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New education policy 2021-22: उच्च शिक्षा परिषद ने जारी किया एकीकृत पाठ्यक्रम, जल्‍द लागू होगी नई शिक्षा नीति

नई शिक्षा नीति प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों में सत्र 2021-22 से नई शिक्षा नीति लागू होने वाली है। कोर्स को सर्टिफिकेट डिप्लोमा और डिग्री में किया विभाजित। सभी विश्वविद्यालयों से परिषद ने सिलेबस पर मांगे सुझाव।

By Taruna TayalEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 04:56 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 04:56 PM (IST)
New education policy 2021-22: उच्च शिक्षा परिषद ने जारी किया एकीकृत पाठ्यक्रम, जल्‍द लागू होगी नई शिक्षा नीति
सत्र 2021-22 से नई शिक्षा नीति लागू होने वाली है।

मेरठ, जेएनएन। चौधरी चरण स‍िंह विवि समेत प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों में सत्र 2021-22 से नई शिक्षा नीति लागू होने वाली है। पहले 

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चरण में स्नातक स्तर पर नई शिक्षा नीति के तहत सिलेबस तैयार किए गए हैं।

राज्य शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर नए एकीकृत पाठ्यक्रम को अपलोड भी कर दिया गया है। जिसके तहत छात्रों को मल्टीपल च्वाइस और एग्जिट की सुविधा दी गई है। नए पाठ्यक्रम को इसी के अनुसार सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, डिग्री कोर्स में विभाजित किया गया है। उच्च शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर स्नातक स्तर पर अनिवार्य विषय के सिलेबस अपलोड किए गए हैं, जिसमें खाद और पोषण, स्वास्थ्य और सफाई, शारीरिक शिक्षा और योग, विश्लेषणात्मक क्षमता और डिजिटल जागरूकता, संचार कौशल और व्यक्तित्व विकास के साथ ङ्क्षहदी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, कृषि, वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान, कंप्यूटर, गणित, भौतिक विज्ञान, इतिहास, कानून, दर्शन, मनोविज्ञान, राजनीति विज्ञान, गृह विज्ञान आदि कई विषयों के पाठ्यक्रम अपलोड किए गए हैं। सिलेबस को पूरी तरह से रोजगारपरक बनाने की कोशिश की गई है। ङ्क्षहदी को और अधिक व्यवहारिक बनाने का प्रयास किया गया है। इसमें कार्यालयी ङ्क्षहदी, कंप्यूटर, अंग्रेजी में कंप्यूटर और राइट‍िंग, संस्कृत में कंप्यूटर शिक्षा को भी शामिल किया गया है।

प्रोजेक्ट वर्क भी जोड़ा

राजनीति, समाजशास्त्र, शिक्षा शास्त्र, भूगोल, इतिहास जैसे परंपरागत कोर्स में प्रोजेक्ट वर्क जोड़ा गया है। विज्ञान विषय में भी नए टापिक जोड़े गए हैं। सभी टापिक पर उच्च शिक्षा परिषद ने सभी विश्वविद्यालयों से सुझाव भी मांगा है। चित्रा प्रकाशन के एडिटर इन चीफ शरद भटनागर ने बताया कि इस बदले पाठ्यक्रम से शासन ने शिक्षा को रोजगारपरक बनाने की कोशिश की है। भाषा में कंप्यूटर को जोडऩा इसका उदाहरण है। छात्रों के व्यक्तित्व विकास को लेकर भी सिलेबस है। जो छात्रों के लिए उपयोगी होगा। क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डा.राजीव गुप्ता का कहना है कि नए सिलेबस निश्चित तौर पर युवाओं को नई दिशा दिखाएंगे।  


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