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अंडरग्राउंड ऑप्टिकल फाइबर केबिल बिछाने में करोड़ों की राजस्‍व हानि, फाइल नहीं दे रहे अफसर Meerut News

अगस्‍त का महीना खत्‍म होने को है लेकिन मेरठ नगर निगम के अफसरों ने कमिश्‍नर को अभी तक वो जांच आख्‍या उपलब्‍ध नहीं कराई है। जिसके आदेश 30 अप्रैल को जारी हुए थे।

By Prem BhattEdited By: Published: Tue, 27 Aug 2019 10:10 AM (IST)Updated: Tue, 27 Aug 2019 10:10 AM (IST)
अंडरग्राउंड ऑप्टिकल फाइबर केबिल बिछाने में करोड़ों की राजस्‍व हानि, फाइल नहीं दे रहे अफसर Meerut News

मेरठ, जेएनएन। नगर निगम अफसरों ने मोबाइल कंपनी से मिलीभगत करके शहर की सड़कों पर स्वीकृत से कई गुना अधिक क्षेत्र में भूमिगत ऑप्टिकल फाइबर केबिल डलवा दी। इससे निगम को करोड़ों के राजस्व की हानि हुई। इस शिकायत पर कमिश्नर ने जांच बैठाकर नगर निगम से स्वीकृति की पत्रावली मांगी लेकिन अफसरों ने चार महीने में भी पत्रावली नहीं दी। अब कमिश्नर ने एक सप्ताह के भीतर पत्रावली भेजने का आदेश दिया है।

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RTI से हुआ था राजफाश
गोविंदपुरी कंकरखेड़ा निवासी जावेद ने 4 अप्रैल को कमिश्नर अनीता सी मेश्राम से शिकायत करके आरटीआइ से प्राप्त दस्तावेज भी सौंपे थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि नगर निगम, पीडब्ल्यूडी और विकास प्राधिकरण के क्षेत्रों में ऑप्टिकल फाइबर केबिल डालने की अनुमति शासन ने दी थी। दिशा निर्देश के मुताबिक कंपनी को प्रत्येक 100 मीटर दूर गड्ढा खोदकर उसी की मदद से भूमिगत केबिल डालना था। केबिल डालकर उन्हें बंद करके पूर्व स्थिति में लाना था।

ज्‍यादा क्षेत्र में डाला गया केबिल
प्रत्येक गड्ढा 10 हजार तथा प्रत्येक खंभा 5 हजार रुपये जमानत राशि जमा करानी थी। नगर निगम क्षेत्र में 165.85 किमी तथा पीडब्ल्यूडी ने 55 किमी क्षेत्र में तार डालने की अनुमति दी। आरोप है कि निगम क्षेत्र में 550 किमी तथा पीडब्ल्यूडी के क्षेत्र में 180 किमी से ज्यादा क्षेत्र में केबिल डाल दिया गया। क्षतिग्रस्त सड़कों को भी ठीक नहीं कराया। 40 टावर के साथ 40 डिजिटल जेनरेटर भी लगा दिये। जिनकी न तो कोई अनुमति ली गई और न ही किराया जमा कराया गया। इससे निगम के खजाने को करोड़ों रुपये की हानि हुई। उन्होंने जांच कराकर कार्रवाई की मांग की थी।


कमिश्‍नर ने 30 अप्रैल तक मांगी थी जांच आख्‍या
कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने अपर आयुक्त उदयीराम को यह जांच सौंपते हुए संबंधित विभागों से पत्रावली तलब करके जांच आख्या 30 अप्रैल तक मांगी थी। जांच अधिकारी ने तत्कालीन नगर आयुक्त से इसकी पत्रावली मांगी थी। लेकिन पत्रावली नहीं दी गई। चार महीने के भीतर चार पत्र लिखे गये। अब कमिश्नर ने कड़ा पत्र भेजकर एक सप्ताह में पत्रावली उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।

इनका कहना है
मामला हमारे कार्यकाल से पहले का है। कमिश्नर का पत्र मिलते ही संबंधित फाइल भेज दी जाएगी। इस संबंध में दो दिन पहले हमे भी एक शिकायती पत्र मिला है। जिसपर मुख्य अभियंता से रिपोर्ट मांगी गई है।
- डा. अरविंद चौरसिया, नगर आयुक्त

बोर्ड बैठक आज, हंगामे के आसार
नगर निगम की बोर्ड बैठक आज होगी, जिसमें विभिन्न मुद्दों को लेकर हंगामा होने के आसार हैं। इसमें सफाई, नाला, वार्डों में विकास कार्य व ईईएसएल की खराब लाइटों पर चर्चा होगी। नगर निगम के हर वार्ड में ईईएसएल की लाइटें खराब हैं, विकास कार्य थमा हुआ है। वहीं निर्माण अनुभाग को कार्य कराने के लिए धन नहीं मिल पा रहा है और राजस्व वसूली नाममात्र की रह गई है। बार्ड की बैठक में इसके साथ ही गोशाला में गायों की मौत का प्रकरण भी गूंजेगा।

उठेगा छह कॉलोनियों के हैंडओवर का मुद्दा
दुकानों का किराया बढ़ाने को लंबे समय से प्रस्ताव आ रहे हैं, इसको लेकर डीएम सर्किल रेट के अनुसार किराया तय किया जा सकेगा। एमडीए छह कॉलोनियों को नगर निगम को हैंडओवर करने को प्रयासरत है, इसको लेकर भी बैठक में चर्चा होगी। आम सहमति से कॉलोनियां ली भी जा सकती हैं।

गर्ल्‍स हॉस्टल, कॉमन सेंटर बनाने पर मुहर संभव
महापौर सुनीता वर्मा की ओर से एक विशेष प्रस्ताव रखा जाएगा, इसमें निगम या प्रबंधन की जमीन पर शासकीय अनुदान के द्वारा गल्र्स हॉस्टल, कॉमन सर्विस सेंटर, बरातघर निर्माण कराना शामिल है। इसके साथ ही प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में इंटरलॉकिंग टाइल्स व अन्य व्यवस्था करने का भी प्रस्ताव रखा जाएगा।

सफाई कर्मचारी करेंगे हंगामा
पिछली बैठकों में सफाई कर्मियों की विभिन्न मांगों पर मोहर लग चुकी है, लेकिन उसका लाभ नहीं दिया जा रहा है। वहीं कुछ नई मांगें भी हैं। इन सबको लेकर सफाईकर्मी हंगामा करने व बाधा उत्पन्न करने का एलान पहले ही कर चुके हैं। 


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