्टी की लीज खत्म हो चुकी है। उनके नवीनीकरण के लिए छावनी परिषद ने सभी को नोटिस भेजे हैं। कई प्रॉपर्टी के नवीनीकरण को लेकर लोगों ने आवेदन भी कर दिए हैं, लेकिन रक्षा संपदा के एसटीआर (स्टैंडर्ड टेबल आफ रेंट्स) की दरों को लेकर लीज की प्रॉपर्टी के नवीनीकरण में सबसे बड़ी समस्या आ रही है। छावनी के सिविल क्षेत्र में लीज की 275 प्रापर्टी हैं। इसमें से 52 की लीज खत्म हो चुकी है। 86 के नवीनीकरण के लिए लोगों ने परिषद में आवेदन किया है। इसमें 10 प्रॉपर्टी ऐसी हैं, जिसका स्वरूप पूरी तरह से बदल गया है।
लीज के नवीनीकरण के दिए थे आदेश
वहीं,रक्षा संपदा के अधीन 55 लीज की प्रॉपर्टी हैं। इसमें पांच की लीज खत्म हो चुकी है। पांच में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण किया गया है। छावनी परिषद में कई लीज की प्रॉपर्टी का नवीनीकरण कर दिया गया है। अभी कुछ समय पहले छावनी परिषद ने दिसंबर 2019 तक लीज के नवीनीकरण के लिए आदेश जारी किया था। लोगों ने आवेदन भी किए, लेकिन नवीनीकरण के सामने सबसे बड़ी चुनौती एसटीआर की दरों को लेकर आ रही है। यह दर अधिक है।
नवीनीकरण में खर्चे की वजह से बच रहे हैं लोग
एसटीआर में लीज के नवीनीकरण कराने वाले लोगों को लाखों रुपये देना पड़ेगा, जिसकी वजह से ज्यादातर प्रॉपर्टी का नवीनीकरण नहीं हो पाया है। छावनी परिषद के अधिकारियों का कहना है कि दिसंबर 2019 तक लीज के नवीनीकरण के लिए आदेश है। इसमें जो एसटीआर की दर से पैसे जमा कराएंगे। उनका नवीनीकरण किया जाएगा। नवीनीकरण न कराने की स्थिति में सभी लीज की रिपोर्ट बनाकर रक्षा मंत्रालय को भेज दिया जाएगा।
इनका कहना है
शहर में सभी तरह की प्रॉपर्टी का जीआइएस सर्वे जल्द शुरू किया जाएगा। एजेंसी का चयन हो गया है। आने वाले समय में छूटी प्रॉपर्टी कर के दायरे में आएगी। इससे निगम की आय बढ़ेगी।
- संतोष कुमार शर्मा,वित्त एवं लेखाधिकारी नगर निगम
अधिकारियों से मांगा फीडबैक
बुधवार को एजेंसी के जीआइएस कोआर्डिनेटर आशीष कुमार की टीम लखनऊ से नगर निगम पहुंची। टाउन हाल में कर निर्धारण विभाग से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ बैठक की। निगम अधिकारियों से फीडबैक मांगा है। पहले तीनों जोन में एक-एक वार्ड का सर्वे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर करने पर सहमति बनी है।
137 कर्मी लगेंगे इस काम में
करीब एक माह बाद एजेंसी प्रॉपर्टी सर्वे शुरू करेगी। एजेंसी के जीआइएस कोआर्डिनेटर ने बताया कि नई और पुरानी प्रॉपर्टी का सर्वे किया जाएगा। सड़क, स्ट्रीट लाइट, वाटर लाइन, वाटर कनेक्शन की स्थिति नक्शे पर दर्ज होगी। एजेंसी इस कार्य के लिए 137 कर्मचारियों को लगाएगी। पांच साल का अनुबंध है, जिसमें एजेंसी को दो साल में सर्वे पूरा करना है। तीसरे साल रिपोर्टिग का होगा और अगले दो साल मेंटीनेंस का जिम्मा होगा।
छूटी प्रॉपर्टी आएगी टैक्स के दायरे में
निगम का मानना है कि प्लॉट में मकान बन चुके हैं। कुछ लोगों ने मकान में अतिरिक्त निर्माण कर लिया है। किस पर टैक्स लगा है,या नहीं। सर्वे के बाद नगर निगम के पास हरेक प्रॉपर्टी का रिकार्ड ऑनलाइन होगा और नए सिरे से टैक्स तय किया जा सकेगा। इससे नगर निगम की आय में वृद्धि होगी। वर्तमान में नगर निगम सीमा में 2,78,380 प्रॉपर्टी हैं। कामर्शियल प्रॉपर्टी 43081 हैं। लगभग 10 प्रतिशत प्रॉपर्टी टैक्स के दायरे से बाहर हैं।
नए सिरे से जारी होंगे मकान नंबर
सर्वे के दौरान ही नए सिरे से मकानों के नंबर जारी होंगे। एजेंसी के कर्मचारी सर्वे के दौरान एक नंबर प्लेट हरेक मकान पर चस्पा करेंगे। दरअसल,अभी मकान नंबर सीरियल से नहीं है। इससे जीआइएस मै¨पग में परेशानी होगी। इसे देखते हुए एक क्रम से शहर में मकान नंबर तय किए जाएंगे।
कई प्रॉपर्टी की लीज खत्म
छावनी में कई प्रॉपर्टी की लीज खत्म हो चुकी है। उनके नवीनीकरण के लिए छावनी परिषद ने सभी को नोटिस भेजे हैं। कई प्रॉपर्टी के नवीनीकरण को लेकर लोगों ने आवेदन भी कर दिए हैं, लेकिन रक्षा संपदा के एसटीआर (स्टैंडर्ड टेबल आफ रेंट्स) की दरों को लेकर लीज की प्रॉपर्टी के नवीनीकरण में सबसे बड़ी समस्या आ रही है। छावनी के सिविल क्षेत्र में लीज की 275 प्रापर्टी हैं। इसमें से 52 की लीज खत्म हो चुकी है। 86 के नवीनीकरण के लिए लोगों ने परिषद में आवेदन किया है। इसमें 10 प्रॉपर्टी ऐसी हैं, जिसका स्वरूप पूरी तरह से बदल गया है।
लीज के नवीनीकरण के दिए थे आदेश
वहीं,रक्षा संपदा के अधीन 55 लीज की प्रॉपर्टी हैं। इसमें पांच की लीज खत्म हो चुकी है। पांच में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण किया गया है। छावनी परिषद में कई लीज की प्रॉपर्टी का नवीनीकरण कर दिया गया है। अभी कुछ समय पहले छावनी परिषद ने दिसंबर 2019 तक लीज के नवीनीकरण के लिए आदेश जारी किया था। लोगों ने आवेदन भी किए, लेकिन नवीनीकरण के सामने सबसे बड़ी चुनौती एसटीआर की दरों को लेकर आ रही है। यह दर अधिक है।
नवीनीकरण में खर्चे की वजह से बच रहे हैं लोग
एसटीआर में लीज के नवीनीकरण कराने वाले लोगों को लाखों रुपये देना पड़ेगा, जिसकी वजह से ज्यादातर प्रॉपर्टी का नवीनीकरण नहीं हो पाया है। छावनी परिषद के अधिकारियों का कहना है कि दिसंबर 2019 तक लीज के नवीनीकरण के लिए आदेश है। इसमें जो एसटीआर की दर से पैसे जमा कराएंगे। उनका नवीनीकरण किया जाएगा। नवीनीकरण न कराने की स्थिति में सभी लीज की रिपोर्ट बनाकर रक्षा मंत्रालय को भेज दिया जाएगा।
इनका कहना है
शहर में सभी तरह की प्रॉपर्टी का जीआइएस सर्वे जल्द शुरू किया जाएगा। एजेंसी का चयन हो गया है। आने वाले समय में छूटी प्रॉपर्टी कर के दायरे में आएगी। इससे निगम की आय बढ़ेगी।
- संतोष कुमार शर्मा,वित्त एवं लेखाधिकारी नगर निगम
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