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3700 करोड़ का मुकदमा दर्ज कराकर हो गए लापता, दर-दर भटक रही क्राइम ब्रांच

3700 करोड़ की ठगी में एक दर्जन वादियों ने ई-मेल से दर्ज कराया था मुकदमा। पता-ठिकाना न होने के कारण अटकी है विवेचना।

By Taruna TayalEdited By: Published: Fri, 14 Dec 2018 12:27 PM (IST)Updated: Fri, 14 Dec 2018 12:27 PM (IST)
3700 करोड़ का मुकदमा दर्ज कराकर हो गए लापता, दर-दर भटक रही क्राइम ब्रांच
3700 करोड़ का मुकदमा दर्ज कराकर हो गए लापता, दर-दर भटक रही क्राइम ब्रांच
मेरठ (पंकज तोमर)। नोएडा में हुई 3700 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में विवेचना अहम मोड़ पर आकर रुक सी गई है। ई-मेल आइडी के जरिए मुकदमा पंजीकृत कराने वाले वादी ही लापता हो गए हैं। उनकी तलाश में क्राइम ब्रांच ने इंटरनेशनल स्तर के एक्सपट्र्स को लगाया है, ताकि नाम-पता हासिल कर विवेचना को चाल दी जा सके।
एबलेज इन्फो सॉल्यूशन प्रा. लि. कंपनी के मालिक अनुभव मित्तल पर मेरठ जोन में करीब 260 मुकदमे दर्ज कराए गए थे, जिनमें से लगभग 200 मुकदमे मेरठ जिले के पीडि़तों के हैं। जोन के ज्यादातर थानों में विवेचना ठंडे बस्ते में पड़ी है। क्राइम ब्रांच के मुताबिक, कुछ वादी कार्रवाई कराने से इन्कार कर रहे हैं। उन्होंने एफआर लगाने की मांग की है लेकिन विवेचकों ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने की बात कही है।
खत्म हो सकते हैं मुकदमे
विवेचना में देरी की एक वजह यह भी है कि एक दर्जन से अधिक वादी ने मुकदमा दर्ज कराते समय सिर्फ ई-मेल आइडी दी थी। उन्होंने कोई पता, फोन या मोबाइल नंबर नहीं दिया। वादियों के नहीं मिलने से बयान दर्ज नहीं हो पा रहे हैं। पीडि़तों को तलाशते हुए विवेचक भी चकरा गए हैं, इसलिए नोएडा और दिल्ली में बैठे अंतरराष्ट्रीय स्तर के साइबर विशेषज्ञों का सहारा लिया गया है। यदि वादी नहीं मिलते तो एफआर लगाकर मामलों को खत्म किया जा सकता है।
ई-मेल का नहीं आया जवाब
गुमनाम वादी को ढूंढने के लिए क्राइम ब्रांच का सहयोग करते हुए साइबर सेल ने ई-मेल भी किए, लेकिन उनका भी जवाब नहीं आया।
ये है मामला
नोएडा सेक्टर-63 स्थित कंपनी एबलेज इन्फो सॉल्यूशन के मालिक अनुभव मित्तल व उनकी पत्नी आयुषी मित्तल समेत कई लोगों पर 3700 करोड़ रुपये ठगी का आरोप है। साल-2017 में इसी कंपनी के वेब पोर्टल सोशल ट्रेड डॉट बिज पर लिंक लाइक कराने के नाम पर ठगी की गई थी। चेन सिस्टम के तहत कंपनी में काम शुरू किया गया। देश के कई शहरों में सैकड़ों मुकदमे दर्ज कराए गए थे। मेरठ जोन में हुए मुकदमे क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर किए गए थे।
इन्होंने कहा--
ई-मेल के जरिए दर्ज हुए मुकदमों में वादी नहीं मिल रहे हैं। उनकी तलाश के लिए इंटरनेशनल एक्सपट्र्स का सहारा लिया गया है।
-डा. बीपी अशोक, एसपी क्राइम

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