राजफाश तो ठीक-ठाक...माल बरामदगी में फिसड्डी है खाकी
लूट, चोरी व डकैती की वारदातों में बरामदगी में खाकी का आंकड़ा निराशाजनक। पीडि़तों को आरोपितों के पकड़े जाने की संतुष्टि ही दिला पा रही पुलिस।
By Taruna TayalEdited By: Published: Fri, 11 Jan 2019 12:26 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jan 2019 12:26 PM (IST)
मेरठ, [योगेन्द्र सागर]। वारदात हुई है तो राजफाश भी होगा। ये चंद शब्द हमेशा पुलिस की जुबां पर रहते हैं। लेकिन वारदातों का राजफाश कर वाहवाही बटोरने वाली पुलिस माल बरामदगी में फिसड्डी साबित रहती है। यह सिलसिला पिछले साल भी जारी रहा। मेरठ जोन में अधिकांश पीडि़तों को पुलिस सिर्फ आरोपितों के पकड़े जाने की तसल्ली ही दिला पायी।
पुलिस आंकड़ों के अनुसार पिछले साल मेरठ जोन के मेरठ, गाजियाबाद, बागपत, बुलंदशहर, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, शामली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर जिले में डकैती की 23, लूट की 596, गृहभेदन की 870 और चोरी की 13544 वारदातें दर्ज हुईं। वाहन चोरी की 8775 घटनाएं शामिल हैं। डकैती व लूट की घटनाओं में 15.90 करोड़ रुपये का माल लुटा, जबकि बरामदगी 12.09 करोड़ रुपये की ही हो सकी। वहीं, चोरी की वारदातों में 41.97 करोड़ रुपये का माल चोरी हुआ, लेकिन बरामदगी महज 19.45 करोड़ के माल की ही हो सकी।
वाहनों की बरामदगी भी निराशाजनक
पुलिस आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2018 में मेरठ जोन में 8775 वाहन लूटे गए या चोरी कर लिए गए। तमाम वाहन चोर और लुटेरे गिरोह बेनकाब हुए और उनसे वाहनों की रिकवरी भी की गई, लेकिन नाममात्र ही वाहन बरामद हो सके। उक्त वाहनों में पुलिस सिर्फ 1625 दोपहिया और 321 चार पहिया वाहन ही बरामद कर सकी।
पीडि़तों को भी गुमराह करती है खाकी
डकैती, लूट और चोरी की वारदातों के बाद पुलिस भी पीडि़तों को गुमराह करती है। उदाहरण के तौर पर 10 लाख की लूट या चोरी होने पर पुलिस अगर सारा माल बरामद कर भी लेती है तो पीडि़त को बरगलाया जाता है। कहा जाता कि सारा माल दिखाओगे तो कोर्ट से कई वर्षों में माल मिलेगा। थोड़ा बहुत माल लूट या चोरी दिखाकर बाकी सीधे तौर पर पीडि़त को दे दिया जाता है।
पुलिस को है संपत्ति जब्त करने का अधिकार
डकैती, लूट या चोरी की घटना का राजफाश करने पर पुलिस को माल भी पूरा बरामद करना चाहिए। अगर बदमाशों ने लूटे या चुराए गए माल से कोई सामान खरीदा है, जगह खरीदी है या वाहन आदि खरीदे हैं तो पुलिस उसे जब्त कर पीडि़त की भरपाई करा सकती है। अगर बदमाश ने माल को अपने साथियों में बंदरबांट कर दिया है तो उन साथियों को भी गिरफ्तार कर रिकवरी करने का अधिकार पुलिस के पास है।
-अनिल बक्शी, वरिष्ठ अधिवक्ता
जोन में लूट, चोरी व डकैती की वारदातें
परिक्षेत्र डकैती लूट कुल चोरी वाहन चोरी
मेरठ 22 463 12228 8018
सहारनपुर 01 133 1316 757
लूटी व चुराई गई संपत्ति व बरामदगी (करोड़ में)
परिक्षेत्र लूटी संपत्ति बरामद संपत्ति चोरी संपत्ति बरामद संपत्ति
मेरठ 14.45 11.35 38.20 16.33
सहारनपुर 01.44 0.74 03.75 03.11
लूटे व चोरी हुए वाहनों की बरामदगी का विवरण
परिक्षेत्र दोपहिया चार पहिया
मेरठ 1135 261
सहारनपुर 480 80
इन्होंने कहा
वारदातों के बाद पुलिस के सामने राजफाश व माल बरामदगी की चुनौती रहती है। जोन में माल बरामदगी का औसत पूर्व के वर्षों की अपेक्षा बेहतर रहा है। माल बरामदगी का यह आंकड़ा और भी बेहतर हो, इसके लिए जोन पुलिस को निर्देश दिए जाएंगे।|
-प्रशांत कुमार, एडीजी मेरठ जोन
पुलिस आंकड़ों के अनुसार पिछले साल मेरठ जोन के मेरठ, गाजियाबाद, बागपत, बुलंदशहर, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, शामली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर जिले में डकैती की 23, लूट की 596, गृहभेदन की 870 और चोरी की 13544 वारदातें दर्ज हुईं। वाहन चोरी की 8775 घटनाएं शामिल हैं। डकैती व लूट की घटनाओं में 15.90 करोड़ रुपये का माल लुटा, जबकि बरामदगी 12.09 करोड़ रुपये की ही हो सकी। वहीं, चोरी की वारदातों में 41.97 करोड़ रुपये का माल चोरी हुआ, लेकिन बरामदगी महज 19.45 करोड़ के माल की ही हो सकी।
वाहनों की बरामदगी भी निराशाजनक
पुलिस आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2018 में मेरठ जोन में 8775 वाहन लूटे गए या चोरी कर लिए गए। तमाम वाहन चोर और लुटेरे गिरोह बेनकाब हुए और उनसे वाहनों की रिकवरी भी की गई, लेकिन नाममात्र ही वाहन बरामद हो सके। उक्त वाहनों में पुलिस सिर्फ 1625 दोपहिया और 321 चार पहिया वाहन ही बरामद कर सकी।
पीडि़तों को भी गुमराह करती है खाकी
डकैती, लूट और चोरी की वारदातों के बाद पुलिस भी पीडि़तों को गुमराह करती है। उदाहरण के तौर पर 10 लाख की लूट या चोरी होने पर पुलिस अगर सारा माल बरामद कर भी लेती है तो पीडि़त को बरगलाया जाता है। कहा जाता कि सारा माल दिखाओगे तो कोर्ट से कई वर्षों में माल मिलेगा। थोड़ा बहुत माल लूट या चोरी दिखाकर बाकी सीधे तौर पर पीडि़त को दे दिया जाता है।
पुलिस को है संपत्ति जब्त करने का अधिकार
डकैती, लूट या चोरी की घटना का राजफाश करने पर पुलिस को माल भी पूरा बरामद करना चाहिए। अगर बदमाशों ने लूटे या चुराए गए माल से कोई सामान खरीदा है, जगह खरीदी है या वाहन आदि खरीदे हैं तो पुलिस उसे जब्त कर पीडि़त की भरपाई करा सकती है। अगर बदमाश ने माल को अपने साथियों में बंदरबांट कर दिया है तो उन साथियों को भी गिरफ्तार कर रिकवरी करने का अधिकार पुलिस के पास है।
-अनिल बक्शी, वरिष्ठ अधिवक्ता
जोन में लूट, चोरी व डकैती की वारदातें
परिक्षेत्र डकैती लूट कुल चोरी वाहन चोरी
मेरठ 22 463 12228 8018
सहारनपुर 01 133 1316 757
लूटी व चुराई गई संपत्ति व बरामदगी (करोड़ में)
परिक्षेत्र लूटी संपत्ति बरामद संपत्ति चोरी संपत्ति बरामद संपत्ति
मेरठ 14.45 11.35 38.20 16.33
सहारनपुर 01.44 0.74 03.75 03.11
लूटे व चोरी हुए वाहनों की बरामदगी का विवरण
परिक्षेत्र दोपहिया चार पहिया
मेरठ 1135 261
सहारनपुर 480 80
इन्होंने कहा
वारदातों के बाद पुलिस के सामने राजफाश व माल बरामदगी की चुनौती रहती है। जोन में माल बरामदगी का औसत पूर्व के वर्षों की अपेक्षा बेहतर रहा है। माल बरामदगी का यह आंकड़ा और भी बेहतर हो, इसके लिए जोन पुलिस को निर्देश दिए जाएंगे।|
-प्रशांत कुमार, एडीजी मेरठ जोन
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