निगम और पुलिस में नहीं तालमेल..टै्रफिक सिस्टम भी हो गयाफेल
शहर में लगने वाले जाम के लिए सिर्फ यातायात पुलिस ही नहीं, बल्कि नगर निगम भी जिम्मेदार है। अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस को निगम के अफसर टीम उपलब्ध नहीं करा रहे हैं, जिसे लेकर दोनों में खींचतान मची है।
मेरठ । शहर में लगने वाले जाम के लिए सिर्फ यातायात पुलिस ही नहीं, बल्कि नगर निगम भी जिम्मेदार है। अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस को निगम के अफसर टीम उपलब्ध नहीं करा रहे हैं, जिसे लेकर दोनों में खींचतान मची है।
जाम का झाम शहर के लिए मुसीबत बन चुका है। गलियों से लेकर मुख्य मार्ग तक आए दिन जाम रहते हैं। यातायात पुलिस खुद को पाक-साफ बताते हुए नगर निगम पर जाम का ठीकरा फोड़ रही है। करीब 15 दिन पूर्व बचत भवन में बैठक के दौरान ट्रैफिक एसपी ने एसीएम के समक्ष अतिक्रमण हटाने के लिए निगम का सहयोग मांगा था। इससे पूर्व भी कई बार मौखिक रूप से निगम के अधिकारियों से टीम मांगी जा चुकी है। बावजूद, टीम उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।
जुर्माना वसूले निगम
ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि निगम की टीम साथ होगी तो अतिक्रमण हटाना आसान हो जाएगा। ट्रैफिक पुलिस चालान कर सकती है, जबकि निगम ठेला-पटरी व दुकानदारों से सीधे जुर्माना वसूल सकता है। एक सड़क पर एक सप्ताह अभियान चलाया जाए तो शहर अतिक्रमण मुक्त किया जा सकता है।
एक फुटपाथ भी खाली नहीं
व्यापारियों ने अपनी दुकानों के आगे फुटपाथ को बेच रखा है, जहां ठेला-पटरी वाले खड़े होते हैं। एक भी फुटपाथ ऐसा नहीं है, जहां अतिक्रमण न हो। जाम की बड़ी वजह फुटपाथ खाली नहीं होना भी है।
कौन झूठा-कौन सच्चा
ट्रैफिक एसपी संजीव कुमार बाजपेयी का कहना है कि अतिक्रमण हटाने के लिए कई बार निगम से टीम मांगी गई है। 15 दिन पूर्व भी बचत भवन में बैठक के दौरान टीम मांगी, जो नहीं दी गई। इस संबंध में अब डीएम से बात की जाएगी।
इधर, अतिक्रमण हटाओ अभियान के प्रभारी राजेश कुमार का कहना है कि एसपी ट्रैफिक की ओर से कोई पत्र या फोन नहीं आया है। यदि वह टीम मांगते हैं तो उपलब्ध करा दी जाएगी।