अब एक ही लक्ष्य गोल्ड मिले और बजे राष्ट्रगान, मेरठ में बोलीं- कामनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने वाली प्रियंका गोस्वामी
कामनवेल्थ गेम्स की वाकिंग रेस स्पर्धा में रजत पदक प्रियंका गोस्वामी मेरठ पहुंचीं। उनका लोगों ने किया जोरदार स्वागत किया। दैनिक जागरण कार्यालय में भी प्रियंका को सम्मानित किया गया। उन्होंने बताया कि अब एशियन गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक उनका लक्ष्य है।
मेरठ, जागरण संवाददाता। Commonwealth Games 2022 बर्मिंघम कामनवेल्थ गेम्स की पैदल चाल (वाकिंग रेस) स्पर्धा में रजत पदक जीतकर देश का मान बढ़ाने वालीं प्रियंका गोस्वामी मंगलवार को मेरठ पहुंचीं तो उनका जगह-जगह स्वागत हुआ।
दैनिक जागरण कार्यालय में प्रियंका को किया सम्मानित
दैनिक जागरण कार्यालय में प्रियंका को सम्मानित सम्मानित किया गया। इस दौरान उन्होंने बेबाकी के साथ अपनी बात कही। प्रियंका ने कहा कि उनके प्रदर्शन पर बर्मिंघम में तिरंगा तो लहरा रहा था लेकिन पुरस्कार वितरण समारोह के बाद राष्ट्रगान नहीं बज सका, क्योंकि जिस देश का खिलाड़ी स्वर्ण पदक विजेता होता है राष्ट्रगान उसी देश का बचता है। यही वजह है कि उनका यह सपना अधूरा रह गया। अब प्रियंका का यही लक्ष्य है कि पदक मिले, बीच में तिरंगा हो और राष्ट्रगान बजे। उन्होंने कहा कि अब एशियन गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक उनका लक्ष्य है।
सोचा नहीं था कि आगे कौन है
रेस की शुरुआत में प्रियंका आगे थीं लेकिन आधी दूरी के बाद पीछे हो गईं। कहा कि उन्होंंने स्पर्धा के दौरान सोचा नहीं था कि आगे कौन है। इस स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाली खिलाड़ी दूनिया की नंबर एक खिलाड़ी हैं। प्रियंका ने कहा कि भविष्य में ऐसी चुनौती के लिए भी स्वयं को तैयार करना है। प्रियंका को बर्मिंघम में एक और कमी खली, प्रियंका ने बताया कि प्रतिस्पर्धा के समय अपने लोगों का उत्साहवर्धन बहुत मायने रखता है। इस मामले में भारत के लोगों की उपस्थिति कम रहती है।
पीएम के वीडियो शेयर पर जान पाते हैं लोग
खिलाड़ियों का स्वागत और उपेक्षा आदि पर प्रियंका ने कहा कि जिस तरह से हरियाणा में खिलाड़ियों का सम्मान होता है उस तरह का उत्साह यहां नहीं दिखाई देता। यहां प्रशासनिक उदासीनता है। बहुत से लोग जानते भी नहीं है। वे तब जान पाते हैं जब प्रधानमंत्री मोदी खिलाड़ियों से बात करते हुए वीडियो शेयर करते हैं। आज ही अगर अपने शहर-जिले की बेटी की अगुवाई को प्रशासन आता तो अच्छा लगता। हमारा हौसला और बढ़ता और बाकी खिलाड़ियों को भी अच्छा लगता।