मेरठ में बेखौफ दरिंदों के आगे बेबस है आधी आबादी, बेफिक्र पुलिस भी नहीं दिला पा रही इंसाफ
Female Crime In Meerut मेरठ में बेखौफ अपराधियों के आगे बेबस है आधी आबादी । आवास विकास प्रकरण हो या सरकारी अस्पताल में दुष्कर्म के प्रयास का मामला सभी आरोपित पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं ।
मेरठ, जेएनएन। मुख्यमंत्री ने महिला अपराध पर जीरो टालरेंस की नीति अपनाने का स्पष्ट निर्देश पुलिस को दे रखा है। बहन-बेटियों की सुरक्षा योगी सरकार के एजेंडे में सबसे ऊपर है, लेकिन यहां महिला अपराध पर कार्रवाई में पुलिस की निष्क्रियता तमाम सवाल खड़े करती है। आवास विकास के मकान में एक महिला से दुष्कर्म करने के तीन आरोपित (एक निजी अस्पताल से जुड़े) हों या सरकारी अस्पताल में महिला चिकित्सक से दुष्कर्म की कोशिश करने वाला वहीं का डाक्टर, पुलिस अब भी खाली हाथ है। दुष्कर्म के आरोपित या आबरू पर हाथ डालने के मामले में खाकी का यूं खामोश रहना कानून-व्यवस्था को कठघरे में खड़ा करता है। सवाल उठता है कि आखिर दुष्कर्मी भी नहीं पकड़े जाएंगे तो पुलिस का इकबाल क्या बचेगा?
अपराधी पेशेवर नहीं, फिर भी खाकी खाली हाथ
मोदीनगर निवासी महिला गत 31 जनवरी को चार साल की बेटी के इलाज के लिए पड़ोसी महिला के साथ न्यूटिमा अस्पताल आई थी। महिला का आरोप है कि अस्पताल कर्मचारी रामचंद्र यादव उसे धोखे से नशीला पदार्थ देकर राजेंद्र की गाड़ी से आवास विकास स्थित शिवकुमार के फ्लैट में ले गया जहां तीनों ने दुष्कर्म किया। इस मामले में कई जगह धक्के खाने के बाद महिला का मुकदमा तो दर्ज हुआ, लेकिन पुलिस इन तीनों आरोपितों को अब तक पकड़ नहीं सकी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार यह कोई शातिर या पेशेवर अपराधी नहीं जो कानून को लंबे समय तक छका सकें। बावजूद इसके पुलिस इन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष तक नहीं पहुंचा सकी है। इतना ही नहीं, महिला का बयान भी अब तक कोर्ट के समक्ष नहीं हो सका है। हां, सवाल पूछने पर थाना प्रभारी का दावा है कि आरोपितों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
महिला चिकित्सक को भी न्याय नहीं दिला पा रहे पुलिसवाले
दूसरा ताजा मामला है। एक सरकारी अस्पताल के लेबर रूम में महिला चिकित्सक से दुष्कर्म की कोशिश का आरोपित वहीं संविदा पर कार्यरत एक चिकित्सक है। महिला चिकित्सक की शिकायत के बाद से आरोपित फरार है। पीड़िता ने देहलीगेट थाने में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस 161 सीआरपीसी में बयान दर्ज कराने के बाद भी आरोपित डाक्टर की गिरफ्तारी नहीं कर सकी है। वहीं, पीड़िता कहना है कि अब उसे ड्यूटी पर आने से भी डर लगने लगा है। इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी का कहना है कि आरोपित चिकित्सक की तलाश में दबिश डाली जा रही है। पीड़िता का जल्द ही कोर्ट में बयान दर्ज कराया जाएगा।
इन्होंने बताया...
दुष्कर्म के आरोपित तीनों कर्मचारियों को पकड़ने के लिए टीम लगाई गई है। साथ ही पीड़िता को भी बयान देने के लिए बुलाया है। उसने स्वास्थ्य खराब बताकर बाद में बयान कराने की बात कही है। सरकारी अस्पताल की महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म मामले में आरोपित डाक्टर की धरपकड़ की कोशिश की जा रही है।
- अखिलेश नारायण सिंह, एसपी सिटी