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काशी में पसरी खामोशी, चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात

परतापुर से आठ किमी दूर बसे काशी गांव में तनावपूर्ण शांति हैं। गलियों में खामोशी छाई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 05:00 AM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 06:04 AM (IST)
काशी में पसरी खामोशी, चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात
काशी में पसरी खामोशी, चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात

मेरठ,जेएनएन। परतापुर से आठ किमी दूर बसे काशी गांव में तनावपूर्ण शांति हैं। गलियों में खामोशी छाई है। चप्पे-चप्पे पर तैनात पुलिस को देखकर सभी लोग घरों में दुबक गए। पुलिस दोनों समुदाय के लोगों को एक-दूसरे की तरफ जाने नहीं दे रहे है, ताकि विवाद न हो जाए। शोएब के घर रिश्तेदारों का तांता लगा हुआ है, जबकि जयपाल जाटव के मोहल्ले में सभी लोग घरों से फरार हो गए।

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परतापुर में पांच हजार की जनसंख्या वाले काशी गांव के लोगों में हमेशा सांप्रदायिक सद्भाव बना रहा। कई बार मामूली बातों को लेकर तनातनी तो हुई, लेकिन दोनों समुदाय के लोगों ने कभी गांव में दीवार नहीं खींचने दी। रविवार को हादसे के बाद शोएब को इतना पीटा गया कि उपचार के दौरान उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया। उसके बाद जाटव और मुस्लिम समाज के लोग दो भागों में बंट गए। गांव में तनाव को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। पुलिस दोनों संप्रदाय के बीच दीवार बनकर खड़ी हुई है। दोनों समुदाय के लोगों को एक दूसरे की तरफ जाने नहीं दिया जा रहा है। शोएब की हत्या की खबर सुनने के बाद उसके घर पर रिश्तेदारों और जानने वालों की भीड़ लगी हुई है। पुलिस ने स्पष्ट कर दिया कि कानून हाथ में लेने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसलिए दोनों समुदाय के लोग एक-दूसरे की तरफ नहीं जा रहे है। छह नामजद और अज्ञात में मुकदमा दर्ज होने के बाद जाटव बिरादरी के लोग घर से फरार हो गए। हालांकि चार आरोपितों अमर सिंह, वेदपाल, रामबीर और उसके बेटे को हिरासत में लेकर पुलिस थाने ले आई। साथ ही गांव में पुलिस लगातार फ्लैगमार्च कर रही है। इंस्पेक्टर आनंद मिश्रा ने बताया कि गांव में शांति है। एहतियात के तौर पर पुलिस लगी हुई है।

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हत्या या हादसा..स्पष्ट नहीं कर पाई पुलिस

पुलिस मौखिक रूप से शोएब की मौत को हादसा बता रही है, जबकि परिजन उसे पीट-पीट कर हत्या का नाम दे रहे है। हैरत की बात है कि पुलिस ने थाने में 147(एक राय होकर एक से अधिक लोगों का हमला),148 (एकत्र होकर हमला करना),307 (जानलेवा हमला करना), 302 (हत्या कर देना ) में मुकदमा दर्ज कर लिया है। मौखिक रूप से पुलिस अफसर अभी भी हादसा बता रहे है।

यह बोले कप्तान : मुकदमा भले ही हत्या का दर्ज किया हो, लेकिन अभी तक हत्या का कोई साक्ष्य पुलिस को नहीं मिला है। पुलिस मुकदमे से हत्या की धारा हटाकर हादसे में तरमीम कर देगी। अभी पुलिस क्राइमसीन और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का अवलोकन कर रही है।

असलम ने यह कहा : मेरे बेटे की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या की है। एक राय होकर दलित समाज के लोगों ने शोएब पर हमला किया है। यदि पुलिस ने मुकदमे से हत्या की धारा हटाई तो थाने पर ग्रामीणों के साथ प्रदर्शन करेंगे। किसी भी सूरत में धारा नहीं हटने देंगे।

यह बोले जयपाल : मेरे बेटे जतन को शोएब ने बाइक से टक्कर मारी है। उसके बाद खंभे से बाइक टकराने पर उसकी मौत हुई है। भीड़ ने कदापि उस पर हमला नहीं किया है। मुस्लिम समाज के लोग बेवजह फंसा रहे हैं। हमारी तरफ से भी मामले की तहरीर दी जाएगी।

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वर्जन:::

- शोएब की हत्या करने वाले छह लोगों पर मुकदमा दर्ज कर दिया है। हमलावर पक्ष की तरफ से चार लोगों को हिरासत में ले लिया गया। साथ ही निर्देश दिए गए कि लोग कानून अपने हाथ में न लें। कानून तोड़ने वाले लोगों पर कठोर कार्रवाई की जा रही है। शांति व्यवस्था को लेकर गांव में पुलिस बल लगाया हुआ है।

- आलोक सिंह, आइजी मेरठ।


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