कहने को तो लावड़ में एक दर्जन से ज्यादा सरकारी प्याऊ हैं, फिर भी पानी को तरस रहे लोग
कहने को तो लावड़ में करीब एक दर्जन सरकारी प्याऊ लगी हुई हैं लेकिन लगभग सभी प्याऊ खराब हैं अथवा उनमें गंदगी का अंबार है। जिसके बावजूद रहागीरों को प्याऊ का पानी नहीं मिल पा रहा है। नगर के सरकारी हैंडपंप और स्ट्रीट लाइटें भी खराब।
मेरठ, जेएनएन। नगर पंचायत में करीब एक दर्जन सरकारी प्याऊ लगी हुई हैं। लगभग सभी प्याऊ खराब हैं, अथवा उनमें गंदगी का अंबार है। जिसके बावजूद रहागीरों को प्याऊ का पानी नहीं मिल पा रहा है। नगर के हैंडपंप भी खराब हैं। जो एक, दो सहीं हैं, उन भीड़ रहती है। क्षेत्रवासियों ने कई बार स्थानीय पार्षद और नगर पंचायत दफ्तर में शिकायतें की, बावजूद इसके प्याऊ और हैंडपंप ठीक नहीं कराए गए हैं।
नगर पंचायत के प्रत्येक वार्ड में एक-एक सरकारी प्याऊ (स्टील के बड़े बॉक्स में बनी पानी की टंकी) को राहगीर और क्षेत्रवासियों को पानी पीने के लिए लगवाया गया था। कुछ दिनों तक यह टंकी सही काम करती रही, मगर बाद में एक-एक कर सभी प्याऊ खराब हो गई। स्टील में जंग लगने लगा। अंदर की तरफ पानी सड़ने की वजह से बदबू उठने लगी। लोगों ने इसकी शिकायत पार्षदों और नगर पंचायत दफ्तर में भी की थी। मगर, हालात जस के तस हैं। दूसरी ओर, लोगाें ने बताया कि नगर के नाले चोक होने की वजह से पानी गली और सड़क पर भर जाता है। यदा-कदा ही नालियां और नालों की सफाई होती है। जो हैंडपंप और स्ट्रीट लाइटें खराब हैं, उनकी मरम्मत तक नहीं होती। कई गलियों में रात को अंधेरा रहता है।