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रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी: यूपी पुलिस को विवेचना का समय नहीं, सुभारती ने दी रिपोर्ट

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को लेकर भले ही सरकार सख्त हो लेकिन पुलिस का रवैया नहीं बदला। सुभारती मेडिकल कालेज में इंजेक्शन की कालाबाजारी का मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने विवेचना को आगे नहीं बढ़ाया ।

By Taruna TayalEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 02:58 PM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 02:58 PM (IST)
यूपी में रेमडेस‍िवि‍र इंजेक्‍शन की कालाबाजारी ।

मेरठ, जेएनएन। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को लेकर भले ही सरकार सख्त हो, लेकिन पुलिस का रवैया नहीं बदला। सुभारती मेडिकल कालेज में इंजेक्शन की कालाबाजारी का मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने विवेचना को आगे नहीं बढ़ाया, जबकि सुभारती ग्रुप की तरफ से पूरे प्रकरण में जांच करने के बाद आवेदन के साथ रिपोर्ट डीएम को सौंप दी गई। रिपोर्ट में बताया गया है कि देहलीगेट इंस्पेक्टर 13 से 18 अप्रैल तक दस रेमडेसिविर इंजेक्शन देने का दबाव बना रहे थे। इंजेक्शन नहीं देने पर देहलीगेट पुलिस ने स्टिंग कर अस्पताल के दो स्टाफ को झांसे में लेकर फंसाया। उसके बाद दोनों को पहले कप्तान आवास पर ले गए, उसके बाद देहलीगेट थाने में ले जाकर प्रताड़ित किया गया। उनपर दबाव बनाया गया कि इस कृत्य में डा. अतुल कृष्ण और उनके बेटे कृष्ण मूíत पर भी कालाबाजारी का आरोप लगाएं। दूसरी ओर सुभारती की इस रिपोर्ट पर पुलिस का कहना है कि यह रिपोर्ट कोर्ट में मान्‍य ही नहीं है। पुलिस अपना काम कर रही है।

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23 अप्रैल को पुलिस ने सुभारती मेडिकल कालेज में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी पकड़ी थी। सुभारती मेडिकल कालेज के आठ कर्मचारियों के कब्जे से रेमडेसिविर इंजेक्शन और 25 हजार नकद बरामद कर उन्हें जेल भेजा गया था। जांच में सामने आया कि बरामद इंजेक्शन गाजियाबाद के कविनगर निवासी शोभित जैन को लगना था लेकिन इंजेक्शन नहीं लगने से शोभित जैन की मौत हो गई थी। 22 दिन बीतने के बाद अभी तक पुलिस मृत शोभित जैन के परिवार से मिलने तक नहीं पहुंच सकी है। पुलिस ने सुभारती ग्रुप से रेमडेसिविर का रिकार्ड तक नहीं मांगा है।

इस मामले में इंस्पेक्टर संजय वर्मा बताते हैं कि पुलिस दूसरे कामों में लगी है, विवेचना करने का समय नहीं मिल रहा है। उधर, सुभारती ग्रुप की तरफ से कमेटी बनाकर पूरे प्रकरण की जांच कर दी गई है। उनकी जांच रिपोर्ट में पुलिस की ही घेराबंदी की गई है। इंस्पेक्टर देहलीगेट पर 10 इंजेक्शन मांगने का आरोप लगाया गया है। साथ ही बताया गया है कि इंस्पेक्टर ही पिछले हर प्रकरण में सुभारती ग्रुप पर दबाव बना रहे थे। उनकी जांच में यह भी सामने आया कि पकड़े गए आरोपित से बरामद इंजेक्शन शोभित जैन का नहीं था बल्कि उपचार कराने के बाद ठीक हुए एक मरीज का इंजेक्शन था, जिसे पुलिसकर्मी ने स्टिंग कर कब्जे में लिया। डाक्टर अतुल कृष्ण भटनागर ने बताया कि डीएम को आवेदन के साथ जांच रिपोर्ट देते हुए उनसे निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की गई है।

सुभारती की रिपोर्ट

इंस्पेक्टर ने 10 रेमडेसिविर न देने पर स्टिंग में फंसाया

पुलिस की बात

यह रिपोर्ट कोर्ट में मान्य नहीं पुलिस कर रही अपना काम

अस्पताल प्रशासन की जांच रिपोर्ट कोर्ट में मान्य नहीं है। पुलिस अपनी तरफ से विवेचना कर रही है। विवेचना बिल्कुल निष्पक्ष की जा रही है जिसमें कोई भी निदरेष नहीं फंसाया जाएगा। दोषी को बख्शा भी नहीं जाएगा। पुलिस अपनी विवेचना कर कोर्ट में आरोप पत्र जल्द ही जमा करेगी। कालेज प्रशासन की जांच रिपोर्ट से पुलिस का कोई वास्ता नहीं है।

- अजय साहनी, एसएसपी


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