सरधना में ऑक्सीटॉसिन का जखीरा पकड़ा, एक हिरासत में
डेयरियों को आपूíत कराने के उद्देश्य से सरधना क्षेत्र के किला खेवान मोहल्ले में किराना की दुकान पर बेची जा रही प्रतिबंधित ऑक्सीटॉसिन का जखीरा ड्रग विभाग और खाद्य सुरक्षा अधिकारी की संयुक्त कार्रवाई में पकड़ा गया।
मेरठ। डेयरियों को आपूíत कराने के उद्देश्य से सरधना क्षेत्र के किला खेवान मोहल्ले में किराना की दुकान पर बेची जा रही प्रतिबंधित ऑक्सीटॉसिन का जखीरा ड्रग विभाग और खाद्य सुरक्षा अधिकारी की संयुक्त कार्रवाई में पकड़ा गया। मुख्य आरोपित के भाई को हिरासत में लिया गया। टीम ने ऑक्सीटॉसिन, डिस्पोजल सीरिज, खाली बोतलों के अलावा अन्य सामान थाने लाकर सील कर दिया। टीम ने ऑक्सीटॉसिन के दो नमूने जांच के लिए लखनऊ भेज दिए।
मेरठ के ड्रग इंस्पेक्टर पवन शाक्य, बागपत के वैभव बब्बर और सरधना के खाद्य सुरक्षा अधिकारी वैभव शर्मा के साथ टीम में शामिल करीब आठ लोगों ने गुरुवार को किला खेवान स्थित अनिल कुमार राजपाल नाम की किराना की दुकान पर छापा मारा। वहां से टीम को 200 एमएल की शीशी में ऑक्सीटॉसिन मिली। पूछताछ पर दुकान के सामने बने गोदाम से टीम ने पांच-पांच लीटर की केन में भरी करीब 75 लीटर ऑक्सीटॉसिन के अलावा 200 एमएल की 5 सौ बोतल, हजारों की तादाद में सीरिज आदि सामान बरामद किए। सीरिज और खाली बोतलों की कीमत करीब डेढ़ से दो लाख रुपये बताई गई। 75 लीटर ऑक्सीटॉसिन से करीब 200 से 250 लीटर दवाई बनाई जानी थी, जिसकी बाजार में कीमत करीब छह लाख रुपये है। जखीरा देखकर टीम के सदस्य भी हैरत में आ गए। उन्होंने थाने में सूचना दी और माल समेत एक आरोपित को हिरासत में थाने ले गए। कार्रवाई से मेडिकल स्टोर, किराना की दुकानों और डेयरी संचालकों में अफरातफरी का माहौल है। टीम में शामिल अधिकारी जांच के बाद पूरे मामले से पर्दाफाश करने का दावा कर रहे हैं। एक पशु को लगता है 5 एमएल
ऑक्सीटॉसिन की 200 एमएल की बोतल में से करीब 40 पशुओं को इंजेक्शन लगाया जाता है। पशु और मनुष्य के लिए यह इंजेक्शन हानिकारक है, मगर डेयरी संचालक के लिए फायदे का सौदा साबित होता है। प्रतिबंध के बाद भी इसकी काफी मांग रहती है। यह है सजा का प्रावधान
इस प्रतिबंधित दवाई को बिना लाइसेंस बेचने पर अलग-अलग धाराओं में 8 से 10 साल की सजा का प्रावधान है। इन्होंने कहा-
किला खेवान में अनिल कुमार राजपाल नाम की किराना की दुकान पर छापा मारकर प्रतिबंधित दवाई ऑक्सीटॉसिन का जखीरा पकड़ा है। पकडे़ गए सामान और दवाई की कीमत आठ लाख रुपये है। दो नमूने सील कर जांच के लिए भेजे गए हैं। एक आरोपित दीपक को हिरासत में लिया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद औषधि अधिनियम के अंतर्गत आरोपितों के खिलाफ न्यायालय में वाद दायर किया जाएगा। जांच के बाद कुछ और नाम सामने आएंगे। उनको भी जांच में शामिल कर कार्रवाई की जाएगी।
वैभव बब्बर, ड्रग इंस्पेक्टर, बागपत