केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक बोले-नई शिक्षा नीति आत्मनिर्भर भारत का आधार
मेरठ में शोभित विवि में शुक्रवार को नई शिक्षा नीति को लेकर वेबिनार का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक थे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को मुख्य उद्देश्य मनुष्य को विकसित करना है।
मेरठ, जेएनएन। शोभित विवि में शुक्रवार को नई शिक्षा नीति को लेकर वेबिनार का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक थे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को मुख्य उद्देश्य मनुष्य को विकसित करना है। नई शिक्षा नीति आने के बाद करीब आठ से दस देशों ने अपने शिक्षा मंत्रियों के साथ हमसे संपर्क किया है, जो भारत की नई शिक्षा नीति को अपने देश में लागू करने की इच्छा जता रहे हैं। नई शिक्षा नीति आत्मनिर्भर भारत का आधार साबित होगी।
सरकार 22 भारतीय भाषाओं को मजबूत करने और इन भाषाओं को बढ़ावा देना चाहती है। शोभित विवि के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र ने कहा कि केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति नहीं, बल्कि देश को नई दिशा दी है। वेबिनार में दीपक सूद, डा. प्रशांत भल्ला, विनित गुप्ता, अनंत सोनी, दिव्या लाल, डा. संजय आदि रहे। जैव प्रौद्योगिकी में अवसर अधिक एमआइईटी के जैव प्रौद्योगिकी विभाग में आनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू किया गया। इसमें वैज्ञानिक डा. असलम ने बताया कि जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं।
डा. राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि जैव प्रौद्योगिकी विज्ञान का एक ऐसा क्षेत्र है जो हमारे जीवन को निरंतर प्रभावित करती है। डा. नितिन शर्मा ने कहा कि सरकार का लक्ष्य वर्ष 2025 तक भारत को जैव प्रौद्योगिकी आधारित 100 बिलियन डालर की अर्थव्यस्था के रूप में विकसित करने का है। डा. मीनू गुप्ता ने नैनो-टेक्नोलॉजी के विषय में बताया। डा. पूनम चौधरी ने नई माइक्रोस्कोपी पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में चेयरमैन विष्णु शरण अग्रवाल, वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, डायरेक्टर डा. मयंक गर्ग आदि रहे।