Nirbhaya Case in Bulandshahar: दोषियों को फांसी होते ही एक और निर्भया के लिए जगी इंसाफ की आस
दिल्ली की निर्भया के चारों दोषियों को फांसी की सजा होने के बाद बुलंदशहर की निर्भया के परिजनों को भी इंसाफ की आस जगी है लेकिन अभी तक मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
बुलंदशहर, जेएनएन। दिल्ली की निर्भया के चारों दोषियों को फांसी की सजा होने के बाद बुलंदशहर की निर्भया के परिजनों को भी इंसाफ की आस जगी है, लेकिन अभी तक मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इस केस में तीन गवाहों के बयान होने बाकी है। उधर, इस बेटी के माता पिता ने शुक्रवार को कहा कि उनकी बेटी के हत्यारोपितों को भी फांसी की सजा होनी चाहिए। उन्होंने सरकार से अपील की है कि वह इस मुकदमे की भी बुलंदशहर पुलिस को निर्देशित करके ठोस पैरवी कराए। तभी उन्हें इंसाफ मिल सकता है।
डीएनए और सीमेंस रिपोर्ट भी आई
जिस समय छात्रा को अगवा करके सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद हत्या की गई थी। उसी समय पुलिस ने आरोपितों का डीएनए और सीमेंस रिपोर्ट आगरा व लखनऊ लैब में भेजी थी। सीओ सिटी राघवेंद्र मिश्र ने बताया कि दोनों रिपोर्ट लैब से आ चुकी है। वहीं, कई लोगों की गवाही भी हो चुकी है। आइओ धनजंय मिश्रा समेत तीन लोगों की गवाही होना बाकी है।
सुबह से रो रहा परिवार
शुक्रवार की सुबह दिल्ली की निर्भया के दोषियों को जैसे ही फांसी हुई तो छात्रा के परिजनों को अपनी बेटी की याद आ गई। उनकी मां ने बताया कि सुबह से ही उनका पूरा परिवार बेटी को याद करके रो रहा है। मां ने रो-रोकर कहा कि वह चाहती है कि जेल में बंद तीनों दरिंदों को फांसी की सजा होनी चाहिए। यदि फांसी की सजा निचली अदालत से नहीं हुई तो वह उच्च अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
यह था पूरा मामला
दो जनवरी 2018 को नगर के चांदपुर रोड स्थित एक मकान के पास 17 साल की छात्रा का कार सवार तीन युवकों ने अपहरण कर लिया था। चार जनवरी को उसका शव दादरी गंगनहर के किनारे पर पड़ा मिला था। तीनों आरोपित सिकंदराबाद निवासी जुल्फकार, इजराइल, दिलशाद निकले थे। वर्तमान में तीनों जेल में है और पुलिस उनके खिलाफ चार्जशीट भी लगा चुकी है। तीनों आरोपितों ने स्वीकार किया था कि वह नशे में थे और उन्होंने छात्रा काे अगवा करने के बाद सामूहिक दुष्कर्म किया और फिर हत्या कर दी थी।