अब धरती से चांद की दूरी हो जाएगी तीन दिन में पूरी
धरती से चंद्रमा तक जाने में चंद्रयान-2 को 45 दिन लगे लेकिन वह दिन दूर नहीं जब इंसान तीन दिन में पहुंचेगा।
मेरठ,जेएनएन। धरती से चंद्रमा तक जाने में चंद्रयान-2 को 45 दिन लगे, लेकिन वह दिन दूर नहीं जब इंसान तीन दिन में पहुंचेगा। यह कहना है खगोलविज्ञानी और नेहरू तारामंडल मुंबई के पूर्व निदेशक प्रो. जेजे रावल का। वह चौ. चरण सिंह विवि के भौतिक विज्ञान में विक्रम साराभाई जन्म शताब्दी व्याख्यानमाला में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि चंद्रमा पर वायुमंडल नहीं होने की वजह से संक्रमण नहीं हो सकता है। वहां जीवन हुआ तो हर प्रकार की चिकित्सा सस्ती रहेगी। किसी भी आपदा के समय चांद एक अच्छा विकल्प हो सकता है। चंद्रयान-2 की सफलता से भारत विश्व में चौथे स्थान पर पहुंच गया है। प्रो. वीरपाल सिंह ने अंतरिक्ष के जनक प्रो. विक्रम साराभाई के योगदान पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम को प्रो. वीके रस्तोगी, डा. अनिल मलिक, डा. अनुज कुमार, डा. संजीव शर्मा, योगेंद्र गौतम, अनिल यादव, डा. कविता शर्मा उपस्थित रहे। विभागाध्यक्ष प्रो. राकेश कुमार ने धन्यवाद व्यक्त किया।
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चंद्रयान रहस्यों से उठाएगा पर्दा
प्रो. जेजे रावल से छात्र-छात्रओं ने कई सवाल भी पूछे। सभी की उत्सुकता को उन्होंने शांत किया। उन्होंने बताया कि चंद्रमा पर पानी और बर्फ होने की संभावना के कारण मानव जीवन संभव है। चंद्रयान-2 एक हजार करोड़ के बजट में चंद्रमा पर पहुंचा है, जो इस रहस्यों से पर्दा उठाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि किसी भी पिंड का गुरुत्वाकर्षण प्रकाश और समय की दिशा को मोड़ देता है। उन्होंने देश के पुरातन ज्ञान और विज्ञान को भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए जाने की बात कही।