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Namami Gange Yojana: किसान करेंगे करामात, जैविक खेती से ‘शुद्ध’ करेंगे गंगा का किनारा

यूपी प्रदेश सरकार ने गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए अब तक का सबसे बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश में गंगा किनारे खेती बाड़ी में अब रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा। गंगा के किनारे अब जैविक खेती की जाएगी।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 11:50 AM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 11:50 AM (IST)
Namami Gange Yojana: किसान करेंगे करामात, जैविक खेती से ‘शुद्ध’ करेंगे गंगा का किनारा
गंगा को स्‍वच्‍छ करने को यूपी सरकार का सराहनीय कदम।

मेरठ, (नवनीत शर्मा)। यूपी प्रदेश सरकार ने गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए अब तक का सबसे बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश में गंगा किनारे खेती बाड़ी में अब रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा। गंगा के किनारे अब जैविक खेती की जाएगी। इसके लिए मवाना व परीक्षितगढ़ के आठ गांवों का चयन किया गया है। इन गांवों के एक हजार से अधिक किसान गंगा के किनारे पर जैविक खेती करेंगे। इससे गंगा तो प्रदूषण मुक्त होगी ही, साथ ही जलीय और वन्य जीवों के जीवन पर गहरा रहा रासायनिक संकट खत्म हो जाएगा।

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प्रदेश सरकार ने गंगा के किनारे पर होने वाली परंपरागत खेती में बदलाव कर प्रदूषण पर लगाम लगाने के साथ किसानों की अर्थव्यवस्था बदलने की योजना तैयार की है। योजना के तहत मेरठ के मवाना व परीक्षितगढ़ के आठ गांवों का चयन योजना के लिए किया गया है। इन गांवों के एक हजार से अधिक किसान गंगा के किनारे पर जैविक खेती करेंगे। इसके लिए कलस्टर तैयार कर जिम्मेदारी दे दी गई है।

नमामि गंगे योजना के तहत गंगा का प्रदूषण से मुक्ति के लिए हर स्तर पर कार्य हो रहा है। अब गंगा के किनारे पर जैविक खेती कराने की योजना परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत तैयार की गई है। योजना में गंगा किनारे बसे प्रदेश के 44 जनपदों को शामिल किया गया है। मेरठ व सहारनपुर मंडल के जनपद भी इसमें शामिल हैं।

इन बिंदुओं पर भी डाले एक नजर

08 जैविक खेती के लिए चयनित गांव

1100 जैविक खेती के लिए चयनित किसान

900 हैक्टेयर जमीन पर होगी जैविक खेती

45 जैविक खेती के लिए कलस्टर किए तैयार

ऐसे होगा लाभ

गंगा के किनारे की जमीन पर जैविक खेती होने से जहां खतरनाक खाद व कीट नाशक का प्रयोग बंद हो जाएगा, वहीं गंगा में फसलों के अवशेष भी बहाने से मुक्ति मिलेगी। उधर, परंपरागत खेती के साथ जैविक खेती करने से किसानों को अतिरिक्त लाभ तो होगा ही, साथ ही सरकार की अनुदान संबंधित योजनाओं का लाभ भी प्रदान किया जाएगा।

सीडीओ शशांक चौधरी ने कहा: गंगा के किनारे पर जैविक खेती की योजना तैयार है। कृषि विभाग ने खेती की जमीन के साथ किसानों चयन भी कर लिया है। किसानों को भी खेती के लिए तैयार किया जा रहा है। 


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