नालानामा : सुभाषनगर नाले को भूला निगम, दहशत में लोग
नाला सफाई को लेकर नगर निगम प्रशासन की कथनी और करनी का फर्क देखना हो तो सुभाष नगर नाले की हकीकत देख आइए..।
मेरठ, जेएनएन : नाला सफाई को लेकर नगर निगम प्रशासन की कथनी और करनी का फर्क देखना हो तो सुभाष नगर नाले की हकीकत देख आइए..। यह नाला गोबर और कूड़े से अटा पड़ा है। हालात ऐसी ही रही तो सुभाष नगर समेत आधा दर्जन मोहल्ले इस बार भी बारिश में जलमग्न होंगे।
एक अप्रैल को नाला सफाई शुरू होने के बाद नगर निगम के अधिकारियों ने नाले की मैनुअल सफाई के दावे किए थे। लेकिन दो माह बाद भी इस नाले की तस्वीर पहले से भी बदत्तर है। मालूम हो कि इस नाले की सफाई को लेकर वार्ड 29 के पार्षद पवन चौधरी ने नगर निगम की पिछली बोर्ड बैठक में मिट्टी का तेल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया था। इसके बाद नगर आयुक्त कार्यालय के सामने भूख हड़ताल की थी। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह ने पानी पिलाकर भूख हड़ताल इस वादे के साथ समाप्त कराई थी कि सुभाष नगर नाले की सफाई मैनुअल कराई जाएगी। दरअसल, सुभाष नगर और हाशिम पुरा के बीच एक किमी. नाले के हिस्से की सफाई मशीन से संभव नहीं है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह यह दावा करते हैं कि मैनुअल सफाई के लिए प्रस्ताव बनाकर नगर आयुक्त कार्यालय को भेजा था, ताकि टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर सफाई कराई जा सके। लेकिन नगर आयुक्त की ओर से इस नाले की सफाई को लेकर अभी तक कोई प्लान तैयार नहीं किया गया। जबकि नाले की स्थिति भयावह है। जरा सी बारिश होने पर नाले का पानी ओवर फ्लो होगा। यही नहीं, जहां पर मशीन लगाकर सफाई की जा सकती है वहां पर भी गोबर की सिल्ट से नाला अटा हुआ है। बीते दिनों लक्ष्मी नगर के लोगों ने अपर नगर आयुक्त को मौके पर नाले की स्थिति से रूबरू भी कराया था।
80 हजार आबादी के सामने जलभराव का खतरा
सुभाष नगर का नाला खैरनगर से शुरू होता है। बुढ़ाना गेट, इंदिरा चौक, सुभाष नगर, हाशिमपुरा, लक्ष्मीनगर, हनुमानपुरी होते हुए न्यू मोहनपुरी के बड़े नाले में मिल जाता है। करीब चार किमी. लंबे नाले से 80 हजार आबादी की जल निकासी जुड़ी है। वार्ड 29, 43,44,58 और 72 से गुजरता है। नाले की सफाई न हुई तो बारिश में भीषण जलभराव की स्थिति पैदा होगी। इन्होंने कहा-
सुभाष नगर से हाशिमपुरा के मध्य नाले की सफाई 20 साल से नहीं हुई है। इस बार नाले की सफाई नहीं हुई तो सुभाष नगर समेत आधा दर्जन मोहल्ले जलमग्न होंगे। नगर आयुक्त से कुछ दिन पहले मिले थे तब कहा था कि आचार संहिता समाप्त होने के बाद मैनअलु सफाई कराएंगें। लेकिन अब फाइल ही नहीं मिल रही है।
पवन चौधरी, पार्षद वार्ड 29 मेरी ओर से सुभाष नगर नाले की मैनुअल सफाई के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया था। जो नगर आयुक्त कैंप कार्यालय को भेजा गया था। इस पर क्या कार्रवाई हुई। इससे मुझे अवगत नहीं कराया गया है। यह बात सही है कि नाले की सफाई न हुई तो बारिश में स्थिति विकराल होगी।
डॉ. गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी
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