Move to Jagran APP

खादर में खेतों में पानी भरने से धान व गन्ने की फसल पर भी संकट

गंगा अब पुरान स्वरूप में बह रही लेकिन पूर्व में रौद्ररूप से खादर के किसानों की स

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 08:22 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 08:22 PM (IST)
खादर में खेतों में पानी भरने से धान व गन्ने की फसल पर भी संकट
खादर में खेतों में पानी भरने से धान व गन्ने की फसल पर भी संकट

मेरठ,जेएनएन। गंगा अब पुरान स्वरूप में बह रही लेकिन पूर्व में रौद्ररूप से खादर के किसानों की समस्या बढ़ा गई। खेतों में पानी भरने से धान समेत गन्ने की फसल को भी संकट पैदा हो गया। वहीं, टूटी सड़कें और बाधित आवागमन कई माह तक लोगों के परेशानी का सबब बना रहेगा। अब आशियानों में जमा सिल्ट ने अलग मुसीबत खड़ी कर दी। सर्दी के कपड़े व खाने का अनाज भी भीग गया। लोगों के सामने समस्याएं मुंह बाएं खड़ी हैं।

loksabha election banner

बिजनौर बैराज से गंगा के जलस्तर मे काफी गिरावट आ गयी है। बिजनौर बैराज के अवर अभियंता पीयूष कुमार ने बताया कि नदी के जलस्तर घट कर 38 हजार क्यूसेक रह गया है। वहीं, हरिद्वार से भी नदी का जलस्तर घटकर 32 हजार क्यूसेक रह गया है। फूट सकता है किसानों का गुस्सा, मार्ग को दुरुस्त कराने की मांग

भीकुंड, खेड़ी कला, बधुवा गांव टूटे मार्ग के उस पार हैं। ऐसे में उन लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पहले तो गंगा की बाढ़ ने उन्हें तबाह कर दिया, अब खेतों तक पहुंचना भी दुश्वार हो रहा है। ग्रामीणों ने मार्ग को जल्द से जल्द सही कराने की मांग की है।

-पीडब्ल्यूडी ने नुकसान की रिपोर्ट शासन को भेजी

पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता अतुल कुमार का कहना है कि बाढ़ में गंगा पुल की एप्रोच रोड का काफी नुकसान हुआ है। टूटी सड़कों की रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों व शासन को भेज दी है। हालांकि अभी तक ठेकेदार का एग्रीमेंट है इसलिए मार्ग को दुरुस्त करने की जिम्मेदारी ठेकेदार की बनती है। जहां से मार्ग बह गया है, उसे शीघ्र ही ठीक कराया जाएगा। जिससे कि ग्रामीणों के साथ चांदपुर जाने वाले लोगों को राहत मिल सके। सड़क ऊंची होती तो न बहता मार्ग

भीकुंड गांव के ब्रिजेश कुमार, साहब सिंह आदि का कहना है कि यदि हस्तिनापुर की ओर बनी गंगा पुल की एप्रोच रोड की ऊंचाई चांदपुर की ओर बनी एप्रोच रोड के बराबर होती तो सड़क क्षतिग्रस्त होने से बच जाती और लोगों का आवागमन भी बाधित न होता।

गंगा का पानी खादर से उतरने के बाद भी बस्तियों के आसपास भारी मात्रा में पानी जमा है। जिसमें मच्छर पनपने लगे है। बस्तियों के समीप भरे पानी से गांवों में रोग फैलने की आशंका प्रबल हो गई है। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. राहुल वर्मा ने कहा कि बाढ़ ग्रस्त गांवों में कैंप लगाकर लोगों को दवाइयां वितरित की जाएंगी। यदि किसी भी ग्रामीण को तेज बुखार या अन्य बीमारी है तो लतीफपुर स्थित पीएचसी या हस्तिनापुर सीएचसी पर तुरंत संपर्क कर सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.