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'छपाक' में सामाजिक परिवर्तन लाने की ताकत : जयंत

दिल्ली रोड स्थित शॉप्रिक्स मॉल-वेब सिनेमा में राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी पत्नी चारू और पदाधिकारियों के साथ छपाक फिल्म देखने पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Jan 2020 10:00 AM (IST)Updated: Mon, 13 Jan 2020 10:00 AM (IST)
'छपाक' में सामाजिक परिवर्तन लाने की ताकत : जयंत

मेरठ, जेएनएन। दिल्ली रोड स्थित शॉप्रिक्स मॉल-वेब सिनेमा में राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी, पत्नी चारू और पदाधिकारियों के साथ छपाक फिल्म देखने पहुंचे। फिल्म देखने के बाद पत्रकारों से बातचीत में जयंत ने कहा कि एसिड अटैक पीड़िता की कहानी पर बनी फिल्म छपाक में सामाजिक परिवर्तन लाने की शक्ति है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी यह फिल्म देखनी चाहिए।

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उन्होंने कहा कि फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण का नाम टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ जोड़ दिया गया। उन्होने जब फिल्म देखने का एलान किया तो उनका भी नाम इस गैंग से जोड़ दिया गया। अगर वे टुकड़े गैंग में हैं तो क्या फिल्म का विरोध करने वाले लोग एसिड अटैक वालों के गैंग में हैं। पूर्व विधायक राजेंद्र शर्मा, पूर्व मंत्री डा. मेराजुद्दीन, मांगेराम, यशवीर सिंह, सुनील रोहटा, वीना रोहटा, राम मेहर गुर्जर, संदीप चौधरी, सुभाष गुर्जर, कमलजीत सिंह, पप्पू गुर्जर, वीरपाल राठी, गौरव जिटौली मौजूद रहे।

मेरठ से होगी सामाजिक

क्रांति की शुरुआत

मेरठ में फिल्म क्यों देखी इस पर जयंत ने कहा कि मेरठ से अपनापन ज्यादा है, इसीलिए यहां फिल्म देखने आया हूं। साथ जोड़ा कि देश की आजादी की क्रांति की शुरुआत यहीं से हुई थी, इसलिए सामाजिक क्रांति भी यहीं से होगी। वहीं फिल्म के अंत में मुजफ्फनगर में सात दिसंबर- 2019 को हुए एसिड अटैक की घटना का जिक्र था। इस पर जयंत ने कहा कि यह हमारे समाज के लिए शर्मनाक है।

हाथों में नहीं दिमाग में

होता है एसिड : चारू

फिल्म छपाक व उससे जुड़े विरोध पर राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की पत्नी चारू चौधरी ने एसिड पर उन्होंने कहा कि एसिड हाथ में नहीं लोगों के दिमाग में होती है। अब समाज एसिड को बैन करने को तैयार है। सरकार व अदालतों को इस पर विचार करना चाहिए।

मालती की जीत पर

खूब बजी तालियां

फिल्म में दीपिका पादुकोण ने एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल का किरदार बखूबी निभाया है। फिल्म में किरदार का नाम मालती है। मालती की पीड़ा को देखकर सभी के चेहरों पर चिंता और दुख के भाव थे, लेकिन जैसे ही मालती को फिल्म में इंसाफ मिलता है। वेब सिनेमा मैनेजर संजीव वर्मा ने बताया कि 130 सीट जयंत चौधरी और कार्यकर्ताओं के लिए बुक थी। बाद में प्रशंसकों और अन्य दर्शकों के लिए 250 सीट की बुकिंग की गईं थीं।


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