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34 साल बाद मिले पुराने सेंट जोनियंस

सेंट जोंस सीनियर सेकेंड्री स्कूल के वर्ष 1985 बैच के छात्रों ने शनिवार को पुरातन छात्र सम्मेलन आयोजित किया। बैच के पुरातन छात्र अनुराग अवस्थी और विकास बंसवाल ने एक-एक कर पुराने सहपाठियों को वाट्सएप पर जोड़ा और सभी ने एक बार एक साथ मिलने की योजना बनाई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Dec 2019 05:00 AM (IST)Updated: Sun, 29 Dec 2019 06:06 AM (IST)
34 साल बाद मिले पुराने सेंट जोनियंस

जेएनएन, मेरठ : सेंट जोंस सीनियर सेकेंड्री स्कूल के वर्ष 1985 बैच के छात्रों ने शनिवार को पुरातन छात्र सम्मेलन आयोजित किया। बैच के पुरातन छात्र अनुराग अवस्थी और विकास बंसवाल ने एक-एक कर पुराने सहपाठियों को वाट्सएप पर जोड़ा और सभी ने एक बार एक साथ मिलने की योजना बनाई। नव वर्ष के उपलब्ध में आयोजित कार्यक्रमों की कड़ी में सभी पुरातन छात्र शनिवार को माल रोड स्थित व्हीलर्स क्लब में एक साथ मिले। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर स्कूल की वर्तमान प्रिंसिपल चंद्रलेखा जैन ने सभी पुरातन छात्रों से मुलाकात की और उनके पुराने अनुभवों को सुना।

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इस बैच ने मनाया था स्वर्ण जयंती समारोह भी

सेंट जोंस स्कूल की स्थापना अंग्रेजी हुकूमत के दौरान वर्ष 1882 में हुई थी। वर्ष 1982 में स्कूल में स्वर्ण जयंती का समारोह बेहद भव्य तरीके से मनाया गया था। पुरातन छात्र सम्मेलन में शामिल वर्ष 1985 का यह बैच स्वर्ण जयंती समारोह का भी हिस्सा रहा। पुरातन छात्रों के अनुसार स्कूल के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में अंग्रेजी हुकूमत और क्रिस्टियन समाज से जुड़े दुनियाभर में रहे रहे पुरातन छात्रों ने हिस्सा लिया था।

क्विज में ताजा की यादें

इस सम्मेलन में पुरातन छात्रों ने एक-दूसरे के साथ स्कूल से जुड़ी क्रॉस बर्ड क्विज प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। इसमें सभी से स्कूल के दिनों से संबंधित प्रश्न पूछे गए जिसमें पुरातन छात्रों ने बढ़चढ़कर जवाब भी दिया। साथ ही अपने पुराने शिक्षकों व प्रधानाचार्यो से जुड़ी यादें भी साझा की।

देखा स्कूल व अपनी कक्षा

प्रिंसिपल चंद्रलेखा जैन के साथ सभी पुरातन छात्रों ने स्कूल का भ्रमण भी किया। छात्रों ने माना कि स्कूल पहले की तुलना में काफी बदल गया है और सुविधाएं भी बढ़ गई हैं। सभी अपनी कक्षाओं में गए और वहां हुई शरारती यादों को एक-दूसरे से साझा किया। पुरातन छात्रों में मेरठ मंडल की वर्तमान लोकपाल अंशू त्यागी भी कार्यक्रम का हिस्सा बनी। वह करीब 11 सालों तक दिल्ली जुवेनाइल कोर्ट में जज की भूमिका में भी रहीं। इसी तरह बांग्लादेश के ढाका में जर्मन कंपनी में कार्यरत डीएन कॉलेज में प्रिंसिपल रहे डॉ. शिवानंद शर्मा के पुत्र मधुरेश शर्मा भी पहुंचे। इनके अलावा अलका विनायक, संजीव शारदा, मास्को में भारतीय दूतावास से शिशिर श्रोत्रिय, रुद्रा इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल शुभ्रा आदि पहुंचे।

वर्जन

इतने सालों बाद पुराने लोगों से मिलकर बहुत सी यादें ताजा हो गई हैं। मुझे याद है कि हमारा बैच ही आखिरी बैच था जिनकी फेयरवेल पार्टी स्कूल ड्रेस में हुई थी।

-अंशू त्यागी, लोकपाल, मेरठ मंडल

वर्ष 1982 में स्कूल के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में यह बैच शामिल था। उसकी बहुत सी यादें आज फिर से तरोताजा हो गई।

-अनुराग अवस्थी, बिजनेसमैन, मेरठ

एक-एक कर इतने पुराने साथियों को जोड़ पाने की खुशी अलग ही महसूस हो रही है। हम कोशिश करेंगे कि मेल-जोल का यह सिलसिला आगे भी इसी तरह चलता रहे।

-विकास बंसवाल, दिल्ली

इतने सालों बाद अपना स्कूल देख और साथियों से मिलने के बाद स्कूल की याद आ रही है। स्कूल के बाद हर कोई अलग-अलग क्षेत्र में करियर बनाते हुए आगे बढ़ गए।

-मधुरेश शर्मा, बांग्लादेश

इस अनुभव को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। इतने सालों बाद मिलने का अवसर मिला तो खुद को रोक नहीं सका।

-शिशिर श्रोत्रिय, भारतीय दूतावास, मास्को


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