निष्ठा से बदलेगी सरकारी स्कूलों में शिक्षा की तस्वीर : प्रोफेसर सेनापति Meerut News
मेरठ में निष्ठा के तहत उत्तर प्रदेश की पहली शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला शुरू हुई। इसमें 9 जिलों के 300 स्कूल प्रमुख व शिक्षक ट्रेनिंग लेंगे व उसके बाद अन्य स्कूलों को ट्रेनिंग देंग
मेरठ, जेएनएन। निष्ठा यानी स्कूल प्रमुखों और शिक्षकों की समग्र उन्नति के लिए राष्ट्रीय पहल नामक शिक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम से देश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की तस्वीर बदलने वाली है। एनसीईआरटी के निदेशक प्रोफेसर ऋषिकेश कुमार सेनापति ने कहा की इस प्रशिक्षण में 42 लाख शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है जो तकरीबन 15 करोड़ बच्चों को पढ़ाएंगे। स्कूलों में पहले बच्चों को कंटेंट बेस्ड शिक्षा मिलती थी जो अब कंपेटेंस बेस्ड दी जाएगी। बच्चों की क्षमता बढ़ाना ही प्रमुख उद्देश्य है जिससे वह हर तरह के प्रॉब्लम सॉल्विंग तौर तरीकों का इस्तेमाल स्वयं कर सकें। इसीलिए टीचर्स को यह ट्रेनिंग दी जा रही है। इससे सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर अच्छा होगा। निजी स्कूलों से निकलकर बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ेंगे और जहां टीचर अच्छे होंगे वहां का रिजल्ट भी अच्छा ही होता है।
भावनात्मक तौर पर करना होगा मजबूत
प्रोफेसर सेनापति ने कहा कि हमें बच्चों को इमोशनली स्टेबल यानी भावनात्मक तौर पर स्थिर बनाने की जरूरत है। इससे जीवन में मजबूती से आगे बढ़ेंगे और किसी भी तरह के दबाव में आकर आत्महत्या जैसी वारदात को अंजाम नहीं देंगे। हमें बच्चों में यह नहीं देखना है कि वह क्या नहीं कर सकते हैं, हमें देखना यह है कि वह क्या कर सकते हैं। उनकी क्षमता क्या करने की है। इसे देखकर ही उन्हें शिक्षित किया जाएगा और उनकी क्षमता को और विकसित करने पर ध्यान दिया जाएगा।
एनसीईआरटी किताबों को स्कूलों के प्रमाण की जरूरत नहीं
पब्लिक स्कूलों में एनसीईआरटी किताबों को न लगाया जाने पर प्रोफेसर सेनापति ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश भी यही है कि स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें लगाई जाए। उन्होंने बताया कि एनसीईआरटी की किताबें देशभर के विद्वान तैयार करते हैं। इसीलिए आज देश के 21 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाई जा रही है। उनकी गुणवत्ता अच्छी है तभी लोग ले रहे हैं। एनसीईआरटी की किताबों का सेट जहां 300 में मिलता है वहीं निजी स्कूलों में लगाए जाने वाले निजी किताबों का सेट 3000 में मिलता है। यह परिजनों व बच्चों के प्रति शोषण है। स्कूल अपने फायदे के लिए एनसीईआरटी किताबों को अपर्याप्त बताते है।
हर शिक्षक होंगे प्रशिक्षित
निष्ठा कार्यक्रम की नेशनल कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर रंजना अरोड़ा ने बताया राष्ट्रीय स्तर के इस प्रशिक्षण प्रोग्राम में 120 लोग 35000 लोगों को ट्रेनिंग देंगे। इसी तरह ट्रेनिंग पाने वाले भी डेढ़ डेढ़ सौ लोगों को प्रशिक्षित करेंगे। इससे छह सात महीनों में 42 लाख शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का टारगेट पूरा होगा। इस ट्रेनिंग में शिक्षकों को राष्ट्रीय सरोकारों, सामाजिक सरोकारों, स्कूल बेस्ड एसेसमेंट, स्वास्थ्य एवं कल्याण, कला को समेकित कर पढ़ाने की ट्रेनिंग आदि दी जाएगी। बच्चों में रटने की प्रवृत्ति को खत्म कर आनंद पूर्वक सीखने को प्रेरित करना होगा। सीडीओ ईशा दुहान ने कहा कि यह अपने आप में शिक्षण प्रशिक्षण का दुनिया में सबसे बड़ा प्रोग्राम है। शिक्षक के तौर पर सभी की यह जिम्मेदारी है की सभी निष्ठा पूर्वक ट्रेनिंग ले और इसका लाभ कक्षा में बैठे अंतिम बच्चे तक पहुंचाएं। इस बीच सीडीओ ने एक सोते हुए शिक्षक को उठाकर प्रशिक्षण में सभी शिक्षकों को जागते रहने के लिए भी कहा। अतिथियों के भाषण के दौरान बहुत सारे शिक्षक मोबाइल पर भी कुछ करते दिखे। यह शिक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम 5 दिनों तक चलेगा जिसमें विभिन्न जिलों से आए शिक्षक शिक्षिकाएं यहीं रहकर ट्रेनिंग करेंगे। डाइट प्राचार्य श्रवण कुमार यादव ने सभी का आभार प्रकट किया और विभिन्न जिलों से आए शिक्षकों से ट्रेनिंग का संपूर्ण लाभ लेने की अपील की कार्यक्रम का संचालन बेसिक शिक्षा विभाग की कोऑर्डिनेटर रश्मि अहलावत ने किया।