जरा संभलिए... दूध में मिला पेस्टीसाइड शरीर में घोल रहा जहर
विश्वविद्यालय के विष विज्ञान विभाग में दूध की जांच में गाय-भैंस और बकरी के दूध में कीटनाशक मिले। इसमें से कई कीटनाशक पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं।
By Taruna TayalEdited By: Published: Thu, 25 Apr 2019 04:10 PM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 04:10 PM (IST)
मेरठ, [विवेक राव]। दूध में पानी की मिलावट की मार सिर्फ जेब पर पड़ती है, लेकिन अब दूध में घुला जहर सेहत के लिए खतरे का सबब बन रहा है। चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय के विष विज्ञान विभाग में दूध की जांच में कीटनाशक मिलने की पुष्टि हुई है।
दूध में मानक से अधिक मात्रा में पेस्टीसाइड
विश्वविद्यालय के विष विज्ञान विभाग में गाय, भैंस और बकरी के दूध के अलावा पैकेट बंद दूध के सैंपल की जांच की गई। सभी पशुओं के दूध में मानक से अधिक मात्रा में पेस्टीसाइड (कीटनाशक) की मात्र पाई गई। इसमें से कई कीटनाशक पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं। बावजूद इसके इनका उपयोग फसलों पर किया जा रहा है। शोध में पाया गया कि पशुओं के चारे के माध्यम से ही पेस्टीसाइड पशुओं के दूध में पहुंच रहा है। गाय, भैंस और बकरी के दूध में सबसे अधिक कीटनाशक की मात्र पाई गई। इसमें भैंस और बकरी के दूध में कीटनाशक की मात्र सबसे अधिक मिली। विष विज्ञान के प्रो. एसवीएस राणा, डा. यशवेंद्र वर्मा, उदयवीर राठी और ललित वशिष्ठ ने दूध के सैंपल की जांच की।
दूध की शुद्धता जांचने का तरीका
प्राकृतिक चिकित्सक डा. इंदू कुमार ने बताया कि दूध में स्टार्च, यूरिया या अन्य केमिकल की जांच करनी है तो दूध में आयोडीन की कुछ बूंदे डालें। अगर दूध का रंग नीला होता है तो उसमें मिलावट है।
भैंस के दूध में मिले कीटनाशक
भैंस के दूध की जांच में तीन तरह के कीटनाशक की पहचान हुई। इसमें सबसे अधिक साइपरमेथ्रिन कीटनाशक का उपयोग किया गया था। इसकी मात्र 7.21 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर पाया गया।
गाय का दूध : गाय के दूध में चार तरह के कीटनाशक के सैंपल पाए गए। इसमें फुरोनान कीटनाशक की मात्र 4.73 नैनोग्राम प्रति मिली लीटर मिली।
बकरी का दूध : बकरी के दूध में भी तीन तरह के कीटनाशक की मात्र पाई गई। इसमें सबसे अधिक काबरेफ्यूरान की मात्र 7.69 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर थी।
इन्होंने बताया
कीटनाशक मिश्रित दूध का सेवन करने से हर अंग पर असर पड़ता है। सबसे अधिक किडनी, लीवर और ब्रेन पर इसका प्रभाव पड़ सकता है।
- डा. यशवेंद्र वर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर, विष विज्ञान विभाग
दूध में मानक से अधिक मात्रा में पेस्टीसाइड
विश्वविद्यालय के विष विज्ञान विभाग में गाय, भैंस और बकरी के दूध के अलावा पैकेट बंद दूध के सैंपल की जांच की गई। सभी पशुओं के दूध में मानक से अधिक मात्रा में पेस्टीसाइड (कीटनाशक) की मात्र पाई गई। इसमें से कई कीटनाशक पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं। बावजूद इसके इनका उपयोग फसलों पर किया जा रहा है। शोध में पाया गया कि पशुओं के चारे के माध्यम से ही पेस्टीसाइड पशुओं के दूध में पहुंच रहा है। गाय, भैंस और बकरी के दूध में सबसे अधिक कीटनाशक की मात्र पाई गई। इसमें भैंस और बकरी के दूध में कीटनाशक की मात्र सबसे अधिक मिली। विष विज्ञान के प्रो. एसवीएस राणा, डा. यशवेंद्र वर्मा, उदयवीर राठी और ललित वशिष्ठ ने दूध के सैंपल की जांच की।
दूध की शुद्धता जांचने का तरीका
प्राकृतिक चिकित्सक डा. इंदू कुमार ने बताया कि दूध में स्टार्च, यूरिया या अन्य केमिकल की जांच करनी है तो दूध में आयोडीन की कुछ बूंदे डालें। अगर दूध का रंग नीला होता है तो उसमें मिलावट है।
भैंस के दूध में मिले कीटनाशक
भैंस के दूध की जांच में तीन तरह के कीटनाशक की पहचान हुई। इसमें सबसे अधिक साइपरमेथ्रिन कीटनाशक का उपयोग किया गया था। इसकी मात्र 7.21 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर पाया गया।
गाय का दूध : गाय के दूध में चार तरह के कीटनाशक के सैंपल पाए गए। इसमें फुरोनान कीटनाशक की मात्र 4.73 नैनोग्राम प्रति मिली लीटर मिली।
बकरी का दूध : बकरी के दूध में भी तीन तरह के कीटनाशक की मात्र पाई गई। इसमें सबसे अधिक काबरेफ्यूरान की मात्र 7.69 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर थी।
इन्होंने बताया
कीटनाशक मिश्रित दूध का सेवन करने से हर अंग पर असर पड़ता है। सबसे अधिक किडनी, लीवर और ब्रेन पर इसका प्रभाव पड़ सकता है।
- डा. यशवेंद्र वर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर, विष विज्ञान विभाग
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