Railway Encroachment: रेलवे ट्रैक के किनारे दो दशक से रह रहे लोग, दिखावे की होती रही कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रेल पटरियों के पास बनी अवैध बस्तियों पर रेलवे अधिकारियों की नजर उठी है। बुलंदशहर में भी रेलवे ट्रैक के सुरक्षा दायरे की नियमित नहीं हो रही निगरानी।
बुलंदशहर, जेएनएन। दिल्ली में रेल पटरियों के किनारे बसी अवैध बस्तियों को हटाने का आदेश हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। जिसके बाद से रेल पटरियों के पास बनी अवैध बस्तियों पर रेलवे अधिकारियों की नजर उठी है। अब नियम-कायदे भी देखें जा रहे हैं। फैसला आने के बाद बुलंदशहर में भी विकास भवन के पास रेलवे ट्रैक के पास बनी अवैध झोपड़ियों को लेकर सोच-विचार शुरू किया गया है, लेकिन पिछले दो दशक से यहां रह रहे लोगों को हटाने का कभी पहले प्रयास नहीं किया गया। रेलवे अधिकारियों की माने तो जिले में रेलवे की भूमि पर ट्रैक किनारे 15 मीटर के सुरक्षा दायरे में अवैध निर्माण नहीं हैं। सुरक्षा दायरे में नगर में विकास भवन के सामने लगभग आधा दर्जन से अधिक परिवार पिछले साल से झुग्गी झौंपड़ी डालकर रह रहे हैं। रेलवे ने कई बार इनको नोटिस जारी किया। साथ ही दिखाने के लिए अभियान चलाकर झुग्गी को हटाने का प्रयास भी किया गया। लेकिन कुछ समय बाद ये लोग फिर से ट्रैक सुरक्षा दायरे में रहना शुरू कर देते हैं। हालांकि यह जगह नगरपालिका के क्षेत्र में शामिल हैं। नगरपालिका ने रेलवे की भूमि पर ट्रैक के पास अस्थाई झुग्गी में रहने वाले लोगों के लिए कोई स्थाई समाधान नहीं किया है।
हर स्तर पर हुई लापरवाही
रेलवे ट्रैक के पास रहने वाले लोग पिछले दो दशक से अधिक समय से यहां रह रहे और अपनी आजीविका चलाने के लिए विभिन्न काम भी कर रहे हैं। लेकिन इन्हें यहां से हटाने के लिए कभी ठोस प्रयास नहीं किया गया, जिस कारण कुछ ने स्थायी निर्माण भी कर लिया है। सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित ये लोग अभी भी ट्रैक के किनारे पर ही गुजर-बसर के लिए मजबूर हैं।इन्होंने कहा...जिले में ट्रैक के सुरक्षा दायरे में कोई पक्का अवैध निर्माण नहीं हैं। ट्रैक के सुरक्षा दायरे में झ़ुग्गी झौंपड़ी डालकर रहने वाले लोगों को कई बार अभियान चलाकर हटाया गया है। अभियान चलाकर इसे हटवाया जाएगा।
- राकेश कुमार निरीक्षक रेलवे पथ
ट्रैक के सुरक्षा दायरे सहित रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण को लेकर लगातार अभियान चलाएं जाते हैं। झुग्गी झौंपड़ियों को हटवाया भी जाता है। नियमित पेट्रोलिंग कर निगरानी रखी जाती है।
- जीराम, चौकी इंचार्ज आरपीएफ चौकी