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उप्र पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2018 : मेडिकल में पास कराने को वसूले जा रहे थे 15 हजार रुपये

उप्र पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2018 में दलाली लिए जाने का राजफाश हुआ है। मेडिकल करने वाले पैनल के चिकित्सक ही अभ्यर्थियों से अवैध वसूली करा रहे थे।

By Ashu SinghEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 11:44 AM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 11:44 AM (IST)
उप्र पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2018 : मेडिकल में पास कराने को वसूले जा रहे थे 15 हजार रुपये
उप्र पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2018 : मेडिकल में पास कराने को वसूले जा रहे थे 15 हजार रुपये
मेरठ,जेएनएन। उप्र पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2018 में दलाली का सनसनीखेज राजफाश हुआ है। मेडिकल करने वाले पैनल के चिकित्सक ही अभ्यर्थियों से अवैध वसूली करा रहे थे। क्राइम ब्रांच ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को गिरफ्तार किया तो उसने सब राज उगल डाले। सीएमओ कार्यालय के दो बाबुओं के इशारे पर वह वसूली करता था। उधर,भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के चलते अभ्यर्थियों में हड़कंप मच गया है।
निष्पक्ष भर्ती के दावे हुए फेल
भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष कराने के तमाम दावे किए जा रहे थे, लेकिन मंगलवार को अधिकारियों के दावे खोखले साबित हो गए और घर के भेदियों ने ही लंका ढहा दी। परतापुर क्षेत्र के ढिंढाला गांव निवासी लवी सिंधू मेडिकल कराने के लिए पुलिस लाइन पहुंचा था। आरोप है कि मेडिकल कर रहे पैनल के एक चिकित्सक ने उसे एक मोबाइल नंबर दिया और कहा कि इस व्यक्ति को 15 हजार रुपये दे देना,पास हो जाएगा। दलालों का भंडाफोड़ करने के लिए लवी ने नौकरी की परवाह न करते हुए आरोपितों को सबक सिखाने की ठान ली।
क्राइम ब्रांच ने बिछाया जाल
सिविल लाइन इंस्पेक्टर अब्दुर रहमान सिद्दिकी के मुताबिक,अधिकारियों के निर्देश पर क्राइम ब्रांच ने जाल बिछा दिया। पुलिस लाइन के बाहर से चिकित्सक द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर पर कॉल की गई तो उसने युवक को साकेत बुलाया। वहां क्राइम ब्रांच सादी वर्दी में लवी के इर्द-गिर्द रही और आरोपित ओमकार पुत्र भगीरथ निवासी नई तहसील मेरठ को गिरफ्तार कर लिया। वह पीडब्ल्यूडी में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। उसके विरुद्ध भ्रष्टाचार अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है।
पैनल के चिकित्सक देता था बाबू का नंबर
प्रत्येक अभ्यर्थी को मेडिकल में पास कराने के लिए 15 हजार रुपये लिए जा रहे थे। इंस्पेक्टर ने बताया कि जांच में सीएमओ दफ्तर के बाबू राजन व सुमित के नाम भी आए हैं। पैनल का चिकित्सक बाबू का मोबाइल नंबर देता था। इसके बाद बाबू ओमकार को वसूली के लिए भेजते थे। वह अभी तक 12 से 15 अभ्यर्थियों से इसी तरह वसूली कर चुके हैं। इसकी एवज में ओमकार को 15 से 20 फीसद तक कमीशन मिलता था।
गिरोह में कितने हैं लोग,होगी जांच
इस गिरोह में चिकित्सकों व बाबूओं के अलावा और कितने लोग हैं और पूर्व में हुई भर्ती प्रक्रिया के दौरान भी वह सक्रिय थे या नहीं, आदि बिंदुओं पर जांच की जा रही है। कई घंटे तक आरोपित से पूछताछ की जाती रही।
चिकित्सकों से भी पूछताछ
ओमकार से पूछताछ के बाद चिकित्सकों से भी पूछताछ की,लेकिन भर्ती प्रक्रिया में बाधा न आए इसलिए उन्हें कुछ रियायत दी गई। बुधवार (आज) भर्ती बोर्ड के सभी चिकित्सकों पूछताछ की जाएगी। 

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