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पचास फीट खोदाई के बाद भी पुलिस खाली हाथ

कंकरखेड़ा थानाक्षेत्र के फाजलपुर निवासी युवक रूपक उर्फ भूरी पुत्र जसवंत सिंह की 25 जून को दोस्तों ने घर से बुलाकर जिटोला गांव के जंगल में हत्या कर दी थी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 06:08 AM (IST)
पचास फीट खोदाई के बाद भी पुलिस खाली हाथ
पचास फीट खोदाई के बाद भी पुलिस खाली हाथ

जेएनएन, मेरठ। कंकरखेड़ा थानाक्षेत्र के फाजलपुर निवासी युवक रूपक उर्फ भूरी पुत्र जसवंत सिंह की 25 जून को दोस्तों ने घर से बुलाकर जिटोला गांव के जंगल में हत्या कर दी थी। शव के टुकड़े किए और ढाई सौ फीट गहरे बोरवेल में डाल दिए। पिछले पांच दिन से पुलिस बोरवेल से उसके शव को बरामद करने के लिए मशक्कत कर रही है, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी है। सोमवार को बोरवेल की पचास फीट की खोदाई के बाद पानी निकलने के कारण पोकलेन मशीन भी फेल हो गई और आपरेशन रोक दिया गया। दोबारा बोरवेल में कैमरा डाला गया तो 15 फीट और नीचे शव के अवशेष और ईट पत्थर दिखाई दिए।

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ढाई सौ फीट गहरे बोरवेल में टुकड़े-टुकड़े करके डाले गए रूपक के शव की तलाश के लिए जिटोला गांव के जंगल में कंकरखेड़ा पुलिस की देखरेख में बोरवेल की खोदाई का कार्य चल रहा है। पिछले पांच दिनों से तीन जेसीबी मशीन और एक पोकलेन मशीन लगी हुई है। लगभग 50 फीट की खोदाई के बाद पाइप को पुलिस ने काटा तो उसमें ईट-पत्थर के अलावा कुछ खास नहीं मिला। हालांकि पाइप से बदबू जरूर आ रही है। शरीर के जैसे कुछ टुकड़े दिखने की भी बात कही जा रही है। रूपक के स्वजनों का बुरा हाल है। रोहटा थाना प्रभारी उपेंद्र सिंह ने बताया कि पाइप को जगह-जगह से काटकर देखा गया है पर अभी कुछ नहीं मिला है। बताया कि अब तकनीकी विशेषज्ञों की राय लेकर दोबारा ऑपरेशन शुरू किया जाएगा।

जितनी वीभत्स हत्या, उतनी ही बड़ी लापरवाही

दोस्तों ने ही रूपक की हत्या इतनी वीभत्स तरीके से की कि सुनकर रूह कांप उठती है। पहले मौत के घाट उतारा फिर शव के टुकड़-टुकड़े कर बोरवेल में डाल दिया। पुलिस चार दोस्तों को हिरासत में ले चुकी है। मुख्य आरोपित अभी पुलिस की पकड़ से दूर है। स्वजनों ने शव मिलने के इंतजार में अभी हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं कराया है। गुमशुदगी ही चल रही है लेकिन दो थानों के बीच में फंसा यह मामला लापरवाही के रिकार्ड तोड़ रहा है। पुलिस पांच दिन से शुगर मिल की जेसीबी और पोकलेन मशीन के सहारे ढाई सौ फीट के बोरवेल में शव के टुकड़े तलाश रही है। पांचवे दिन पचास फीट में पानी निकला तो पुलिस भी पानी-पानी हो गई और काम रोक दिया। अब विशेषज्ञों की राय लेने का राग अलापा जा रहा है। सवाल खड़े हो रहे हैं कि अब तक राय क्यों नहीं ली गई। एनडीआरएफ की मदद क्यों नहीं ली गई। मेरठ में इतनी बड़ी छावनी है, सेना के तमाम इंजीनियर हैं उनसे इस संबंध में राय क्यों नहीं मांगी गई। हद तो यह है कि अभी तक कोई पुलिस व प्रशासन का बड़ा अफसर तक मौके पर नहीं पहुंचा है। सर्किल के सीओ सरधना को भी समय नहीं मिल सका है। रूपक के परिजन बेहाल हैं लेकिन पुलिस अपनी 'चाल' पर चल रही है।

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छात्र की तलाश में लगातार खोदाई की जा रही है। अभी तक उसका पता नहीं चल पाया है। मंगलवार को एक्सपर्ट की मदद ली जाएगी। उसके बाद ही छात्र की तलाश होगी।

अजय साहनी, एसएसपी


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