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बेसहारा गोवंशों को सहारा देने के लिए दिन-रात घूमा निगम का गैंग

नगर निगम के कर्मचारियों की टीम ने दिन और रात में चलाया अभियान। अलग-अलग स्थानों से पकड़े 30 पशु, सूरजकुंड में रखे गए।

By Taruna TayalEdited By: Published: Fri, 11 Jan 2019 12:08 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jan 2019 12:08 PM (IST)
बेसहारा गोवंशों को सहारा देने के लिए दिन-रात घूमा निगम का गैंग
बेसहारा गोवंशों को सहारा देने के लिए दिन-रात घूमा निगम का गैंग
मेरठ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी की चेतावनी के बाद नगर निगम ने बेसहारा गोवंशों को सहारा देने के लिए दिन-रात एक कर दिया हैं। गुरुवार को शहर में दिनभर जबरदस्त अभियान चला और 30 पशु पकड़कर सूरजकुंड में रखा गया। रात में भी चार टीमें भेजी गईं। पशुओं की व्यवस्था में कोई कमी न रहे इसलिए नगर आयुक्त सूरजकुंड स्थित कांजी हाउस व वाहन डिपो पर सुबह 10 से शाम सात बजे तक डटे रहे।
नगर निगम ने शुरू किया अभियान
नगर आयुक्त के निर्देश पर नगर निगम के करीब 40 कर्मचारी अधिकारियों के निर्देशन में शहर भर में अलग-अलग टीम बनाकर घूमते रहे। छह-सात सदस्यों वाली यह गैंग लाठी व डंडे के सहारे बेसहारा पशुओं को रोकती और उन्हें रस्सी आदि के सहारे वाहन पर बैठाती। उनके साथ ट्रॉली और कैंटर थे। इन वाहनों के सहारे या पैदल करीब 30 पशुओं को सूरजकुंड रोड स्थित कांजी हाउस लाया गया। इनमें से कुछ पशुओं को सूरजकुंड स्थित वाहन डिपो की खाली जगह में रखा गया। पशुओं को सर्दी से बचाया जा इसलिए टेंट भी लगा दिया गया है। चारे की व्यवस्था की गई और पशुओं के स्वास्थ्य की समस्या न हो इसलिए पशु चिकित्सकों की टीम चेकअप करती रही। चारा व पानी की विशेष व्यवस्था कर दी गई। इन सभी टीमों से अपडेट लगातार अपर नगर आयुक्त अमित कुमार सिंह लेते रहे। वहीं सूरजकुंड वाहन डिपो व कांजी हाउस में विशेष व्यवस्था अपनी निगरानी में कराने के लिए नगर आयुक्त मनोज कुमार चौहान सुबह 10 बजे से शाम 7.00 बजे तक डटे रहे। अपर नगर आयुक्त ने बताया कि अभी अभियान जारी रहेगा। बराल परतापुर में आश्रयशाला निर्माणाधीन है। निर्माण पूरा होने पर बेसहारा पशु वहां रखे जाएंगे।
बेसहारा पशुओं को 20 तक पकडऩे के आदेश
हाई कोर्ट ने नगर निगम मेरठ और नगर निगम वाराणसी को आदेश दिया है कि शहर में कहीं भी आवारा कुत्ते और बेसहारा पशु दिखाई नहीं देने चाहिएं। कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि बेसहारा पशुओं को 20 जनवरी तक और आवारा कुत्तों को पांच फरवरी तक हर हाल में पकड़ें। हाई कोर्ट का यह आदेश इसी सप्ताह एक जनहित याचिका की सुनवाई पर आया है। याचिका मेरठ के मोहम्मद असलम व वाराणसी के मदन लाल यादव ने 2016 में दाखिल की थी। वहीं, इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी के आदेश भी पहले से ही हैं। इसके तहत आश्रयशाला बनाई जा रही हैं। अभियान की रिपोर्ट नगर निगम को आठ मार्च को हाई कोर्ट में अगली सुनवाई में पेश करनी है।
आठ मार्च को तलब की डेयरी बाहर करने की योजना
शहर की मुसीबत बनी डेयरियों को शहर से बाहर शिफ्ट करने के लिए प्रशासन व नगर निगम को योजना बनाने का आदेश भी हाई कोर्ट ने दिया है। एक महीने के अंदर योजना बनाकर डीएम को शासन के पास भेजनी है। इसके बाद शासन इस योजना पर अगले एक महीने में कदम उठाएगा। इसकी प्रगति के बारे में जनहित याचिका पर अगली सुनवाई के दौरान आठ मार्च को इसे प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। 

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