बाबर नहीं, औरंगजेब ने गिराया था श्रीराम मंदिर : स्वामी स्वरूपानंद
ज्योतिष और द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि श्रीराम मंदिर को बाबर नहीं औरंगजेब ने गिराया था।
मेरठ, जेएनएन : ज्योतिष और द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि श्रीराम मंदिर को बाबर नहीं, औरंगजेब ने गिराया था। क्योंकि बाबर केवल आक्रांता था और औरंगजेब स्थापित शासक। कहा कि श्रीराम मंदिर के बारे में शुरू से भ्रम फैलाया गया कि चुनी हुई सरकार इसे बनवा सकती है। शुक्रवार को जेड प्लस सुरक्षा धारक शंकराचार्य स्वरूपानंद जी महाराज को स्थानीय पुलिस ने भी गारद मुहैया कराई।
आपसी सहमति से मंदिर निर्माण संभव
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद महाराज ने कहा कि सनातन धर्म को मानने वालों के लिए श्रीराम भगवान हैं। हम अयोध्या में उनकी जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण चाहते हैं। वहीं, वोट मांगने वालों के लिए श्रीराम भगवान नहीं, पुरुष हैं। कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकारों का मुखिया संविधान की शपथ लेता है। रामायण या श्रीमद् भागवत गीता की नहीं। कहा कि आपसी सहमति से ही श्रीराम मंदिर निर्माण हो सकता है।
तत्काल बने जनसंख्या नियंत्रण कानून
जनसंख्या विस्फोट पर शंकराचार्य ने कहा कि 135 करोड़ की जनसंख्या गौरव नहीं, चिंता का विषय है। सरकार तुरंत जनसंख्या नियंत्रण पर कानून लाए। कहा कि मुस्लिम आज भी 10-10 बच्चे पैदा कर रहे हैं, जिसकी प्रतिक्रिया स्वरूप विश्व हिन्दू परिषद हिन्दुओं को ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए उकसाता है। आज भारत के कई हिस्सों में पीने को पानी तक नहीं है। कहा कि मोबाइल ने युवाओं की मानसिक शांति छीन ली है। भारत कुछ ही वर्षो में तेजी से बढ़ती प्लास्टिक और पॉपुलेशन का खतरा झेलेगा।
अनुयायियों ने उतारी आरती
स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती शाम 5 बजे राज-राजेश्वरी मंदिर पहुंचे, जहां मंदिर में शुक्रवार को की गई 64 देवियों की मूर्तियों के दर्शन किए। इसके बाद अनुयायियों ने शंकराचार्य की आरती उतारी और पाद प्रक्षालन किया। शंकराचार्य से मिलने वालों का तांता लगा रहा। इस दौरान शंकराचार्य के शिष्य ब्रह्माचारी अरविंद मिश्रा, ब्रह्माचारी दिव्यानंद, बाबा मनोहरनाथ मंदिर की पीठाधीश्वर नीलिमानंद महाराज, ज्ञानेंद्र अग्रवाल सहित काफी संख्या में अनुयायी मौजूद रहे।
बिना प्रशिक्षण योग हानिकारक
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर शंकराचार्य ने कहा कि बिना प्रशिक्षण के योगाभ्यास करना लाभ के बजाय हानि पहुंचा सकता है। आहार-विहार और यम-नियम सधने पर ही योग पूरा लाभ देगा। बिगड़ी दिनचर्या, मांसाहार, नशे की प्रवृत्ति आदि के साथ योग नहीं किया जा सकता। कहा कि अगर हृदय का रोगी भस्त्रिका प्राणायाम कर ले तो मृत्यु तक हो सकती है।
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