Move to Jagran APP

खूंखार पिटबुल कुत्ता आबादी के बीच मौजूद... मेरठ का सरकारी अमला मौन

Pitbull terror in Meerut मेरठ के मवाना कस्‍बे में भी एक किशोर को पिटबुल ने काट लिया था। कुत्‍ते ने किशोर को इतनी बुरी तरह जबड़े में जकड़ लिया था कि छुड़ाने के लिए लोगों को पेचकस का सहारा लेना पड़ा था। इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

By Parveen VashishtaEdited By: Published: Wed, 10 Aug 2022 08:05 AM (IST)Updated: Wed, 10 Aug 2022 08:05 AM (IST)
खूंखार पिटबुल कुत्ता आबादी के बीच मौजूद... मेरठ का सरकारी अमला मौन
खूंखार पिटबुल कुत्ता आबादी के बीच मौजूद... मेरठ का सरकारी अमला मौन (प्रतीकात्‍मक फोटो)

मेरठ, जागरण संवाददाता। लखनऊ के केसरबाग में मालकिन को मार देने वाले पिटबुल नस्ल के कुत्ते को जब्त कर लिया गया था, लेकिन मवाना में घटना को लेकर नियम-कायदे बदल गए। घटना के चार दिन बीत गए हैं, कोई कार्रवाई नहीं की गई है। किशोर को लहूलुहान करने वाला पिटबुल कुत्ता आबादी के बीच मौजूद है। नगरपालिका और प्रशासनिक अफसरों ने कार्रवाई के नाम पर चुप्पी साध ली है। 

loksabha election banner

किशोर को पिटबुल ने किया था घायल 

 मवाना में शनिवार को पिटबुल कुत्ते ने किशोर सालिम पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। उसका इलाज मेरठ के आनंद अस्पताल में चल रहा है। नगरपालिका मवाना पिटबुल कुत्ते को लेकर घटना के दिन से ही आंखें मूंदे हुए है, हालांकि अधिशासी अधिकारी नगरपालिका एक्ट में प्रतिबंधित नस्ल के कुत्तों को लेकर ज्यादा प्रविधान नहीं होने का रोना रोते आ रहे हैं, जबकि खूंखार पिटबुल कुत्ते को सुबह-शाम घर से बाहर सड़क पर घुमाया जा रहा है। इस दौरान वह फिर किसी पर हमला कर सकता है। घटना के बाद भी बेधड़क कुत्तों को टहलाने की सूचना के बाद भी नगरपालिका के जिम्मेदार हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। मंगलवार को नगरपालिका 

द्वारा पिटबुल कुत्ते को लेकर कार्रवाई की उम्मीद जगी थी, लेकिन शाम होते-होते कोई कार्रवाई नहीं की गई। 

सालिम की हालत में सुधार

आनंद हास्पिटल में भर्ती किशोर सालिम की हालत में लगातार सुधार हो रहा है। मंगलवार को भी खिचड़ी खायी और लिक्विड दिया गया। पिता दिलशाद का कहना है कि चिकित्सक अभी छुट्टी को मना कर रहे हैं।  

इन्‍होंने कहा 

अभी नहीं की कार्रवाई खतरनाक पिटबुल कुत्ते को लेकर अभी कोई कार्रवाई अमल में नहीं लायी गई है। अगर ऐसा होगा तो पूर्व में बता दिया जाएगा।

सुनील कुमार, अधिशासी अधिकारी मवाना।

कुत्ते के मालिक के खिलाफ धारा 289 (पालतू जीव को ध्यान से नहीं रखना) के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। आइपीसी की धारा 324 के तहत किसी पशु के माध्यम से यदि चोट पहुंचाई जाती है तो उसे कारावास या आर्थिक दंड या दोनों से दंडित किया जा सकता है। यदि कोई पीड़ित मुकदमा दर्ज नहीं करता तो नगर पालिका में कुत्तों के पंजीकरण का काम देख रहे कर्मचारी या अधिकारी या फिर क्षेत्रीय पुलिस मुकदमा दर्ज करा सकती है। 

शैलेंद्र कुमार, अधिवक्ता 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.