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हादसे और मौत पर राजनीति, विपक्षी दलों के 150 लोगों पर मुकदमा दर्ज

किनौनी चीनी मिल डिस्टलरी में लगी आग और झुलसकर मजदूर की मौैत पर राजनीति हावी रही। सत्ता पक्ष ने मुआवजा घोषित कराकर और विपक्ष ने मुआवजा बढ़वाकर हादसे को भुनाने की कोशिश की।

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 May 2018 11:15 AM (IST)Updated: Mon, 28 May 2018 11:15 AM (IST)
हादसे और मौत पर राजनीति, विपक्षी दलों के 150 लोगों पर मुकदमा दर्ज
हादसे और मौत पर राजनीति, विपक्षी दलों के 150 लोगों पर मुकदमा दर्ज

मेरठ। किनौनी चीनी मिल डिस्टलरी में लगी आग और झुलसकर मजदूर की मौैत पर राजनीति हावी रही। सत्ता पक्ष ने मुआवजा घोषित कराकर और विपक्ष ने मुआवजा बढ़वाकर हादसे को भुनाने की कोशिश की। सत्ता पक्ष के लोगों को ग्रामीणों के असंतोष के कारण मौके से जाना पड़ा तो वहीं, विपक्ष के नेताओं के हिस्से में मुकदमा आया।

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आग में झुलसे मजदूर मोनू की मौत के मामले ने उस समय नया मोड़ ले लिया जब परिजनों के साथ विपक्ष के नेता शव रखकर मिल गेट पर धरने पर बैठ गए। सपा नेता अतुल प्रधान ने आरोप लगाया कि हादसा चीनी मिल प्रबंधन की लापरवाही से हुआ है, लिहाजा प्रबंधन पर मुकदमा दर्ज हो। सुबह 8 बजे शुरू हुआ और कई दौर की वार्ता भी हुई। एडीएम-ई द्वारा साढ़े इक्कीस लाख रुपये सहायता दिलाने के आश्वासन पर दोपहर दो बजे धरना समाप्त हुआ। जब सिवाल खास विधायक को जाना पड़ा

सिवाल खास विधायक जितेन्द्र सतवाई भी सुबह दस बजे धरनास्थल पर पहुंचे। चीनी मिल प्रबंधन से वार्ता कर पांच लाख रुपये की मदद मुख्यमंत्री राहत कोष से, साढ़े आठ लाख रुपये श्रम विभाग से और तीन लाख रुपये मिल प्रबंधन स्तर पर दिलाने की घोषणा की। बीमा योजना से भी लाभ दिलाने का भरोसा दिलाया, लेकिन अतुल प्रधान ने अपर्याप्त बता धरना जारी रखने का एलान कर दिया। इसके बाद विधायक निकल गए। अतुल प्रधान ने विधायक को बताया चापलूस

अतुल प्रधान ने सिवाल खास विधायक को चीनी मिल प्रबंधन का चापलूस बताया। कहा कि भाजपा के सभी विधायक ¨हदू-मुस्लिम में खाई पैदा कर सत्ता सुख भोग रहे हैं। लेकिन ¨हदुओं की मदद के नाम पर दुम दबा लेते हैं। मोनू जिटोला, सुमित गुर्जर चिरचिटा व नरेन्द्र सिह डोरली भी ¨हदू हैं। लेकिन इनकी मदद करने के लिए भाजपा के विधायकों को कोई सरोकार नहीं है। डीएम से वार्ता के बाद तेवर पड़े नरम

एडीएम-ई की घोषणा के बाद भी अतुल प्रधान सहमत नहीं हुए। इस पर एडीएम-ई रामचन्द्र सिंह ने डीएम से मोबाइल पर अतुल की बात कराई, जिसके बाद उनके तेवर नरम पड़ गए। मुस्तैद की आरएएफ, कप्तान भी घंटों रुके

सिवाल खास विधायक के जाने के बाद प्रशासन व चीनी मिल अधिकारी भी खिसकने लगे। इस पर अतुल प्रधान ने चेतावनी दे दी कि प्रशासन ने शीघ्र घोषणा नहीं की तो वे शव को प्रधानमंत्री की रैली में ले जाएंगे। इस पर आरएएफ तैनात कर दी गई। दोपहर तीन बजे एसएसपी राजेश कुमार पांडेय चीनी मिल पहुंचे और आग बुझाने में जुटी टीमों को निर्देशित किया। हम दुख की घड़ी में साथ

सिवाल खास विधायक जितेन्द्र सतवाई ने कहा कि वह दुख की घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ हैं। गत रात ही डीएम से कहा था कि प्राथमिकता के आधार पर मोनू का पोस्टमार्टम कराया जाए। विपक्षी दल सरकार को बदनाम करने के लिए राजनीति कर रहे हैं। धरने में ये रहे मौजूद

सपा जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह, पूर्व विधायक गुलाम मोहम्मद, सपा नेता अतुल प्रधान, बसपा जिला उपाध्यक्ष नबाब सिंह लखवाया, कांग्रेस नेता उदयवीर त्यागी, रालोद जिला अध्यक्ष राहुल देव, जिला पंचायत सदस्य सुमित गुर्जर, सपा छात्र सभा के पूर्व अध्यक्ष सम्राट मलिक, नितिन कटारिया, सोनू गुर्जर, विजयवीर त्यागी, उमेश जिटोला, अमित प्रधान किनौनी, देवेन्द्र गुर्जर पूर्व प्रधान किनौनी, सतप्रकाश राठी व लोकेश राठी आदि धरने में मौजूद रहे। इनके खिलाफ हुआ मुकदमा

सपा नेता अतुल प्रधान, नितिन कटारिया उमेश गुर्जर व राजीव निवासी जिटौला, लोकदल जिलाध्यक्ष राहुल देव, जिटौला पूर्व प्रधान सत्यप्रकाश, सोनू मोरल, राजे निवासीगण किनौनी, नवाब निवासी लखवाया, सोनू निवासी खानपुर, उदयवीर त्यागी निवासी कैथवाड़ी को नामजद कर डेढ़ सौ लोगों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालना, धमकी देना, लोगों को उकसाना और क्रिमिनल ला अमेंडमेंट एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है।


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