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Corona Test: प्राइवेट लैब में बड़ी लापरवाही, कोरोना पॉजिटिव निकले निगेटिव, लाइसेंस रद करने की मांग उठी Meerut News

कोरोनाकाल में जहां लोग भय के बीच घरों में कैद हैं वहीं निजी लैब उनके जीवन से खिलवाड़ करने में पीछे नहीं हैं। निजी लैबों में कोरोना जांच को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है।

By Prem BhattEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 10:10 AM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 10:10 AM (IST)
Corona Test: प्राइवेट लैब में बड़ी लापरवाही, कोरोना पॉजिटिव निकले निगेटिव, लाइसेंस रद करने की मांग उठी Meerut News
Corona Test: प्राइवेट लैब में बड़ी लापरवाही, कोरोना पॉजिटिव निकले निगेटिव, लाइसेंस रद करने की मांग उठी Meerut News

मेरठ, जेएनएन। Corona Test इस कोरोनाकाल में जहां लोग भय के बीच घरों में कैद हैं वहीं निजी लैब उनके जीवन से खिलवाड़ करने में पीछे नहीं हैं। निजी लैबों में कोरोना जांच को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है। लैब ने आठ मरीजों को कोरोना पॉजिटिव बताया था, जिसकी क्रॉस जांच कराई गई तो छह निगेटिव मिले। इन सभी मरीजों को कोविड से निकालकर अलग वार्ड में भर्ती किया गया है। जिलाधिकारी अनिल ढींगरा और स्वास्थ्य विभाग ने लैब के खिलाफ शासन को शिकायती पत्र भेजकर इंडियन काउंसलि ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) से लैब का लाइसेंस रद करने की मांग की है। फिलहाल तत्काल प्रभाव से मेरठ में इस लैब द्वारा की जा रही सैंपलिंग को रोक दिया गया है।

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24 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव

गुरुग्राम स्थित इस लैब से अब तक 24 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव बताई जा चुकी है। इसमें कई डॉक्टर भी शामिल हैं। मेरठ में मॉडर्न लैब, एसआरएल, लाल और रेनबैक्सी में कोरोना की जांच की जाती है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मॉडर्न लैब की कई जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर शक हुआ। सभी आठ मरीजों की 24 घंटे के अंदर मेडिकल कॉलेज में जांच कराई गई। रिपोर्ट निगेटिव आते ही विभाग में हड़कंप मच गया। मुलायम सिंह यादव मेडिकल कॉलेज के कोरोना वार्ड में भर्ती मरीजों की वहां से अलग कर सुभारती मेडिकल कॉलेज के एक अलग वार्ड में भर्ती कर दिया गया। पांच दिन बाद सभी मरीजो में कोरोना की दोबारा जांच की जाएगी।

संदिग्ध हैं लैब की गतिविधियां

मॉडर्न लैब का कलेक्शन सेंटर दिल्ली रोड स्थित रानी मिल पर है, जहां एक लड़का घर और अस्पतालों में पहुंचकर सैंपल लेता है। डॉक्टरों ने बताया कि ये एक ही पीपीई किट और दस्ताना पहनता है, जबकि हर सैंपल से पहले किट बदलना चाहिए। सरकारी सैम्पलों की जांच का रेट 2500, जबकि निजी अस्पतालों से 3000 से 3800 रुपये तक है। वहीं, सीएमओ डॉ राजकुमार ने कहा कि निजी लैब की जांच रिपोर्ट ने भरोसा तोड़ा है। निजी लैब ने आठ सैम्पलों को पॉजिटिव बताया था, जिसकी गोपनीय जांच कराई गई और छह रिपोर्ट निगेटिव मिली। ये बेहद गंभीर अपराध है। ये लैब 24 मरीजों को पॉजिटिव बता चुकी है, जो सभी संदेह के घेरे में हैं।

पांच कलेक्शन सेंटर थे

कोरोना की जांच में गड़बड़ी को लेकर मॉडर्न डाइग्नोस्टिक एंड रिसर्च सेंटर प्रशासन के निशाने पर आ गया है। लैब के नगर में रानी मिल से लेकर गंगानगर तक पांच कलेक्शन सेंटर थे। सीएमओ डॉ राजकुमार ने बताया है कि इस लैब में अब तक मेरठ के 1253 सैम्पलों की जांच की गई है, जिसमें 24 पॉजिटिव मिले

एक महिला की रिपोर्ट पर हुआ शक

गत दिनों एक महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी, जिसकी जांच उसी दिन मेडिकल कॉलेज में करायी गयी। वहां पर रिपोर्ट नेगेटिव मिलते ही जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने इस लैब के सैम्पलों की क्रास चेक करने के लिए कहा, और लैब का खेल उजागर हो गया। लैब के सैंपल लेने पर रोक लगा दी गयी है।

अब निजी लैब की हर जांच की क्रास जांच

सीएमओ ने बताया है कि सभी चार निजी लैबों की जांच रिपोटों को चेक किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज की लैब में इन सैम्पलों की दोबारा जांच होगी।

इनका कहना है

शिकायत के आधार पर मॉडर्न लैब द्वारा जांच के बाद जारी की जा रही रिपोर्ट को क्रास चेक कराया गया। दो दिन की रिपोर्ट में ही खासा अंतर आ गया है। सामान्य लोगों को भी लैब कोरोना पॉजिटिव घोषित करके उनकी जान के साथ खिलवाड़ कर रही है। इस मामले में लैब के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के साथ साथ लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति शासन को भेजी गई है।

- अनिल ढींगरा, जिलाधिकारी 


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