शहरवासियों को बंदरों के आतंक से मिलेगी निजात, पकड़वाने के लिए नगर निगम ने निकाला टेंडर Meerut News
शहर में आतंक का पर्याय बने बंदरों को पकड़ने के लिए नगर निगम प्रशासन ने टेंडर निकाल दिया है। बंदर 36 प्रकार के प्रतिबंधों के आधार पर पकड़े जाएंगे।
मेरठ, जेएनएन। शहर में आतंक का पर्याय बने बंदरों को पकड़ने के लिए नगर निगम प्रशासन ने टेंडर निकाल दिया है। बंदर 36 प्रकार के प्रतिबंधों के आधार पर पकड़े जाएंगे। मालूम हो कि नवम्बर में नगर निगम ने बंदर पकड़ने की वन विभाग से अनुमति मांगी थी, जिसके सापेक्ष वन विभाग में 30 दिन की अनुमति देते हुए कहा था कि 36 प्रकार के प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए बंदर पकड़े जाएंगे। पकड़े गए बंदर शिवालिक वन प्रभाग के सहारनपुर वन क्षेत्र में छोड़े जाएंगे। लेकिन नगर निगम प्रशासन दी गई अनुमति अवधि में कोई कार्रवाई नहीं कर पाया।
16 जनवरी को खुलेगा टेंडर
नगर निगम और वन विभाग में बंदरों से हमले से परेशान लोगों की शिकायतों का अंबार लग गया। अनुमति की अवधि गुजर जाने के बाद एक बार फिर नगर निगम प्रशासन ने दोबारा वन विभाग की डीएफओ अदिति शर्मा को अनुमति देने के लिए पत्र लिखा है। साथ ही एजेंसी तय करने के लिए टेंडर भी निकाल दिया है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह के अनुसार टेंडर अपलोड कर दिया गया है। 16 जनवरी को टेंडर खुलेगा। इस बीच नगर निगम मथुरा और अलीगढ़ में बंदर पकड़ने वाले लोगों और एजेंसियों से संपर्क करेगा। ताकि इस बार कार्य योजना को अमलीजामा पहनाया जा सके।
आवारा कुत्तों की नसबंदी नहीं हुई शुरू
उधर, नगर निगम प्रशासन आवारा कुत्तों की नसबंदी व एंटी रेबीज वैक्सिनेशन के लिए एजेंसी तय कर भूल गया है। अलीगढ़ की एजेंसी छह माह से काम शुरू करने के लिए नगर निगम के चक्कर काट रही है। लेकिन निगम अधिकारियों की ओर से अभी तक काम शुरू करने की अनुमति नही दी गई है। जिससे आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी पर अंकुश लगाने की योजना फाइलों में ही कैद हो गई है।