'आज के रिश्ते कहां इतने सच्चे हैं, हम तो सिंगल ही अच्छे हैं'
एमआइईटी में तीन दिनों से चल रहे कोलाहल युवा महोत्सव में शनिवार को कवियों ने अपनी रचनाओं से खूब वाहवाही लूटी। वीर श्रृंगार रस से सजी कविताओं को सुनकर छात्र-छात्राएं भी झूमते नजर आए। वहीं ओपन माइक और बैटल ऑफ बैंड में प्रतिभागियों ने अपनी प्रस्तुति दी।
मेरठ। एमआइईटी में तीन दिनों से चल रहे कोलाहल युवा महोत्सव में शनिवार को कवियों ने अपनी रचनाओं से खूब वाहवाही लूटी। वीर, श्रृंगार रस से सजी कविताओं को सुनकर छात्र-छात्राएं भी झूमते नजर आए। वहीं ओपन माइक और बैटल ऑफ बैंड में प्रतिभागियों ने अपनी प्रस्तुति दी।
कवि मनराज सिंह ने सुनाया कि ढिंढोरा पिटवा दो लाहौर में, कह दो बॉर्डर पार से एक पैगाम आया है। अबकी बार बदला लेने सेना नहीं पूरा हिदुस्तान आया है। नीरज निदान की पंक्तियां यूं रहीं कि राह का वो खूबसूरत पत्थर हुए साहब, जिसे देखने सब आएंगे, कोई घर न लेकर जाएगा। संगीता यदुवंशी ने सुनाया कि आज के रिश्ते कहां इतने सच्चे हैं, हम तो सिंगल ही अच्छे हैं, दिल कहता है कि ए भाई कोई होना चाहिए। अमन चुघ ने सुनाया कि मेरे हाल को देखकर मुस्कुराते होंगे। मुमकिन है उन्हें अपने दिन याद आते होंगे। इतना आसान नहीं उनके दिल का रास्ता, खुशनसीब ही दिल तक पहुंच पाते होंगे। पुष्कर चौहान ने सुनाया कि अगर डरते हो कि मोहब्बत में अंजाम क्या होगा, तो दिल की बात दिल में रखो बतलाया ना करो। चेयरमैन विष्णु शरण, वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, डायरेक्टर जेएम गर्गा, डायरेक्टर मयंक गर्ग, डीन प्रोफेसर डा. डीके शर्मा आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम में नितिन गर्ग, विश्वास गौतम, अजय चौधरी, जतिन अरोड़ा आदि का योगदान रहा।
बैटल ऑफ बैंड में गूंजे सुर
कोलाहल में बैटल ऑफ बैंड प्रतियोगिता में छह कॉलेजों की टीमों ने हिस्सा लिया। सभी ने बैंड बजाकर सभी को झूमने को मजबूर कर दिया। बैंड से प्रतिभागियों ने ये नशा है, नशा ये कुछ नया-नया है, झूम-झूम बाबा जैसे गीत प्रस्तुत किए।