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Muzaffarnagar Panchayat Election Result: सियासी दंगल में सूरमा हुए चित, भाजपा रालोद व सपा के दिग्‍गजों की हार

मुजफ्फरनगर पंचायत चुनाव के परिणाम में भारी उलटफेर देखने को मिला है। जिन चेहरों पर पार्टी ने जिला पंचायत अध्यक्ष का दांव लगाकर मैदान में उतारा था वह चुनाव हार गए हैं। भाजपा रालोद सपा और भाकियू के बड़े पदाधिकारियों की कश्ती पंचायत चुनाव के भंवर में डूब गई।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 02:29 PM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 02:29 PM (IST)
पंचायत चुनाव में दिग्‍गजों की हार हुई है।

[संजीव तोमर] मुजफ्फरनगर। पंचायत चुनाव के परिणाम में भारी उलटफेर देखने को मिला है। जिन चेहरों पर पार्टी ने जिला पंचायत अध्यक्ष का दांव लगाकर मैदान में उतारा था, वह चुनाव हार गए हैं। भाजपा, रालोद, सपा और भाकियू के बड़े पदाधिकारियों की कश्ती पंचायत चुनाव के भंवर में डूब गई। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए पार्टी को नए सिरे से मंथन करना होगा।

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जिला पंचायत अध्यक्ष का पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित है। भाजपा ने इसे ध्यान में रखते हुए पार्टी के बड़े चेहरों को जिला पंचातय सदस्य पद के लिए मैदान में उतारा। इनमें नमामि गंगे के सह प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व में मोरना व मीरापुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े वीरपाल निर्वाल को वार्ड 42 से चुनाव लड़ने की हरी झंडी दी गई, लेकिन रालोद प्रत्याशी प्रभात तोमर से करीबी मुकाबले में हार गए। वहीं पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष और पंचायत चुनाव प्रभारी यशपाल पंवार पर भी दांव खेला गया। वह भी चुनाव हार गए। हालांकि दोनों की हार की मुख्य वजह पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे। निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष आंचल के पति अजरुन तोमर को भी जिला पंचायत सदस्य चुनाव में शिकस्त मिली है। रालोद जिलाध्यक्ष अजीत राठी ने भी जिला पंचायत अध्यक्ष का सपना देखा और वार्ड 34 से अपनी धर्मपत्नी सविता राठी को चुनाव लड़ाया, लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाए। भाजपा समर्थित प्रत्याशी वंदना वर्मा ने भारी मतों से हराया है। इसके साथ ही रालोद युवा के मंडल अध्यक्ष हर्ष राठी और बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष कमल गौतम भी चुनाव हार गए। सपा से कई पदाधिकारियों ने चुनाव लड़ा। आलम यह रहा है कि वार्ड 10 पर बगावत के चलते पार्टी ने किसी भी प्रत्याशी को समर्थन नहीं दिया और सभी सपा नेता चुनावी अखाड़े में चित हो गए। सपा नगर अध्यक्ष अलीम सिद्दीकी, सपा नेता शमशेर मलिक, व सपा मीडिया प्रभारी साजिश हसन की बेगम मेहरूनिशा चुनाव हार गईं।

भाकियू जिलाध्यक्ष तीसरे नंबर पर रहे: भाकियू नेताओं की किसान आंदोलन के जरिए पंचायत चुनाव की फसल काटने की कोशिश नाकाम रही। ग्राम पंचायत सदस्य पदों पर कई भाकियू नेताओं को मुंह की खानी पड़ी। वार्ड 19 से चुनाव लड़े भाकियू के जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान तीसरे नंबर पर रहे। 


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