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पंचायत चुनाव : करप्‍शन, धांधली... अब अपने ही छोड़ रहे प्रधान जी का साथ, जानें पूरा माजरा

बीते पांच साल से प्रधानजी के खास रहे लोगों को आजकल प्रधानजी अच्छे नहीं लग रहे। उनके करीबी लोग ही भ्रष्टाचार और धांधली के आरोप लगाकर प्रधानजी के खिलाफ शिकायतें कर रहे हैं। अफसरों से जांच कराकर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

By Prem BhattEdited By: Published: Sun, 11 Oct 2020 11:30 AM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2020 11:30 AM (IST)
पंचायत चुनाव : करप्‍शन, धांधली... अब अपने ही छोड़ रहे प्रधान जी का साथ, जानें पूरा माजरा
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का समय आ गया है। ऐसे में प्रधान जी पर से विश्‍वास उठना चौंकाता है।

मेरठ, [अनुज शर्मा]। पांच साल से प्रधानजी के खास रहे लोगों को आजकल प्रधानजी अच्छे नहीं लग रहे। उनके करीबी लोग ही भ्रष्टाचार और धांधली के आरोप लगाकर प्रधानजी के खिलाफ शिकायतें कर रहे हैं। अफसरों से जांच कराकर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कमिश्नर, डीएम और सीडीओ समेत विभिन्न कार्यालयों में प्रधानों के खिलाफ रोजाना शिकायतें मिल रही हैं। इनमें से अधिकांश आरोप साबित नहीं हो पा रहे हैं। शिकायत मिलने के बाद जांच कराना अफसरों की मजबूरी है।

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अभी तक थे खास, अब कर रहे बदनाम

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का समय आ गया है। ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के चुनाव जल्द होने वाले हैं। इनके लिए परिसीमन और मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य भी शुरू हो गया है। भावी प्रत्याशियों ने चुनावी बिसात भी बिछानी शुरू कर दी है। इसके तहत उन्होंने वर्तमान प्रधानों के कार्यों में भ्रष्टाचार और धांधली समेत तमाम आरोप लगाते हुए उच्चाधिकारियों से और आनलाइन पोर्टल पर शिकायतें शुरू कर दी हैं। ग्रामीणों की माने तो शिकायत करने वाले भी अधिकांश लोग प्रधान के करीबी हैं। वे ही लोग अब प्रधान को बदनाम करके अपनी छवि बनाने में जुटे हैं।

आनलाइन और आफलाइन आ रही हैं शिकायतें

प्रधानों के खिलाफ शिकायतों का सिलसिला पिछले एक साल से ज्यादा समय से चल रहा है। उनकी जांच भी की जा रही हैं लेकिन पिछले कुछ समय में शिकायतों की रफ्तार बढ़ गई है। मुख्यमंत्री शिकायत प्रकोष्ठ से लेकर तमाम आनलाइन माध्यमों से शिकायतें की जा रही हैं। कमिश्नर, डीएम और सीडीओ कार्यालयों में भी रोजाना प्रधानों के खिलाफ शिकायतें पहुंच रही हैं।

भ्रष्टाचार और मनमानी के आरोप

- सड़कें, नाली, खडज़ा आदि के निर्माण में धांधली।

- तालाब सफाई में फर्जीवाड़ा

- मनरेगा के कार्य कराए बिना ही भुगतान

- स्ट्रीट लाइटें लगाने में भ्रष्टाचार

- शौचालय निर्माण में धांधली

- आवास व अन्य योजनाओं के पात्रों के चयन में मनमानी।

नौ महीने में 195 शिकायतें

जनवरी से सितंबर के बीच ही जनपद में प्रधानों के खिलाफ 195 से ज्यादा शिकायतें मिली हैं। कमिश्नर कार्यालय में 35, डीएम कार्यालय में 85, आनलाइन 55 तथा सीडीओ कार्यालय में भी बड़ी संख्या में शिकायतें पहुंची हैं। अधिकांश शिकायतों की जांच की जिम्मेदारी जिला पंचायतराज अधिकारी को सौंपी गई है। 110 से ज्यादा शिकायतों की जांच का काम वे पूरा कर चुके हैं। इनमें से इक्का दुक्का को छोड़कर अधिकांश शिकायतें गलत मिली हैं।

इनका कहना है

गांव प्रधानों के खिलाफ फिलहाल बड़ी संख्या में शिकायतें मिल रही हैं। शासन और उच्चाधिकारी लगातार जांच के लिए शिकायतें भेज रहे हैं। एक-एक शिकायत की गंभीरता से जांच कराई जा रही है। कुछ मामलों में शिकायतें ठीक भी मिली हैं, लेकिन अधिकांश आरोप गलत मिले हैं।

- ईशा दुहन, सीडीओ


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