Move to Jagran APP

सामूहिक विवाह योजना के लिए अपने मोबाइल नंबर से कर रहा था प्रचार, डीएम के निर्देश पर रिपोर्ट दर्ज Meerut News

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के पंजीकरण के लिए समानांतर कार्यालय चला रहे व्यक्ति के खिलाफ सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई है। पुलिस छानबीन में जुट गई है।

By Prem BhattEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 09:57 AM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 09:57 AM (IST)
सामूहिक विवाह योजना के लिए अपने मोबाइल नंबर से कर रहा था प्रचार, डीएम के निर्देश पर रिपोर्ट दर्ज Meerut News
सामूहिक विवाह योजना के लिए अपने मोबाइल नंबर से कर रहा था प्रचार, डीएम के निर्देश पर रिपोर्ट दर्ज Meerut News

मेरठ, जेएनएन। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के पंजीकरण के लिए समानांतर कार्यालय चला रहे व्यक्ति के खिलाफ सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई है। आरोपित खुद को जिला निगरानी समिति का सदस्य बताकर सामूहिक विवाह में पंजीकरण के लिए अपना मोबाइल नंबर का प्रचार कर रहा था। वाटसअप पर जारी संदेश में उसने डीएम द्वारा अधिकृत होने का दावा भी किया था। युवक के खिलाफ डीएम के निर्देश पर मुकदमा दर्ज कराया गया है।

loksabha election banner

यह बताया जिला समाज कल्‍याण अधिकारी ने

जिला समाज कल्याण अधिकारी मोहम्मद मुश्ताक अहमद ने सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसमें कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय से संचालित होती है। लेकिन, पूर्वा अहिरान वाल्मीकि बस्ती निवासी नितिन कुमार शेर एक कार्ड पर प्रदेश सरकार का लोगो और अपना फोटो, मोबाइल नंबर लिखकर वाटसअप पर योजना को प्रचारित कर रहा है। जबकि डीएम अनिल ढींगरा ने युवक को इस बारे में कोई निर्देश नहीं दिया है। वह खुद को जिला निगरानी समिति का सदस्य भी बता रहा है।

शादी पर सरकार खर्च करती है 35 हजार रुपये

पहले सामूहिक विवाह योजना के तहत लाभार्थी को 35 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता था, लेकिन अब सरकार 35 हजार रुपये खर्च करती है। इसमें 20 हजार कन्या के खाते में, दस हजार से कपड़े, बिछिया, पायल, सात बर्तन, एक जोड़ी वस्त्र और स्मार्ट फोन खरीदा जाएगा। पांच हजार रुपये पंडाल आदि के लिए अधिकृत निकायों का दिया जाएगा। हालांकि मिलने वाली राशि को कन्या के खाते में जमा कराया जाएगा। यदि समारोह में पांच से अधिक विवाह होते हैं, तो फिर इसका आयोजन पंचायत, जिला पंचायत, नगर निगम व नगर पालिका परिषद के स्तर पर होगा। इस तरह के आयोजनों में सांसद और विधायक के अलावा समाज के प्रतिष्ठित लोगों को भी बुलाया जाएगा।

दलाली करना तो मकसद नहीं

योजना का प्रचार करने के लिए युवक को न तो डीएम की ओर से कोई निर्देश मिला है और न ही जिला समाज कल्याण की ओर से। फिर भी वह योजना का प्रचार कर रहा है। दर्ज रिपोर्ट में जिला समाज कल्याण अधिकारी ने कहा है कि कहीं वह लोगों को भ्रमित कर दलाली के चक्कर में तो नहीं है। साथ ही इससे जिला प्रशासन की छवि भी खराब हो रही है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.