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मेरठ पहुंचे नए SSP प्रभाकर चौधरी, भ्रष्‍टाचार पर लगाम के लिए अपनाएंगे यह रणनीति

अंबेडकरनगर के रहने वाले 2010 बैच के आइपीएस अफसर प्रभाकर चौधरी को मुरादाबाद के बाद मेरठ में एसएसपी पद पर तैनाती दी गई है। प्रभाकर चौधरी ने फोन पर बताया कि मेरठ में पूरी पारदर्शिता के साथ पुलिसिंग की जाएगी। भ्रष्‍टाचार पर लगाम कसेंगे।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 02:20 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 02:20 PM (IST)
मेरठ पहुंचे नए SSP प्रभाकर चौधरी, भ्रष्‍टाचार पर लगाम के लिए अपनाएंगे यह रणनीति
अधीनस्थ अफसरों की कमेटी बनाकर तैनाती करते हैं एसएसपी प्रभाकर चौधरी।

मेरठ, जेएनएन। मेरठ के नए एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बुधवार को मेरठ आकर अपना कार्यभार संभाल लिया है। इस मौके पर उन्‍हें गार्ड आफ आनर भी दिया गया। इसके पूर्व वे मुरादाबाद में तैनात थे। प्रभाकर चौधरी 2010 बैच के आइपीएस अफसर हैं। मेरठ में उनकी तैनाती को लेकर पहले से ही हलचल मच गई है। दरअसल, थाना प्रभारियों की तैनाती भी प्रभाकर चौधरी अधीनस्थ अफसरों की कमेटी बनाकर करते हैं। ताकि कोई भी दागी पुलिसकर्मी को थाने की कमान न दी जाए। शिकायत मिलने के बाद भी उसी कमेटी से जांच कराने के बाद कार्रवाई की जाती है। मेरठ में भी प्रभाकर चौधरी इसी फार्मूले को लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि पूरी पारदर्शिता से पुलिस बल को काम करना होगा।

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बताई अपनी प्राथमिकता

अंबेडकरनगर के रहने वाले 2010 बैच के आइपीएस अफसर प्रभाकर चौधरी को मुरादाबाद के बाद मेरठ में एसएसपी पद पर तैनाती दी गई है। प्रभाकर चौधरी ने फोन पर बताया कि मेरठ में पूरी पारदर्शिता के साथ पुलिसिंग की जाएगी। भ्रष्टाचार पर अंकुश और महिला अपराध को पूरी तरह से रोकना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। भ्रष्टाचार रोकने के लिए हर जनपद में वाट्सएप नंबर जारी कर लोगों की समस्या सुनी गई। इसी तरह मेरठ में भी वाट्सएप नंबर जारी कर भ्रष्टाचार पर वार किया जाएगा। यानि कोई भी पीडि़त उक्त वाट्सएप नंबर पर पुलिसकॢमयों की वसूली की शिकायत दर्ज करा सकता है।

भ्रष्‍टाचार पर करेंगे प्रहार

प्रभाकर चौधरी ने बताया कि उनका पूरा फोकस अपराध कंट्रोल पर रहता है। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी बलिया, बुलंदशहर, कानुपर और सोनभ्रद में एसपी रह चुके हैं। वाराणसी और मुरादाबाद में बतौर एसएसपी नियुक्ति हुई थी। मेरठ में भी बतौर एसएसपी तैनाती हुई है। प्रभाकर चौधरी ने बताया कि उनकी पहली क्राइम मीटिंग में ही अधीनस्थों को काम का तरीका बता दिया जाता है। यानि उन्हें पहले काम से कोई सरोकार नहीं है। उनका तर्क है कि आने वाले समय में भ्रष्टाचार से परहेज करें। थाने में आने वाले हर पीडि़त को न्याय दिलाना उनकी पहली प्राथमिकता है। बता दें कि कानपुर के अलावा वाराणसी में भी प्रभाकर चौधरी चर्चा में आए थे। उन्होंने वहां भी सिफारिश के आधार पर काम करने से इन्कार कर दिया था। अचानक हुए स्थानांतरण के बारे में प्रभाकर चौधरी ने अनिभिज्ञता जाहिर की। उनका कहना है कि शासन जिस जनपद में तैनाती देगा, वहीं पर काम करेंगे।


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