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नालानामा : आबू नाला-एक की सफाई में झोल, बारिश में खड़ी होगी आफत

शहर में नाला सफाई की पोल खुलने लगी है। नगर निगम प्रशासन भले दावे करे कि एक अप्रैल से युद्ध स्तर पर नाला सफाई हो रही है लेकिन हकीकत बिल्कुल जुदा है। इसकी बानगी आबू नाला-एक है। जो अभी तक पूरी तरह से साफ नहीं हो सका है। फोटो 3637 550 जलभराव का फोटो 27 जुलाई का था।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 May 2019 04:00 AM (IST)Updated: Thu, 30 May 2019 06:25 AM (IST)
नालानामा : आबू नाला-एक की सफाई में झोल, बारिश में खड़ी होगी आफत
नालानामा : आबू नाला-एक की सफाई में झोल, बारिश में खड़ी होगी आफत

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फोटो 36,37, 550

जलभराव का फोटो 27 जुलाई का था।

न्यूमेरिक्स

-6000 मीटर लंबा है यह नाला।

-08 फिट चौड़ा और 06 फिट गहरा है नाला।

-07 वार्डो से गुजरता है यह नाला।

-1.50 लाख आबादी की जलनिकासी का है जरिया।

-कचहरी पुल के आगे नाले की दयनीय स्थिति

-कूड़े और गोबर से अटा है नाला, सफाई नहीं हुई

जासं, मेरठ : शहर में नाला सफाई की पोल खुलने लगी है। नगर निगम प्रशासन भले दावे करे कि एक अप्रैल से युद्ध स्तर पर नाला सफाई हो रही है लेकिन हकीकत बिल्कुल जुदा है। इसकी बानगी आबू नाला-एक है। जो अभी तक पूरी तरह से साफ नहीं हो सका है। नाले की सफाई में खानापूरी की जा रही है।

आबू नाला एक नगर निगम सीमा में बेगमपुल से कचहरी पुल होते हुए मंगल पांडेय नगर के पुल से रंगोली मंडप होते हुए जागृति विहार एक्सटेंशन से निकलकर काली नदी में जाकर गिरता है। यह नाला वार्ड 14, 45, 26, 16, 60, 44 और 52 की जलनिकासी का आधार है। डेरावाल, कल्याणी, जवाहर क्वार्टर, आदर्श नगर, खटिकान, नेहरू रोड, कचहरी और आसपास के क्षेत्र, मोहनपुरी, वैशाली समेत अन्य मोहल्लों की जलनिकासी का जरिया है। इस नाले की सफाई नगर निगम ने अप्रैल माह में ही शुरू कर दी थी। बेगमपुल से जवाहर क्वार्टर तक ही नाला साफ नजर आता है। जबकि कचहरी पुल से लेकर आगे मंगल पाण्डेय नगर पुल तक नाले की स्थिति दयनीय है। इस हिस्से में नगर निगम की ओर से भले ही सफाई के दावे किए जाएं लेकिन नाला कूड़ा और गोबर से अटा पड़ा है। सबसे ज्यादा हालात तो कचहरी पुल के आसपास ही खराब हैं। यहां नाला डेयरियों के गोबर की सिल्ट से भरा पड़ा है। यही हालात रहे तो बारिश में नाले की जलनिकासी में अवरोध होगा इससे जलभराव की स्थिति बनेगी।

कई स्थानों पर टूट गई नाले की दीवार

कचहरी पुल से करीब 500 मीटर आगे नाले की दीवार भी टूट गई है। वार्ड 52 के पार्षद मनमोहन जौहरी का कहना है कि यह नाले की सतह कभी पक्की हुआ करती थी। दोनों ओर से सीमेंटेड दीवार थी लेकिन वर्तमान में कई स्थानों पर दीवार टूट गई है। जिससे बारिश में नाले का पानी ओवर फ्लो होकर सड़क और मोहल्लों में आ जाता है।

पिछले साल हुआ था भीषण जलभराव

आबू नाला एक की जलनिकासी में अवरोध का कारण इसकी तल्लीझाड़ सफाई न होना था। इसी वजह से 27 जुलाई 2018 को भीषण बारिश के चलते नाले का पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर आ गया था। जिससे कचहरी रोड और आसपास के क्षेत्र की जलनिकासी प्रभावित हो गई थी और जलभराव की स्थिति पैदा हो गई थी।

इनकी है जिम्मेदारी

यह नाला सूरजकुंड वाहन डिपो अंतर्गत आता है। इसके प्रभारी अरुण खरखौदिया है। सफाई निरीक्षक रविशेखर, अजयशील, सुरेश चंद के क्षेत्र में यह नाला आता है। इन्होंने कहा-

आबू नाला एक की सफाई नियमित चल रही है। कैंट की डेयरियों का गोबर बहाया जा रहा है। जिससे समस्या आ रही है। कचहरी पुल के पास नाले की सफाई दोबारा कराई जाएगी।

डॉ. गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी


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