बस, शहर में अब और न फैले कोरोना, जानिए प्रशासन ने क्या नई रणनीति बनाई Meerut News
कोरोनावायरस पर काबू पाने के लिए प्रशासन शिद्दत के साथ जुटा हुआ है। इस पर नियंत्रण को आक्रामक रणनीति बनाई गई है। जिले में 40 स्थानों पर इसकी जानकारी देने के लिए परिवहन निगम की बसों सार्वजनिक स्थानों एवं निजी वाहनों पर पंपलेट लगाए जाएंगे।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना नियंत्रण के लिए प्रशासन ने आक्रामक रणनीति बनाई है। जिले में 40 स्थानों पर कोरोना की जांच की जा रही है। इन स्थानों की जानकारी देने के लिए परिवहन निगम की बसों, सार्वजनिक स्थानों एवं निजी वाहनों पर पंपलेट लगाए जाएंगे। नगर निगम की 120 गाडिय़ों पर आडियो संदेश प्रसारित किया जाएगा। एआरटीओ पर प्रचार-प्रसार की बड़ी जिम्मेदारी होगी। जिलाधिकारी के. बालाजी ने बताया कि जांच के प्रति लोगों को जागरूक करने की दिशा में अहम कदम उठाए गए हैं।
विशेष जागरूकता शिविर
डीएम ने सीएमओ एवं मंडलीय सॢवलांस अधिकारी समेत अन्य के साथ कोरोना पर बैठक की। जिले में तीन दिनों में आधा दर्जन हाटस्पाट निर्धारित किए जाएंगे। जिन स्थानों पर ज्यादा मरीज मिले या ज्यादा मौतें हुई हैं। इन स्थानों पर विशेष जागरूकता शिविर लगाया जाएगा। परिवहन निगम की बसों, निजी वाहनों, सार्वजनिक स्थानों, पार्कों, एवं भीड़भाड़ वाली बाजारों में पोस्टर, पंपलेट लगाकर जांच की सुविधा वाले 40 केंद्रों की जानकारी दी जाएगी। इन सभी जांच केंद्रों का एक-एक नंबर भी जारी होगा। ताकि जिले के किसी कोने में बैठे मरीज को अपने नजदीकी केंद्र पहुंचने में असुविधा न हो।
प्रतिदिन साढ़े चार हजार सैंपलों की जांच
सीएमओ डा. राजकुमार ने बताया कि माहभर पहले करीब ढाई हजार, जबकि अब प्रतिदिन साढ़े चार हजार के आसपास सैंपल की जांच की जा रही है। इसे और बढ़ाने का लक्ष्य है। मेडिकल कालेज, सुभारती में आरटी-पीसीआर जांच उपलब्ध है। पीएल शर्मा जिला अस्पताल समेत 12 स्वास्थ्य केंद्रों से भी पीसीआर के सैंपल लिए जा रहे हैं। सप्ताह भर में मुलायम सिंह यादव मेडिकल कालेज में पीसीआर जांच शुरू कर दी जाएगी। एंटीजन जांच 40 स्थानों पर हो रही। यहां एक घंटे में रिपोर्ट मिल रही है। फिलहाल जिले में अब तक तीन लाख लोगों का सैंपल लिया जा चुका है। एंटीजन, पीसीआर, ट्रू नैट एवं सीबी नैट जांच तकनीक उपलब्ध हैं। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जिले में संक्रमण की दर छह फीसद से गिरकर 2.1 फीसद आ गई है। त्योहारों का सीजन देखते हुए जागरूकता एवं कांट्रेक्ट ट्रेसिंग पर खास जोर होगा।