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Murder Of Sagir: सहारनपुर पंहुचा सगीर का शव, बिलखते हुए बोलीं बेटियां ...आतंकियों का हो खात्मा

Murder Of Sagir घाटी में आतंकियों के हाथों मारे गए सगीर अहमद का शव उनके घर सहारनपुर पहुंच गया। चारों बेटियों के मुह से यही निकल रहा था कि आतंकियों का जड़ से खात्मा किया जाए। सगीर अहमद की हत्‍या सहारनपुर गमगीन है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 10:45 AM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 10:45 AM (IST)
Murder Of Sagir: सहारनपुर पंहुचा सगीर का शव, बिलखते हुए बोलीं बेटियां ...आतंकियों का हो खात्मा
सहारनपुर के सगीर अहमद का शव सोमवार को उनके घर पहुंच गया।

सहारनपुर, जेएनएन। Murder Of Sagir जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों द्वारा मारे गए सहारनपुर के सगीर अहमद का शव सोमवार सुबह पांच बजे उनके घर पहुंच गया। 11 बजे के करीब शव को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। शव को देखकर बेटियां बिलबिला गयी। रोते हुए चारों बेटियों के मुह से यही निकल रहा था कि आतंकियों का जड़ से खात्मा किया जाए। घाटी में आतंकी लगातार बाहरी लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। अभी कल ही आतंकियों ने बिहार के दो लोगों की निर्मम हत्‍या कर दी। सगीर अहमद की हत्‍या के बाद सहारनपुर का माहौल गमगीन है। यहां के कब्रिस्तान में आज सगीर को सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा।

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आतंकियों ने मारी थी गोली 

सहारनपुर के मोहल्ला सराय हिसामुद्दीन निवासी सगीर अहमद (58) जम्मू कश्मीर के पुलवामा में एजाज ट्रेडर्स नाम की एक कंपनी में लकड़ी के कारीगर थे। 16 अक्टूबर को उन्हें आतंकियों ने उस समय गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था, जब वह एक दुकान से सामान खरीद रहे थे। रविवार को उनके शव का पोस्टमार्टम हुआ। एम्बुलेंस के द्वारा शव सोमवार को सहारनपुर पहुंचा। इसी दिन बिहार के अरविंद कुमार की भी आतंकियों ने गोली मारकर हत्या की ही।

सगीर के परिजनों का बुरा हाल, घर पर लगा लोगों का तांता

सगीर के मोहल्ले के रहने वाले पार्षद मंसूर बदर ने बताया कि उनकी चार बेटियां नजराना (32), आयशा, 25) सीबा (23) और शोबी (20) हैं। इनमें शोबी को छोड़कर बाकी तीनों बेटियों की शादी हो चुकी है। एक बेटा भी है। उसका नाम जहांगीर (30) है। उसकी भी शादी हो चुकी है। वह राजस्थान के वाडमेर में कारपेंटर का काम करता है। सगीर की पत्नी नफीसा ( 50) की छह महीने पहले कोरोना से मौत हो चुकी है। उनका पूरा परिवार यहीं पर रहता है। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर है। सगीर अहमद का शव घर पर आते ही परिवार का रो रोकर बुरा हाल है। छोटी बेटी सोबी तो कई बार बेहोश हो गयी।


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