शामली : दरभंगा रेलवे स्टेशन पर विस्फोट मामले में NIA ने दो आरोपितों को पांच दिन के ट्रांजिट रिमांड में लिया
एनआइए के डीएसपी आरके पांडेय के नेतृत्व में चार सदस्य टीम शुक्रवार को कैराना पहुंची।जांच एजेंसी की टीम ने कैराना स्थित जिला एवं सत्र न्यायालय में हाजी सलीम व कफील को पेश किया। इन दोनों को ट्रांजिट रिमांड में लिया जाएगा। शामली में गहमागहमी है।
शामली, जेएनएन। बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर पार्सल में विस्फोट के मामले में गिरफ्त में लिए गए कैराना निवासी हाजी सलीम उर्फ टूईया और कफील को लेकर एनआइए NIA की टीम शुक्रवार को शामली पहुंची। एनआइए की टीम ही विस्फोट मामले की जांच कर रही है। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने बीती 23 जून को कैराना के मोहल्ला बिसातयान व ऑल खुर्द निवासी हाजी सलीम उर्फ टूईया व कफील को भी हिरासत में लिया था। एसटीएफ ने पूछताछ के लिए दोनों को एनआइए को सौंप दिया था। जिनसे अब लगातार पूछताछ की जा रही है। इनसे पूछताछ में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल होने की संभावना है। आरोपित हाजी सलीम व कफील को कोर्ट ने पांच दिन के लिए दिया ट्रांजिट रिमांड। NIA की टीम ने किया था ट्रांज़िट रिमांड के लिए आवेदन। टीम दोनों आरोपितों हाजी सलिम व कफील को अपने साथ लेकर दरभंगा के लिए जा रहे है।
रिमांड में लेगी जांच एजेंसी
एनआइए के डीएसपी आरके पांडेय के नेतृत्व में चार सदस्य टीम शुक्रवार को कैराना पहुंची। जांच एजेंसी की टीम ने कैराना स्थित जिला एवं सत्र न्यायालय में हाजी सलीम व कफील को पेश किया। इन दोनों को ट्रांजिट रिमांड में लेे लिया है। इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी है। इसके अलावा पार्सल में विस्फोट मामले में शामली का बड़ा कनेक्शन सामने आया है। शामली में पिता-पुत्र पर शिकंजा कसने के बाद एनआइए ने यहां के दो भाइयों को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था। शामली निवासी फौजी के दोनों पुत्रों के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से कनेक्शन हैं। दोनों आतंकियों से जांच एजेंसी पूछताछ कर रही है।
दोनों को कोर्ट में किया पेश
17 जून को बिहार के दरभंगा रेलवे जंक्शन पर पार्सल विस्फोट प्रकरण में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकी भाईयों की गिरफ्तार के बाद एनआइए ने शामली पुलिस की मदद से कैराना निवासी दो और लोगों को गिरफ्तार किया है। इन दोनों लोगों को एनआइए ने जिला एवं सत्र न्यायालय कैराना कोर्ट में पेश किया है। एनआइए टीम ने कोर्ट में दोनों का ट्रांजिट रिमांड के लिए आवेदन किया है। दरभंगा रेलवे जंक्शन पर 17 जून को पार्सल में विस्फोट हुआ था। पार्सल पर एक मोबाइल नंबर लिखा था जो शामली के किसी व्यक्ति का था। एटीएस ने मामले में जांच पड़ताल शुरू की थी।
ट्रांजिट रिमांड का आवेदन
24 जून को एनआइए ने दिल्ली में मुकदमा दर्ज कर जांच अपने हाथ में ले ली थी। इसके बाद जांच पड़ताल कर हैदराबाद में रहने वाले कैराना निवासी दो सगे भाई नासिर व इमरान पुत्र मूसा खान को 30 जून को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में दोनों आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के सदस्य पाए गए। दोनों ने अपने संगठन के लोगों की मदद से विस्फोट को अंजाम दिया था। दोनों ने कैराना के ही रहने वाले दो लोगों सलीम व कफील के नाम लिए तो एनआइए टीम शुक्रवार दोपहर कैराना कोतवाली पुलिस पहुंची। दोनों को एनआइए ने हिरासत में लिया हुआ है। दोनों को जिला एवं सत्र न्यायालय कैराना कोर्ट में पेश किया गया। एनआइए ने दोनों का ट्रांजिट रिमांड के लिए आवेदन किया है। कोर्ट से आदेश प्राप्त करने के बाद एनआइए टीम दोनों को अपने साथ ले जाएगी। वहां दरभंगा विस्फोट प्रकरण में उनकी भूमिका की जांच पड़ताल होगी।
यह है पूरा मामला
हैदराबाद से एनआइए ने जिन दो भाइयों इमरान मलिक और नासिर खान को गिरफ्तार किया है, वह दोनों शामली के कैराना नगर के मोहल्ला कायस्थवाड़ा के निवासी हैं। शामली में अब तक चार लोगों का नाम दरभंगा रेलवे स्टेशन के पार्सल में ब्लास्ट कांड से जुड़ गया है। इसी कारण शामली का कैराना एक बार फिर से सुर्खियों में है। बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर बीते वर्ष 17 जून को पार्सल में ब्लास्ट होने के बाद सिकंदराबाद से आए कपड़े के बंडल वाले पार्सल की पड़ताल हो रही है। एनआइए ने दो आरोपितों को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया। एनआईए की गिरफ्त में आए इमरान मलिक और नासिर खान मूल रूप से कैराना के हैं।
कपड़े का कारोबार
यह दोनों सगे भाई पिछले कई वर्ष से हैदराबाद में रहकर कपड़े का कारोबार करते थे। इन आरोपितों के पिता मूसा खान एक रिटायर फौजी हैं। मूसा खान ने 1962 में भारत व चीन के बीच हुए युद्ध में बहादुरी दिखाई थी। शामली के पुलिस अधीक्षक सुकीर्ति माधव ने कहा कि हैदराबाद में पकड़े गए दोनों भाइयों के बारे में अभी तक किसी भी जांच एजेंसी ने शामली पुलिस से संपर्क नहीं किया है। इतना ही नहीं, अभी तक हमसे कोई भी जानकारी साझा नहीं की गई है।