रूपक के स्वजनों को आरोपित नहीं बनाएगी पुलिस, SSP बोले-जल्द निकलवाएंगे शव के टुकड़े Meerut News
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय साहनी ने भरोसा दिया कि रूपक के घर वालों को बिल्कुल डरने की जरूरत नहीं है। वो पीडि़त हैं उन्हें बिल्कुल आरोपित नहीं बनाया जाएगा।
मेरठ, जेएनएन। निराश कर देने वाली खामोशी के बीच सोमवार को बिल्कुल अचानक फाजलपुर के अनूपनगर में ईंट गिरा दी गईं। इन ईंटों से तीन सौ मीटर कच्चे मार्ग को पक्का बनाया जाएगा ताकि रैपिड की भारी मशीन गांव तक पहुंचकर बोरवेल की खोदाई कर सके। मकसद है, बोरवेल से रूपक के शव के टुकड़ों को बरामद करना। दूसरी ओर बोरवेल से रूपक का शव निकालने के लिए परिवार के लोगों का धरना सोमवार को भी जारी रहा। इधर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय साहनी ने भरोसा दिया कि रूपक के घर वालों को बिल्कुल डरने की जरूरत नहीं है। वो पीडि़त हैं, उन्हें बिल्कुल आरोपित नहीं बनाया जाएगा।
26 जून को घर से बुलाकर मार डाला
अनूपनगर निवासी जसवंत के 20 वर्षीय पुत्र रूपक को उसके दोस्त विकास, मनीष, निसार, विशाल और अमरदीप ने 26 जून को घर से बुलाकर मार डाला था। इसके बाद उसके शव के टुकड़े-टुकड़े कर एक बोरवेल में डाल दिए थे। पुलिस इस मामले में सभी आरोपितों को जेल भेज चुकी है, साथ ही बोरवेल की 50 मीटर खोदाई करने के बाद कुछ अवशेष भी निकाले गए, जिन्हें डीएनए टेस्ट के लिए भेजा गया है। उधर, घटना के डेढ़ माह बाद भी रूपक के अवशेष न मिलने पर उसके स्वजनों ने धरना शुरू कर दिया। सपा नेता अतुल प्रधान भी धरने में पीडि़त परिवार का साथ दे रहे हैं। सोमवार को धरने में रुपक की मां मिथिलेश की तबीयत खराब हो गई थी। डाक्टरों को बुलाने के बाद मिथिलेश का उपचार कराया गया। उनका बीपी 150 को पार कर गया था।
घटना स्थल पर ईंटें पहुंच गईं
दूसरी ओर बोरवेल से शव के अवशेष निकालने के लिए 150 मीटर गहरी खोदाई करने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ तो एसएसपी ने कई जगह पत्र लिखा, हालांकि कोई लाभ नहीं हुआ। अंतत: रैपिड रेल बनाने वाले अफसर आगे आए लेकिन पेच फंसा कि घटनास्थल तक पहुंचने के लिए रैपिड की भारी मशीन 300 मीटर का कच्चा रास्ता पार नहीं कर सकती थी। पक्की सड़क बनाने की बात हुई तो एक बार फिर प्रशासनिक अफसर वादा करने के बाद भी असफल रहे। अंतत: सोमवार को कप्तान अजय साहनी की तरफ से लोगों की मदद ली गई, जिसके बाद सड़क बनाने के लिए घटना स्थल पर ईंटें पहुंच गईं।
रैपिड रेल की मशीनों से लेंगे मदद
जल्द ही सड़क निर्माण करने के बाद रैपिड रेल की मशीनों को बुलाकर शव को निकाला जाएगा। इस मामले में एडीजी राजीव सभरवाल ने भी बताया कि एनडीआरएफ के डीजी से बातचीत की। उन्होंने निरीक्षण किया, लेकिन 50 फीट से ज्यादा खोदाई करने से इन्कार कर दिया। उनके अलावा भी कई एजेंसियों को कप्तान ने खोदाई के लिए पत्र लिखा। सभी ने मौके का निरीक्षण किया लेकिन खोदाई से इन्कार कर दिया। सिर्फ रैपिड रेल के इंजीनियरों ने ही खोदाई करने की बात स्वीकार की।
बिल्कुल न डरे परिवार
रैपिड रेल की मशीनों के लिए जल्द सड़क निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। परिवार के लोगों द्वारा जारी धरने पर इतना कहना चाहूंगा कि दबिश देने गई पुलिस पर पथराव हुआ था। भरोसा देता हूं कि इस मामले में पुलिस पीडि़त परिवार को कदापि आरोपित नहीं बना रही। हो सकता है कि पीडि़त परिवार इसी बात से डर रहा हो लेकिन स्पष्ट कर दूं कि उन्हें बिल्कुल आरोपित नहीं बनाया जाएगा। रूपक के शव के अवशेष अब हम बहुत जल्द निकाल लेंगे।
- अजय साहनी, एसएसपी