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औघड़नाथ मंदिर में पांच प्रकार के पुष्पों से हुआ पार्थीवेश्वर लक्षार्चण, एक लाख वैदिक मंत्रों से हुआ उच्चारण

बाबा औघड़नाथ शिव मंदिर में मंगलवार को हर-हर महादेव व जय हो बाबा औघड़दानी के जयकारों के बीच श्री पार्थीवेश्वर का लक्षार्चन हुआ। इसमें एक लाख वैदिक मंत्रों के उच्चारण के बीच मिट्टी के निर्मित शिवलिंग को पांच प्रकार के पुष्प अर्पित किए गए।

By Taruna TayalEdited By: Published: Tue, 05 Jul 2022 03:44 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jul 2022 03:44 PM (IST)
औघड़नाथ मंदिर में पांच प्रकार के पुष्पों से हुआ पार्थीवेश्वर लक्षार्चण, एक लाख वैदिक मंत्रों से हुआ उच्चारण
औघड़नाथ मंदिर में पांच प्रकार के पुष्पों से हुआ पार्थीवेश्वर लक्षार्चण।

मेरठ, जागरण संवाददाता। बाबा औघड़नाथ शिव मंदिर में मंगलवार को 'हर-हर महादेव' व 'जय हो बाबा औघड़दानी' के जयकारों के बीच श्री पार्थीवेश्वर का लक्षार्चन हुआ। इसमें एक लाख वैदिक मंत्रों के उच्चारण के बीच मिट्टी के निर्मित शिवलिंग को पांच प्रकार के पुष्प अर्पित किए गए।

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कार्यक्रम के संयोजक पंडित चरण दत्त कात्यायन ने बताया कि डा. गुणप्रकाश चैतन्य ब्रह्मचारी के सान्निध्य में पार्थीवेश्वर लक्षार्चन आयोजन विधि-विधान से संपन्न हुआ। शिवलिंग पर गुलाब, कनेर, कमल, चमेली व आंखा के पुष्प अर्पित किए गए। यजमान के रूप में ज्ञानेंद्र अग्रवाल, रश्मि अग्रवाल, अनिल पाठक व रमा पाठक मौजूद रहे। श्रीबाबा औघड़नाथ शिव मंदिर समिति के अध्यक्ष महेश कुमार बंसल व अग्रसेन सेवा ट्रस्ट के महामंत्री गिरीश कुमार बंसल ने बताया कि दोपहर चार बजे बाद श्रीमद् भागवत कथा प्रवचन जारी रहेंगे। सात जुलाई को कथा का समापन व व्यास पूजन होगा। आठ जुलाई को प्रसाद वितरण में भंडारा आयोजित होगा।

श्री जयसी राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा

गढ़ रोड गांधी आश्रम चौराहा स्थित श्री जयसी राम मंदिर में मंगलवार से प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का शुभारंभ हुआ। समारोह के पहले दिन प्रात: नौ बजे कलश यात्रा निकाली गई। इसके बाद गणपति पंचांग पूजन व मूर्तियों का संस्कारारंभ व जलाधिवास शुरू किया गया। मंदिर में स्थापित करने के लिए जयपुर से राम दरबार, मां दुर्गा, राधा कृष्ण व भैरो बाबा की मूर्ति मंगाई गई है।

मंदिर समिति के मंत्री विपिन कुमार ने बताया कि पांच जुलाई से श्री जयसी राम मंदिर में मूर्तियों का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का शुभारंभ हुआ। मंदिर में राम दरबार, मां दुर्गा, राधा कृष्ण व भैरो बाबा की मूर्ति स्थापित की जाएंगी। मंगलवार को पहले दिन 21 कलश के साथ महिलाओं ने शोभायात्रा निकाली। पहले द्वार से शुरू होकर कलश यात्रा मंदिर के दूसरे प्रवेश द्वार पर पहुंचकर संपन्न हुई।


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