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योगी सरकार की गाज से बचने को कुख्यात सुनील राठी पर कसा शिकंजा

गाज गिरने से बचने के लिए महकमे के अधिकारियों ने सुनील राठी व उसके गैंग पर शिकंजा कसा है।भाजपा जिलाध्यक्ष संजय खोखर की हत्या के बाद हरकत में आई पुलिस। हत्या के बाद एसपी एएसपी का हुआ था तबादला व इंस्पेक्टर निलंबित।

By Taruna TayalEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 10:32 PM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 10:32 PM (IST)
योगी सरकार की गाज से बचने को कुख्यात सुनील राठी पर कसा शिकंजा
कुख्यात सुनील राठी पर पुलिस ने कसा शिकंजा

बागपत, जेएनएन। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष की हत्या के बाद योगी सरकार के एसपी, एएसपी का तबादला व इंस्पेक्टर को निलंबित करने की कार्रवाई से पुलिस महकमा कांप उठा था। गाज गिरने से बचने के लिए महकमे के अधिकारियों ने सुनील राठी व उसके गैंग पर शिकंजा कसा है।

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कस्बा टीकरी निवासी सुनील राठी के खिलाफ 41 मुकदमें दर्ज हैं, जो वर्ष 2001 से जेल में बंद है। सुनील राठी जेल से ही गिरोह चलाने के आरोप लगते रहे। सुनील राठी व उसके गिरोह पर किसी से रंगदारी मांगने व हत्या करने के आरोप लगने का सिलसिला जारी है। बागपत जिला कारागार में नौ जुलाई 2018 को सुनील राठी पर पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या का आरोप लगा था। इस घटना के बाद उसका जेल से स्थानांतरण कर दिया गया था। गत जून माह में हिस्ट्रीशीटर परमवीर तुगाना की हत्या कराने के आरोप लगे। हत्या का कारण सुनील राठी के अपनी माता पूर्व चेयरपर्सन राजबाला चौधरी को जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाने की रणनीति बताया गया। इसके बाद सात जुलाई को बदरखा गांव में यमुना खादर से बालू के परिवहन में बाधक बनने पर रालोद नेता एवं भट्ठा कारोबारी देशपाल खोखर की हत्या कराने का आरोप भी सुनील राठी व उसके गैंग पर लगा। 11 अगस्त को भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संजय खोखर की हत्या हुई थी। इस घटना के बाद भाजपा नेताओं ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठा दिए थे।

सांसद डाक्टर सत्यपाल सिंह, विधायक योगेश धामा व जिलाध्यक्ष सूरजपाल गुर्जर ने घटनाओं के लिए पुलिस-प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया था। वहीं मुख्यमंत्री ने घटना पर ट्वीट कर कार्रवाई का भरोसा दिया था। तत्कालीन एसपी अजय कुमार सिंह व एएसपी अनित कुमार को जनपद से हटाया गया तथा छपरौली थाना इंचार्ज दिनेश कुमार को निलंबित किया गया था। नए एसपी अभिषेक सिंह ने बागपत का चार्ज लेते ही कुख्यातों की संपत्ति की जांच कराई। जांच के बाद ही डीएम के आदेश पर सुनील राठी की अवैध रूप से अर्जित संपत्ति को कुर्क किया गया।

विधायक ने की थी शिकायत

विधायक योगेश धामा ने शासन-प्रशासन से बदरखा के यमुना खादर में अवैध तरीके से बालू खनन कराने का कुख्यात सुनील राठी पर आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। इसके बाद सुनील राठी ने विधायक को धमकी दी थी।


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