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घर-घर रामनगरी का प्रतीक बन रहा पारिजात का पौधा, औषधीय गुणों के साथ धार्मिक मान्‍याताएं भी जुड़ी

प्रधानमंत्री के अयोध्या में पौधा लगाने के बाद बढ़ी पौधे की मांग। औषधीय गुणों के साथ धार्मिक मान्यताएं भी जुड़ी है पौधे के साथ।

By Taruna TayalEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 07:00 AM (IST)
घर-घर रामनगरी का प्रतीक बन रहा पारिजात का पौधा, औषधीय गुणों के साथ धार्मिक मान्‍याताएं भी जुड़ी
घर-घर रामनगरी का प्रतीक बन रहा पारिजात का पौधा, औषधीय गुणों के साथ धार्मिक मान्‍याताएं भी जुड़ी

बागपत, [राजीव पंडित]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में श्रीराम मंदिर भूमि पूजन के शुभ अवसर पर पारिजात का पौधा लगाया था। इसके बाद से लोग अपने घरों के आंगन में पारिजात का पौधा लगा रहे हैं। लोगों का मानना है कि पारिजात का पौधा घर में लगाने से घर भी रामनगरी अयोध्या जैसा ही प्रतीत होता है। कुछ लोग इस पौधे को औषधीय गुण होने के कारण लगा रहे है। छपरौली विधायक सहेंद्र सिंह, जौहड़ी गांव में डाक्टर राजपाल सिंह, बिनौली रोड निवासी सचिन, पट्टी चौधरान निवासी विनोद, छपरौली कस्बा निवासी वेदपाल आदि के घरों के आंगन में पारिजात का पौधा लगाया गया है। इन लोगों का कहना है कि रामनगरी अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब यह पौधा लगाया, तो इस पौधे के बारे में जानकारी की। पौधे के बारे पता चला कि पारिजात के पौधे की धार्मिक मान्यता तो है ही, साथ ही यह कई रोगों में काम भी आता है।

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धार्मिक मान्यताएं भी है और औषधीय गुण भी

पंचवटी मंदिर के पंडित कुंदन भारद्वाज ने बताया कि हिंदू मान्यता के अनुसार अमृत पाने के लिए जब देव और असुरों ने मिलकर क्षीर सागर में समुद्र मंथन किया था, तब उसमें कई रत्न भी निकले थे। पारिजात का वृक्ष भी मंथन के दौरान निकला था। भगवान इंद्र ने इसे स्वर्ग में अपनी वाटिका में लगाया था। माता लक्ष्मी के पूजन में भी पारिजात के फूल का प्रयाेग किया जाता है। वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञ डाक्टर अनुराग मित्तल का कहना है कि पारिजात के पौधा जोड़ों के दर्द को ठीक करने का काम करता है। वात की समस्या को भी समाप्त करता है। कमर दर्द को भी दूर करता है।

नर्सरी पर बढ़ी डिमांड

शहर में कोताना रोड पर सुप्रीम नर्सरी संचालक दीपक कश्यप बताते हैं कि पारिजात के पौधे की बिक्री पहले एक सप्ताह में डेढ़ सौ से दो सौ के बीच हो जाती थी, लेकिन अब एक सप्ताह में चार से पांच सौ पौधे बिक जाते हैं। बिनौली रोड पर वंश नर्सरी के संचालक कुलदीप कश्यप और बिजरौल रोड पर राधा नर्सरी के संचालक संजीव भी बताते हैं कि अब पारिजात के पौधे की बिक्री बढ़ गई है। नर्सरी पर एक पौधे की कीमत 40 रुपए से लेकर सौ रुपए तक है। 


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