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पौने तीन साल के कार्यकाल में एडीजी ने 65 अपराधियों को मुठभेड़ में उतारा मौत के घाट Meerut News

मेरठ में प्रशांत कुमार के समय पर 2273 इंकाउंटर किए गए थे। जिसमें 1332 बदमाशों को गोली लगी थी। जबकि 65 अपराधी मारे जा चुके थे। विस्‍तार से जाने इनके पौने तीन साल का कार्यकाल।

By Prem BhattEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 01:10 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 01:10 PM (IST)
पौने तीन साल के कार्यकाल में एडीजी ने 65 अपराधियों को मुठभेड़ में उतारा मौत के घाट Meerut News
पौने तीन साल के कार्यकाल में एडीजी ने 65 अपराधियों को मुठभेड़ में उतारा मौत के घाट Meerut News

मेरठ, जेएनएन। एडीजी जोन प्रशांत कुमार को एडीजी कानून व्यवस्था बनाया गया है। मेरठ में उनका कार्यकाल दो साल 10 महीने 11 दिन का रहा है। एडीजी के नेतृत्व में 2273 मुठभेड़ हुई। इनमें 65 अपराधियों को मार गिराया। 1332 बदमाश गोली लगने से घायल हुए। इससे मेरठ जोन प्रदेश में पहले स्थान पर रहा। एडीजी ने कहा कि अब पूरे प्रदेश में ऑपरेशन क्लीन चलाया जाएगा।

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1990 बैच के आइपीएस अफसर प्रशांत कुमार की तैनाती 15 जुलाई 2017 को मेरठ जोन एडीजी पद पर हुई। उन्होंने 4256 अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया। सीएए को लेकर हुई हिंसा और कोरोना संक्रमण के दौरान भी एडीजी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। तीन साल तक कांवड़ यात्र सकुशल संपन्न कराई। दो अप्रैल को आरक्षण विरोधी आंदोलन में भी एडीजी ने खुद नेतृत्व कर जातीय हिंसा पर काबू किया। उनके कार्यकाल में बुलंदशहर को छोड़कर अन्य जनपदों में सांप्रदायिक हिंसा का कोई बड़ा मामला नहीं हुआ।

ये भी प्रमुख मामले है 

-कम उंचाई वालों रास्तों से निकलने के लिए पोर्टेबल ताजियों का प्रचलन कराया।

-कांवड़ यात्र में राष्ट्रीय ध्वज का अधिकतम प्रयोग से युवा वर्ग में राष्ट्रप्रेम की भावना जगाई।

-बकरीद पर ऊंट की कुर्बानी पर रोक लगाई, मस्जिदों के अंदर नमाज कराई।

-कोरोना संक्रमण के दौरान जोन में 1541 जमातियों को ढूंढ निकाला।

-एडीजी प्रशांत के कार्यकाल में जोन में हुईं 2273 मुठभेड़

-कोरोना संक्रमण के दौरान भी निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

गुरुवार को आएंगे नये एडीजी राजीव

1993 बैच के आइपीएस राजीव सभरवाल गुरुवार को मेरठ जोन का चार्ज लेंगे। उनके आने से पुलिस में नये बदलाव की उम्मीद जगी है। एटीएस से एसटीएफ और नेशनल पुलिस अकादमी हैदराबाद के निदेशक पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वह मेरठ, कानपुर और बरेली में एसएसपी रह चुके हैं। वह मूलरूप में दिल्ली के रहने वाले हैं। 2006 में मेरठ के कप्तान भी रह चुके हैं। उस समय वाल्मीकि और मुस्लिम विवाद को उन्होंने बखूबी काबू किया था। 2007 में गठित एटीएस के पहले कप्तान राजीव सभरवाल ही थे। एसटीएफ में भी उनकी तैनाती रही। नेशनल पुलिस अकादमी हैदराबाद के निदेशक पद पर भी रहे। राजीव सभरवाल ने बताया कि अपराध कम करना उनकी प्राथमिकता होगी पर पहली प्राथमिकता कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाना है। 


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