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मुनि निशंक भूषण महाराज ने ली उत्तम समाधि

श्री दिगंबर जैन प्राचीन बड़ा मंदिर पर आचार्य श्री निशंक भूषण जी महाराज की उत्तम समाधि हो गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 10:23 AM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 10:23 AM (IST)
मुनि निशंक भूषण महाराज ने ली उत्तम समाधि
मुनि निशंक भूषण महाराज ने ली उत्तम समाधि

मेरठ, जेएनएन। श्री दिगंबर जैन प्राचीन बड़ा मंदिर पर आचार्य श्री निशंक भूषण जी महाराज की उत्तम समाधि हो गई है। रविवार सुबह उनकी समाधि शरण (अंतिम संस्कार) की क्रियाएं विधिविधान से की जाएंगी।

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आचार्य निशंक भूषण जी महाराज ने 21 फरवरी से समाधि धारण की हुई थी। उन्होंने शनिवार रात नौ बजकर 15 मिनट पर उत्तम समाधि प्राप्त की। मंदिर के महाप्रबंधक मुकेश जैन ने बताया कि उत्तम समाधि के समय आचार्य श्री निशंक भूषण जी महाराज के साथ मुनि प्रणम्य सागर जी महाराज, चंद्रभूषण जी महाराज, भाव भूषण जी महाराज, संयम सागर जी महाराज, भव्य भूषण जी महाराज समेत पूरा परिवार मौजूद था। उन्होंने बताया कि चिकित्सकों को बुलाकर उनकी जांच कराई गई। चिकित्सकों ने उनका शरीर पूरा होने की पुष्टि की।

मुनि निशंक भूषण का जीवन परिचय

मुनि निशंक भूषण का जन्म दो नवंबर 1935 में मेरठ के आदर्श नंगला गांव में हुआ था। उनका पहला नाम नगीन चंद जैन था। सरकारी नौकरी में सेवारत रहने के बाद संसार से उनका मोह भंग हो गया। जैन विद्वान जितेंद्र जैन ने बताया कि 1995 में उन्होंने ब्रह्मचर्य व्रत ले लिया था और परिवार से विरक्त हो गए थे। 25 जुलाई 2005 को वे आचार्य ज्ञान भूषण महाराज से दीक्षा लेकर दिगंबर मुनि बन गए। कठिन त्याग और तपस्या का जीवन व्यतीत करने लगे। आचार्य श्री विहार करते हुए हस्तिनापुर पहुंचे थे। इसके बाद वे आसपास के तीर्थ स्थलों पर विहार करते रहे। पिछले लगभग पांच वर्षो से हस्तिनापुर में ही पंच बालयति मंदिर में विराजमान थे। समाधि धारण के समय वह दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में विराजमान थे।


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